पीजीआई रोहतक और मेडिकल कॉलेज करनाल में जल्द मिलेगी किडनी-लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा, रोडमैप तैयार

punjabkesari.in Saturday, Mar 04, 2023 - 05:51 PM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्रशेखर धरणी) : लंबे समय से हरियाणा वासियों को पड़ोसी राज्यों पर किडनी-लिवर ट्रांसप्लांट को लेकर डिपेंड रहने वाली भारी समस्या अब जल्द समाप्त होने के बेहद नजदीक है। क्योंकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री लंबे समय से इस समस्या को जड़ से समाप्त करने की रूपरेखा तैयार कर चुके हैं। दरअसल प्रदेश में अभी तक किसी भी हेल्थ-मेडिकल एजुकेशन और आयुष के इंस्टिट्यूशन में किडनी-लीवर ट्रांसप्लांट की फैसिलिटी उपलब्ध नहीं है। जोकि आर्थिक रूप से बेहद संपन्न-विकासशील और लीडिंग स्टेट के लिए बेहद शर्म की बात कहें तो गलत नहीं होगा। प्रदेश में लगातार इन दोनों बीमारियों के मरीजों की बढ़ रही संख्या बेहद परेशानी का सबब बनी हुई थी। इस तरह के मरीजों को दिल्ली, चंडीगढ़, मोहाली, जयपुर, गुड़गांव में ईलाज करवाने को लेकर कई कई चक्कर जहां लगाने पड़ते थे, वहीं एक भारी-भरकम खर्च मरीज के परिवार की जड़ें हिला देने वाला साबित होता था। प्राइवेट सेक्टर में ट्रांसप्लांट का खर्च एक आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त करता था। पिछले लंबे समय से विभाग के मंत्री अनिल विज अधिकारियों को इसकी सुविधा का रोडमैप तैयार करने के आदेश दे चुके थे। अब विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को अनिल विज ने पत्राचार के माध्यम से तुरंत प्रभाव से पीजीआई रोहतक और मेडिकल कॉलेज करनाल में इन दोनों सुविधाओं को मुहैया करवाने के आदेश जारी करते हुए 1 माह के भीतर इसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट पुटअप करने के भी दिशा निर्देश दिए हैं।

बता दें कि लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट की फैसिलिटी उपलब्ध ना होने के कारण विज ने कई बार वीसी को प्रपोजल बनाने के लिए बोला, लेकिन सूटेबल प्रपोजल नहीं बनने के कारण इस कार्य में कुछ विलंब अवश्य हुआ। लेकिन अब जल्द यह सुविधा तोहफे के रुप में जनता को रोहतक पीजीआई और करनाल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में सुपुर्द हो जाएगी। बता दें कि अनिल विज प्रदेश के सभी प्राइवेट कॉलेजों में भी यह फैसिलिटी उपलब्ध करवाने को प्रयासरत हैं।

बता दें कि अग्रणीय राज्यों में मौजूद हरियाणा आज तक प्रदेशवासियों को पूरी तरह से स्वास्थ्य सुविधाएं देने में नाकाम साबित होता रहा है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई, सिटी स्कैन और पीजीआई में किडनी, लीवर ट्रांसप्लांट की फैसिलिटी ना होना जनता के लिए चिंता का विषय था। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अथक प्रयासों से जल्द यह सुविधाएं प्रदेश में उपलब्ध होगी। किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए प्रदेश की जनता को आसपास के अन्य प्रदेशों में जाने की जरूरत नहीं रहेगी। इसकी रूपरेखा तैयार हो चुकी है। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की गंभीरता जनता के लिए फलदाई होगी। प्रदेशवासियों को पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं देने को लेकर अनिल विज समय-समय पर कई अहम फैसले लेते देखे गए हैं, जिस कारण से आज मेडिकल और हेल्थ इंस्टिट्यूशन के नक्शे बदले हैं।

स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी विज को सौंपे जाने के दौरान प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के हालात बेहद बुरे थे। छोटी-छोटी बीमारियों की दवाइयां अस्पतालों में या तो मिलती नहीं थी या फिर मरीजों को वितरित ही नहीं की जाती थी। हर साल एक्सपायर हो चुकी दवाइयों की एक बड़ी खेप खेतों में फेंक दी जाती थी। ऐसी दो-चार  घटनाएं विज के सामने आने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए उन्होंने हर तरह की दवाई अस्पताल में ही मुहैया करवाने के आदेश जारी किए थे। हर प्रकार की सुविधा एमआरआई, सिटी स्कैन, डायलिसिस, हार्ट सेंटर इत्यादि की सुविधाओं को अस्पताल में मुहैया करवाया। सारी लैब्स अपग्रेड की गयी। 100 बेडेड अस्पतालों को 200 बेडेड बनवाया गया। स्वास्थ्य विभाग का कायाकल्प प्रदेश वासियों को बेहद लाभान्वित कर रहा है। 

दवा खरीद के सिस्टम में सुधार गरीब के लिए साबित हुआ वरदान

फंड की कमी के कारण पहले सामान्य अस्पतालों में हॉट-डायलिसिस समेत बहुत से इलाज नहीं हो पाते थे। पीपीपी मोड के अंतर्गत आज सभी नागरिक अस्पतालों में सभी प्रकार की व्यवस्थाएं होने का जनता बखूबी लाभ ले रही है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के प्रयासों से नर्स को नर्सिंग ऑफिसर और फार्मासिस्ट को फार्मासिस्ट ऑफिसर का दर्जा मिल पाया है। सरकारी अस्पतालों में अधिकतर दवाइयां ना मिलना गरीबों के लिए एक भारी समस्या थी। बुखार- खांसी की 20-20 तरह की दवाइयां मौजूद थी, लेकिन गंभीर बीमारी की दवा बाहर से खरीदने को गरीब लोग मजबूर थे। समस्या गंभीर थी तो अनिल विज के आदेशों के बाद ड्रग लिस्ट दोबारा तैयार हुई। आज गंभीर सभी रोगों कैंसर तक की दवाई नागरिक अस्पतालों में मौजूद है। बेहद खराब दवा खरीद सिस्टम में सुधार हुआ। इमरजेंसी से संबंधित दवाइयों की भी खरीद में पहले कई कई माह लग जाते थे। खरीद सिस्टम में बदलाव कर एचएमएससीसी के नाम से अपना सिस्टम तैयार कर विज द्वारा इसे मुख्यमंत्री से अप्रूव करवाया गया। आज कोई भी दवा खरीदने में 5 दिन से अधिक समय नहीं लगना अनिल विज के कारण संभव हो पाया है।

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Content Writer

Gourav Chouhan

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