खेमका ने सरकारी फाइलों की नोटिंग पर उठाया सवाल, आदेश मानने से किया इंकार

5/4/2017 10:07:33 AM

चंडीगढ़(अविनाश पांडेय):हरियाणा के चर्चित आई.ए.एस. अधिकारी अशोक खेमका एक बार फिर से सरकार को आईना दिखाने की तैयारी में हैं। खेमका ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारियों के नोट पर सवाल खड़े किए हैं। खेमका ने पत्र में साफ लिखा है कि वह मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारियों के आदेशों को मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। खेमका ने रूल ऑफ बिजनैस का हवाला देते हुए कहा है कि उसमें कहीं से भी ओ.एस.डी. के आदेशों को मुख्यमंत्री का आदेश मानने की बात नहीं है। 

खेमका का तर्क साफ है कि कैसे यह माना जाए कि ओ.एस.डी. की ओर से भेजा गया नोट या कोई आदेश मुख्यमंत्री का आदेश है या नहीं? वजह साफ है कि मुख्यमंत्री सचिवालय में सिर्फ एक ओ.एस.डी. अमरजीत ही एच.सी.एस. अधिकारी हैं जबकि अन्य सभी ओ.एस.डी. प्राइवेट हैं। सूत्रों की मानें तो खेमका ने यह भी लिखा है कि यदि सरकार को वास्तव में ओ.एस.डी. का आदेश मनवाना है तो उसका नोटिफिकेशन होना चाहिए। खेमका का यह पत्र विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल विज के जरिए मुख्य सचिव के पास भेजा गया है। खेमका मौजूदा समय में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव पद पर हैं। 

ये है मौजूदा सी.एम. ऑफिस का सिस्टम 
हरियाणा सरकार के मौजूदा सिस्टम में मुख्यमंत्री की ओर से मुख्यमंत्री ने चाहा है का वाक्य सी.एम. के प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान सचिव और उप प्रधान सचिव के अलावा विशेष कार्याधिकारियों की ओर से लिखा जाता है। इसमें प्रधान सचिव से लेकर डिप्टी प्रधान सचिव तक तो आई.ए.एस. अफसर हैं, लेकिन एक ओ.एस.डी. को छोड़कर बाकी अन्य प्राइवेट व्यक्ति हैं। लिहाजा किसी भी स्थिति में अफसरों की जिम्मेदारी तो तय हैं, लेकिन प्राइवेट व्यक्ति क्या जिम्मेदारी होगी? इस पर सवाल खड़े किए गए हैं। खट्टर सरकार में इस समय में नीरज दत्तवार प्रधान ओ.एस.डी. हैं जबकि भूपेश्वर दयाल ओ.एस.डी. ग्रीवैंसज, कैप्टन भूपेंद्र सिंह ओ.एस.डी. मुख्यमंत्री निवास अमरेंद्र सिंह ओ.एस.डी. सी.एम. कैंप ऑफिस तथा ओ.एस.डी. अमरजीत सिंह काम कर रहे हैं। इनमें से अमरजीत एच.सी.एस. अधिकारी हैं और इनके पास ही तबादलों का जिम्मा है। जबकि अन्य ओ.एस.डी. के पास सरकार के अलग-अलग कई विभाग हैं जो मुख्यमंत्री कार्यालय के तौर पर उसका निर्वहन कर रहे हैं।