इनेलो के दिवंगत विधायक हरिचंद के बेटे कृष्ण मिड्ढा भाजपा में शामिल

11/2/2018 10:32:13 AM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): प्रदेश के मध्य में स्थित जींद जिले की राजनीति में उस समय बड़ा उलटफेर देखने को मिला जब दिवंगत हरिचंद मिढा के सुपुत्र कृष्ण मिढा ने इनलो को बाय-बाय कहकर बीजेपी का दामन थाम लिया और बीजेपी की नीतियों में आस्था दिखाई। पंजाब केसरी से बात करते हुए कृष्ण मिढा ने पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी के सबका साथ सबका विकास नीति में आस्था जताई है। उन्हें मनोहर लाल खट्टर की तरफ से पार्टी में मान सम्मान का आश्वासन मिला है ।

पिछले कई दिनों से जींद की राजनीति में बड़ी उठा पटक चल रही थी और तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। कहते है कि राजनिति में सब सम्भव है। वीरवार देर शाम जींद विधानसभा से दो बार प्रतिनिधित्व करने वाले दिवंगत डॉ हरिचन्द मिड्डा के पुत्र कृष्ण मिड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात उपरांत भाजपा में आस्था जताने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनका पार्टी में आने पर स्वागत किया और कहा कि भाजपा की नीतियों और व्यवस्था परिवर्तन की स्वीकार्यता निरन्तर बढ़ रही है।

 उन्होंने कृष्ण मिड्डा को पूरा मान-सम्मान दिलाने का भरोसा दिया। माना जा रहा है कि कृष्ण मिड्ढा को बीजेपी में अब कोई पद दिया जा सकता है। वहीं जींद उपचुनाव में कृष्ण मिड्डा को उम्मीद्वार बनाया जा सकता है। इनेलो से दो बार विधायक डॉ हरिचन्द मिड्डा के निधन उपरांत आज उनके पुत्र कृष्ण मिड्डा ने मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। उन्होंने उनके विधायक पिता के निधन उपरांत विधानसभा सत्र के लिए लगाए गए प्रश्नों को पूरा अधिमान दिए जाने और मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस दिशा में की गई घोषणाओं से उनके मन पर बड़ा असर पड़ा। 

मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं सदन के दिवंगत जनप्रतिनिधि के प्रति इतना सम्मान दिखाने और उनके निरन्तर बदलाव की नीतियों पर सोच-विचार करते हुए इनेलो छोड़कर भाजपा की सदस्यता लेने का मन बनाया और वीरवार शाम भाजपा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कृष्ण मिड्डा के भाजपा में शामिल होने पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्हें भरपूर मान-सम्मान दिया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि मंत्री ओपी धनखड़, परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर, मंत्री नायब सैनी, मंत्री करणदेव कंबोज समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।

 
 

 
 

 

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