गेलवेल्यूम शीट प्रकरण:खेमका को विधानसभा कमेटी की क्लीनचिट

10/31/2017 2:38:39 PM

चंडीगढ़(पांडेय):चर्चित अाई.ए.एस. अफसर अशोक खेमका को वेयर हाऊसिंग कार्पोरेशन के गेलवेल्यूम शीट अनियमितता प्रकरण में अाखिरकार क्लीनचिट मिल गई। इस मामले में विधानसभा की कमेटी अाॅफ पब्लिक अंडरटेकिंग (कोपू) ने अशोक खेमका पर लगे अारोपों को निराधार बताया है।कमेटी की इस  मीटिंग में चैयरमैन एवं भाजपा विधायक रघुबीर कादियान, रामचंद्र कंबोज व राजदीप फौगट मुख्य तौर से मौजूद थे। जबकि कमेटी के सदस्य एवं नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला बैठक में नहीं पहुंचे। खास बात यह है कि अभय चौटाला ने ही बीते विधानसभा सत्र में अशोक खेमका पर कमेटी के समक्ष पेश नहीं होने का अारोप लगाया था। चौटाला ने खेमका की ईमानदारी पर कई तरह के सवाल खड़े किए थे।

बताया गया कि इस मीटिंग में कैग के कई अफसरों के अलावा सरकार के बड़े अफसर भी शामिल थे जिसमें खेमका पर लगे वित्तिय अनियमितताओं के अारोपों को खारिज करते हुए कैग के पैरा को हटाने का फैसला लिया गया। कमेटी ने दस्तावेजों की जांच के बाद चौटाला की गैर मौजूदगी में खेमका को सही पाया और गेलवेल्यूम शीट खरीद को लेकर अाए कैग पैरा का निपटारा कर दिया। कमेटी ने पाया कि वेयर हाऊसिंग में गेलवेल्यूम शीट खरीद से सरकार को वित्तिय नुक्सान नहीं हुअा है। 

निर्णय लेने से पहले समिति कृषि विभाग के उच्च अधिकारियों और कैग अधिकारियों से भी विचार-विमर्श किया। कैग पैरा पर कृषि विभाग ने मांगे गए जवाब को भी समिति के समक्ष प्रस्तुत किया।इसके अध्ययन में सामने अाया कि शीट लगाने से सरकार को वित्तिय नुक्सान नहीं हुअा है।कमेटी के चैयरमैन मूल चंद शर्मा ने बताया कि बैठक में कैग पैरा का निपटारा कर दिया गया है।पूरी छानबीन के बाद यह निर्णय लिया गया।संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

यह है मामला
वर्ष 2009-10 में हरियाणा वेयर हाऊसिंग कार्पोरेशन में प्रबंध निदेशक के पद पर रहने के दौरान अाई.ए.एस. अशोक खेमका ने 105103 वर्ग मीटर गेलवेल्यूम शीट खरीदी थी। इसे 1127 रुपए वर्ग मीटर के हिसाब से खरीदा गया था, जो अधिकांश राज्यों की तुलना में सबसे कम रेट था। इसी खरीद को लेकर खेमका को विवाद में घसीटा गया।जिसमें उन्हें अब जाकर न्याय मिला है। यह मामला पूर्व की हुड्डा सरकार में सुर्खीयों में तब अाया था जब खेमका ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दमाद रावर्ट वाड्रा के जमीन सौदे के इंतकाल को रद्द किया गया था। इस पूरे मामले में जिन लेगों ने मेरे खिलाफ साजिश रची थी। उसके लिए एक जांच कमेटी गठित होनी चाहिए ताकि झूठा अारोप लगाने वालों पर कार्रवाई की जा सके।-अशोक खेमका,प्रिंसीपल सैक्रेटरी समाज कल्याण विभाग ,हरियाणा।