खट्टर सरकार ने जिला परिषद के अध्यक्षों व उपाध्यक्षों को दी सौगात

6/5/2017 8:27:14 AM

चंडीगढ़ (बंसल):हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला परिषदों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के लिए प्रोत्साहनों की सौगात को मंजूरी प्रदान की है। इसमें उनके मानदेय में वृद्धि, टी.ए./डी.ए. की पात्रता और मोबाइल फोन सुविधा के लिए खर्च राशि बढ़ाना शामिल है। जि.प. अध्यक्ष सरकारी वाहनों और आवासीय सुविधा के भी पात्र हो जाएंगे। प्रवक्ता ने बताया कि जिला परिषदों के अध्यक्षों का मानदेय पहली नवम्बर, 2016 से 3000 से बढ़ाकर 10,000 रुपए प्रतिमाह और उपाध्यक्षों का मानदेय 2000 से बढ़ाकर 7500 रुपए प्रतिमाह किया गया है। इसी प्रकार जि.प. अध्यक्ष राज्य सरकार के ग्रेड-1 (द्ब) के अधिकारियों के समान टी.ए./डी.ए. लेने के पात्र होंगे, जबकि उपाध्यक्ष ग्रेड-2 के अधिकारियों के बराबर टी.ए./डी.ए. लेने के पात्र होंगे। 

जि.प. अध्यक्षों को सरकारी वाहन स्कॉर्पियो डीजल इस शर्त के साथ प्रदान किया गया है कि सरकारी वाहन द्वारा यात्रा 3000 किलोमीटर प्रतिमाह तक सीमित होगी। इसके अतिरिक्त, किसी भी प्रकार की मरम्मत, टायर इत्यादि बदलवाने की अनुमति जि.प. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सी.ई.ओ.) के स्तर पर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब जिला परिषदों को नया कार्यालय फर्नीचर, यदि आवश्यकता है तो अधिकतम 2 लाख रुपए तक फर्नीचर खरीदने के लिए प्राधिकृत किया जाएगा। इससे पूर्व यह सीमा एक लाख रुपए थी। उन्होंने कहा कि केवल जिला परिषदों के अध्यक्षों के जिले से बाहर के दौरा कार्यक्रम को मंडल आयुक्तों द्वारा स्वीकृत किया जाएगा, जबकि जिले के भीतर किए गए दौरे के लिए किसी प्राधिकारी से स्वीकृति लेने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि बहरहाल, वित्त विभाग के निर्देशों के अनुसार दैनिक भत्ता देय होगा।

अध्यक्ष को सरकारी वाहन व आवास की भी सुविधा
जि.प. अध्यक्ष जिला परिषद भवनों में आवासीय सुविधा के भी पात्र होंगे, यदि ऐसे भवन उपलब्ध नहीं हैं तो वे अधिकतम 15000 रुपए प्रतिमाह तक की आवासीय सुविधा किराए पर लेने के लिए सक्षम होंगे। इससे पूर्व यह सीमा 3000 रुपए प्रतिमाह थी। जिला परिषदों के अध्यक्ष कार्यालय और आवास पर टैलीफोन लेने के पात्र होंगे। इसके अतिरिक्त, जिला परिषदों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को मोबाइल फोन के लिए 1000 रुपए का मासिक खर्च भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जि.प. अध्यक्षों के लिए आतिथ्य सत्कार के खर्च की प्रतिपूॢत की सीमा बढ़ाकर अधिकतम 2000 रुपए प्रतिमाह की गई है। इससे पूर्व यह सीमा 1000 रुपए प्रतिमाह थी। यह भी निर्णय लिया गया कि जिन जिलों में जिला परिषदों या पंचायत भवनों की इमारतें उपलब्ध हैं तो वहां वे उनका उपयोग जि.प. कार्यालय के लिए कर सकेंगे। जहां पर ऐसे भवन उपलब्ध नहीं हैं वहां लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के मानदंडों के अनुसार कार्यालय किराए पर लिया जाएगा।