दिल्ली तक है हरियाणा के किन्नू की धाक

12/26/2019 12:45:43 PM

सिरसा(सेतिया): गेहूं, नरमे एवं धान के उत्पादन के बाद बागवानी में सिरसा पहचान बना रहा है। सिरसा के किन्नू की धाक हरियाणा के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़ तक है। पूरे प्रदेश में किन्नू का सर्वाधिक उत्पादन सिरसा में ही होता है। इस सीजन में जिला में बागवानी का रकबा 10 हजार हैक्टेयर को छू जाएगा।

इस समय जिला में करीब 9500 हैक्टेयर में बागवानी का एरिया है।  दरअसल सिरसा जिला पूरे प्रदेश में गेहूं उत्पादन एवं कपास उत्पादन में अव्वल रहा सिरसा जिला अब सीट्रस के उत्पादन में भी सिरमौर बन गया है। सीट्रस वर्ग में आने वाले किन्नू एवं नींबू उत्पादन में सिरसा जिला ने नए आयाम रच दिए हैं। आलम यह है कि सिरसा जिला पूरे प्रदेश का 55 फीसदी किन्नू का उत्पादन हो रहा है। पिछले बीस बरस में किन्नू उत्पादन का रकबा 4278 हैक्टेयर से बढ़कर 9500 हैक्टेयर तक हो गया है। उत्पादन भी 80 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 2 लाख हैक्टेयर तक पहुंच गया है। 

अभी हाल में उद्यान विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार ही 2015 में जिला में 9450 हैक्टेयर रकबे पर 1 लाख 98 हजार 332 हैक्टैयर किन्नू का उत्पादन हुआ, जबकि 2016 में 9092 हैक्टेयर में 1 लाख 10 हजार 165 टन उत्पादन हुआ। पूरे राज्य में उत्पादन 3 लाख 2 हजार हैक्टेयर रहा।  सिरसा का किन्नू राज्य के अलावा पंजाब, राजस्थान, दिल्ली व चंडीगढ़ में बिकता है। अब यह रकबा 10 हजार हैक्टेयर को छू जाएगा। गौरतलब है कि पिछले काफी समय से गेहूं एवं कपास उत्पादन में न बर एक स्थान पर है। करीब 3 लाख 86 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि वाले सिरसा जिला में प्रदेश की 40 फीसदी कॉटन का उत्पादन होता है।

सिरसा में 50 प्रतिशत किन्नू का उत्पादन
पिछले कुछ अरसे से बागवानी की ओर से बढ़ रहे रुझान के चलते यहां किसान अब किन्नू की काश्त करने लगे हैं। पूरे राज्य में 19,499 हैक्टेयर क्षेत्र पर किन्नू के बाग हैं। इनमें से 40 फीसदी बाग अकेले सिरसा जिला में करीब 9500 हैक्टेयर रकबे पर हैं। खास बात यह है कि कॉटन काऊंटी के रूप में प्रसिद्ध सिरसा, फतेहाबाद एवं हिसार जिलों की तिकड़ी अब सीट्रस के उत्पादन में लम्बी छलांगे मार रही है। मसलन पूरे प्रदेश के 6 लाख हैक्टेयर में से हर साल इन तीन जिलों में 4 लाख 20 हजार हैक्टेयर रकबे पर कपास की खेती होती है। अब यही आलम किन्नू की खेती के लिहाज से है। पूरे राज्य में 19 हजार 499 हैक्टेयर में से इन 3 जिलों में 14 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में किन्नू के बाग हैं।

2006 के बाद आई तेजी
2006-07 में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के आने के बाद सिरसा में बागवानी को बढ़ावा मिला। 66 में यहां कुछेक एकड़ पर बाग थे। 1980 में बागों का रकबा 2 हजार हैक्टेयर था। 96-97 में 4278 हैक्टेयर, जबकि 2001 में रकबा 5557 हैक्टेयर था। अब यह एरिया 10 हजार हैक्टेयर तक पहुंच गया है। कुछ भी हो पर परम्परागत फसलों का मोह त्याग बागवानी की ओर किसानों का रुझान होना एक अच्छा संकेत है।

Isha