खट्टर सरकार शहीद के परिजनों को कब तक करेगी नजरअंदाज!

12/1/2018 5:40:01 PM

गुहला चीका (गोयल): गांव भागल के एक शहीद के परिवार को नजरअंदाज करने का मामला सामने आया है। गौरतलब है कि 18 अगस्त, 2018 को गुहला-चीका के गांव भागल का 23 वर्षीय एक नौजवान राजेश पुनिया लद्दाख के पास एक चोटी पर शहीद हो गया था। आर्मी ने उसको शहीद का दर्जा भी दिया था। लेकिन अब मनोहर सरकार शहीद राजेश के परिजनों को अनदेखा कर रही है। सरकार की इस अनदेखी से आहत शहीद के भाई ने कहा कि सरकार हमारा भाई वापस लौटा दे और हमसे एक करोड़ ले ले।



बता दें कि शहीद राजेश पूनिया का 21 अगस्त को राजकीय मान-सम्मान अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के संस्कार में सरकार की तरफ से परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, स्थानीय विधायक कुलवंत बाजीगर और पूरा जिला प्रशासन भी शहीद के संस्कार में शामिल हुआ। इसके साथ लगभग 20 हजार लोग पूरे हरियाणा से शहीद के संस्कार ने शामिल हुए और शहीद को श्रद्धांजलि दी थी। उस दौरान सरकार ने वादा किया था कि शहीद के परिवार को 50 लाख रुपए और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी, लेकिन आज इस बात को लगभग तीन माह बीत गया है। ना तो कोई राशि दी गई है और ना ही किसी सदस्य को नौकरी मिली है। यहां तक कि शहीद राजेश की शहादत पर भी सरकार द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं।



शहीद के भाई रामपाल पुनिया ने कहा कि सरकार ने एक शहीद का अपमान किया है। यदि सरकार ने कोई सुविधा शहीद के परिवार को देनी ही नहीं, तो ऐसी घोषणा क्यों की। रामपाल ने कहा कि मेरा भाई मुझे लौटा दो और एक करोड़ रुपए ले लो, घर की स्थिति बहुत खराब है। घर का गुजारा रिश्तेदारों की मदद से चल रहा है। घर में कमाने वाला केवल एक ही व्यक्ति था, जो अब इस दुनिया में नहीं है। इसलिए घर के हालात बहुत खराब हैं। माता-पिता दोनों बीमार रहते हैं, उनके इलाज के लिए भी पैसा नहीं है।

उन्होंने बताया कि हम 3 महीने से लघु सचिवालय में अपनी फरियाद लेकर चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हमारा सरकार से निवेदन है कि जो सरकार ने वादा किया था, उसे पूरा करे और परिवार को सहायता राशि और एक नौकरी जल्द से जल्द दें, ताकि परिवार अपने आप को संभाल सके।

Shivam