BJP के लिए फायदेमंद होगा किरण का इस्तीफा नहीं देने का फैसला, जानिए कैसे ?

punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2024 - 05:34 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। बुधवार को तोशाम विधानसभा सीट से विधायक किरण चौधरी ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी का दामन थाम लिया। किरण चौधरी बेटी के साथ केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और सीएम नायब सैनी की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुईं। तोशाम की विधायक किरण चौधरी के बीजेपी में शामिल होने के बावजूद विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिए जाने का आने वाले दिनों में बीजेपी का फायदा मिलेगा। विपक्ष की ओर से लगातार की जा रही फ्लोर टेस्ट की मांग के चलते यदि मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट भी कराया जाता है तो बीजेपी विधानसभा में भाजपा बहुमत में दिखेगी। वहीं अब तक के हालात यहीं इशारा करते हैं कि किरण तोशाम विधायक के पद से इस्तीफा नहीं देंगी, जिसे कांगेस की फ्लोर टेस्ट की मांग से जोड़कर देखा जा रहा है। 

 

हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी ने निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। समय के साथ विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में बहुमत के आंकड़े में भी बड़ा बदलाव हुआ है। हरियाणा विधानसभा में अब 90 के स्थान पर केवल 87 विधायक ही बचे हैं। दरअसल, सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया और अंबाला लोकसभा सीट की मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने अंबाला लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर ली है। ऐसे में अब विधानसभा में कुल 87 विधायक ही बचे हैं, जिसकी वजह से बहुमत का आंकड़ा 46 से कम होकर 44 हो गया है।

कांग्रेस को ऐसे मिला बल
हरियाणा में जेजेपी से अलग होने के बाद बीजेपी के पास 41 विधायक बचें, 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी  को समर्थन करने वाले 3 निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने बीजेपी से अपना समर्थन वापस ले लिया, जिसके बाद से ही कांग्रेस हरियाणा सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रही है। कांग्रेस की ओर से लगातार सरकार के अल्पमत में होने के दावे के साथ फ्लोर टेस्ट की भी मांग की जा रही थी। ऐसे में किरण चौधरी के BJP में शामिल होने से भाजपा को फायदा मिलता दिख रहा है। 

बीजेपी को होगा फायदा ! 
किरण चौधरी के तोशाम विधायक पद से इस्तीफा नहीं देने का फायदा बीजेपी को फ्लोर टेस्ट के दौरान मिलेगा। अगर मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट भी कराया जाता है तो  विधानसभा में बीजेपी बहुमत में दिखेगी। वहीं दूसरी ओर बीजेपी की ओर से दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफे के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए किरण या श्रुति चौधरी में से किसी एक को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। हालांकि इसे लेकर अभी तक कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। 

कांग्रेस कर चुकी है शिकायत
कांग्रेस की विधायक होने के बावजूद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिए बिना किरण चौधरी के बीजेपी में शामिल होने को लेकर कांग्रेस की ओर से आपत्ति जताई गई है। कांग्रेस की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है। हालांकि इस शिकायत के बाद विधानसभा अध्यक्ष क्या फैसला लेते है, ये अभी साफ नहीं है, चूंकि अब हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ ही दिन का समय शेष बचा है। ऐसे में हर किसी की नजर चुनाव से पहले होने वाले इस राजनीतिक घटनाक्रम पर लगी है। 

 


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Content Writer

Isha

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