कितलाना गैंगरेप व सुसाईड केस: बाप व भाई निकले युवती के कातिल, ममेरे भाई ने किया था रेप (VIDEO)

9/1/2018 7:47:19 PM

भिवानी(अशोक भारद्वाज): रक्षाबंधन के पर्व के दिन भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन लेता है, यदि वही भाई रक्षाबंधन के दिन अपनी ही बहन की बलि ले तो इससे घृणित काम क्या हो सकता है। जो पिता अपनी बेटी के हाथ पीले कर उसे विदा करता है वही पिता अगर बेटी को फंदे पर लटकाकर उसी जान ले ले तो रौंगटे खड़े होने लाजिमी हैं। दरअसल, गांव कितलाना में युवती के साथ कथित गैंगरेप व सुसाईड का मामला सामने आया था, जिस मामले में पुलिस की कार्रवाई से आहत होकर युवती के सुसाईड व युवती के परिजनों द्वारा पड़ोस के युवकों पर गैंगरेप के आरोप लगाए गए थे। लेकिन ये पूरी कहानी ही झूठी निकली। पूरा ड्रामा परिजनों ने तैयार किया व इस मामले की झूठी कहानी मृतक के पिता व भाई ने लिखी थी।

ये था पूरा मामला
पूरा मामला 16-17 अगस्त की रात का है, जब कितलाना गांव की मनीता नामक 21 वर्षीया युवती से तथाकथित गैंगरेप हुआ। 17 अगस्त को युवती ने अपने परिजनों के साथ मिलकर पुलिस में इस तथाकथित गैंगरेप की शिकायत दी और आरोप लगाया कि उनके पड़ोस के एक युवक प्रदीप व दो अन्य ने रात को उसका अपहरण कर गैंगरेप किया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु की।

अभी जांच पूरी भी नहीं हुई थी कि पीड़िता द्वारा 26-27 की रात को आत्महत्या करने का मामला सामने आया। इसके बाद जो कुछ हुआ उसने पुलिस प्रशासन की नींद उङ़ा दी तो मामले को जातिगत रंग देकर कुछ सामाजिक संगठनों व राजनीतिक दलों से जुड़े चौधरियों को भी राजनीति करने का मौका मिल गया।

27 अगस्त को परिजन चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल में धरने पर बैठ गए। परिजनों ने कहा कि उनकी बेटी ने गैंगरेप और पुलिस द्वारा कार्यवाई ना करने से आहत होकर आत्महत्या की है। परिजन गैंगरेप के आरोपियों की गिरफ्तारी व मामले की जांच कर रहे डीएसपी विरेन्द्र सिंह के खिलाफ कार्यवाई की मांग को लेकर दूसरे दिन भी धरने पर बैठे रहे। मामला संगीन होने के चलते और पीड़ित परिवार से सहानुभूति के तौर पर दूसरे दिन अस्पताल में धरने पर ना केवल सामाजिक संगठन बल्कि राजनीतिक लोग भी समर्थन देने पहुंचे।

28 अगस्त की देर शाम प्रशासन व पीड़ित परिवार के बीच आरोपियों की गिरफ्तारी, डीएसपी के खिलाफ जांच शुरु करने, पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता करने तथा एक सदस्य को डीसी रेट पर नौकरी देने पर सहमति बनी। हालांकि भिवानी पुलिस पहले ही मामले को संदिगध मान रही थी व इसी आधार पर जांच कर रही थी। 

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मामला लगातार उलझता गया पर पुलिस कप्तान गंगाराम पूनिया ने खुद पूरे मामले की जांच अपने हाथ में ली। जांच के दौरान मिले तथ्य व पूछताछ में गैंगरेप व आत्महत्या के मामले पर संदेह था। डीएसपी ने बताया कि जांच के दौरान जो तथ्य सामने आये उनके आधार पर रानीला गांव निवासी सरजीत उर्फ मुन्नी, जो कलानौर में हलवाई का काम करता है, को गिरफ्तार किया और उसके बाद एक एक कर पूरे मामले की हैरान कर देने वाली सच्चाई सामने आई।

यूं हुआ खुलासा
डीएसपी जगत सिंह मोर ने बताया कि सरजीत उर्फ सन्नी मृतक युवती का ममेरा भाई है। जिसको गिरफ्तार करने व उससे पूछताछ करने पर उसने कबूल किया कि उसके मृतका से कई साल से अवैध संबंध थे और 16 अगस्त की रात को किसी और ने नहीं बल्कि उसी ने दुष्कर्म किया था। इसके बाद पुलिस ने मृतका के परिजनों से पूछताछ की और पता चला कि परिजनों ने ही युवती से सुसाईड नोट लिखवा कर उसके गले में फांसी का फंदा लगा कर धक्का देकर मार डाला।



पुलिस ने मृतका के भाई बिंटू, पिता शेरसिंह व बामला गांव निवासी एक रिश्तेदार संजय, चाचा घीसाराम व चाचा अनिल उर्फ बनिया को मामले में मुख्य आरोपी करार देते हुए पूरे मामले की साजिश रचने व इसे अंजाम देने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया। जिन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया। इस मामले में दुष्कर्म का मुख्य आरोपी सरजीत उर्फ सन्नी पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।

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डीएसपी जगत सिंह मोर ने बताया कि इन पांचों ने मिलकर युवती से सुसाईड नोट लिखवाया। उन्होंने बताया कि सुसाईड नोट सही ना लगने पर उसे जला दिया और फिर बिंटू ने खुद अपने हिसाब से सुसाईड नोट लिखा और सभी की सहमति होने पर वही सुसाईड नोट युवती के हाथों दोबारा लिखवाया गया। इसके बाद कमरे में पंखे पर फांसी का फंदा लटकाया गया और युवती को बैड पर कुर्सी रख कर उसके गले में फंदा डाला गया। इसके बाद परिजनों ने कुर्सी को हटा दिया और युवती फंदे पर झूलने से मर गई। यही नहीं कमरे को अंदर से बंद कर बिना ग्रिल लगी खिड़की के रास्ते सभी बाहर आए व पूरी कहानी को ही बदल दिया।

Shivam