पंचकूला रेरा चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर खेमका ने साधा निशाना

11/28/2017 10:55:17 AM

चंडीगढ़(पांडेय):हरियाणा के चर्चित आई.ए.एस. अधिकारी अशोक खेमका ने रियल स्टेट रैगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में हुई एक पूर्व आई.ए.एस. अफसर की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए हैं। इशारों-इशारों में खेमका ने कहा कि रेरा की पंचकूला पीठ के नवनियुक्त चेयरमैन वाड्रा-डी.एल.एफ. लैंड डील को क्लीनचिट देने वाली कमेटी के सदस्य रहे हैं और खट्टर सरकार कैसे इस पद पर विवादास्पद व्यक्ति को नियुक्त कर सकती है। खास बात यह है कि इस संबंध में नियुक्ति से एक सप्ताह पहले नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र भी लिखा था। चौटाला ने सीधे तौर से इन पदों के लिए लॉबिंग करने वाले 2 अफसरों का नाम लिखा था। हालांकि सरकार ने गुरुग्राम पीठ के लिए इनमें से एक पूर्व आई.ए.एस. का नाम तो काट दिया लेकिन पंचकूला पीठ के लिए सरकार पीछे नहीं हट पाई। 

लिहाजा अब सरकार को खेमका सहित विपक्षी दलों के आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि खट्टर सरकार की ओर से 2 दिन पहले रेरा की गुरुग्राम पीठ के लिए आई.ए.एस. अफसर डा. के.के. खंडेलवाल और पंचकूला पीठ के लिए पूर्व आई.ए.एस. अफसर राजन गुप्ता का नाम चेयरमैन के तौर पर शामिल किया था। इन दोनों चेयरमैनों के नियुक्ति पत्र जारी हो चुके हैं। खेमका ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि ‘वर्ष 2012 में राबर्ट वाड्रा डी.एल.एफ. लैंड डील को क्लीनचिट देने वाली समिति में शामिल रहे एक अधिकारी को सरकार ने रियल एस्टेट रैगुलेटरी के लाभप्रद पद पर नवाजा है। ऐसे लोगों पर सख्ती की बजाय हम उन्हें ढील दे रहे हैं। इनकी सफलता का कौन-सा छिपा हुआ मंत्र है’। खेमका ने वाड्रा डी.एल.एफ. लैंड डील को पूर्व की हुड्डा सरकार में उजागर किया था।

खेमका के समर्थन में आए अनिल विज
रेरा में चेयरमैनों की नियुक्ति में विवादास्पद व्यक्ति की नियुक्ति पर अशोक खेमका के ट्वीट का उनके विभाग के मंत्री अनिल विज ने भी समर्थन किया है। स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज ने कहा है कि सर्च कमेटी को ऐसे अधिकारी का नाम ही नहीं भेजना चाहिए था जोकि विवादास्पद है। खेमका का यह ट्वीट इस समय ब्यूरोक्रेसी में चर्चा का विषय है, क्योंकि कई धुरंधर रेरा में नियुक्ति पाने के लिए लंबे समय से लॉबिंग कर रहे थे। मंत्री अनिल विज पूर्व की हुड्डा सरकार के समय से ही खेमका के समर्थन में रहे हैं।