कुलदीप बिश्नोई के सिर पर हुड्डा का हाथ, कईयों के लिए बना सिर दर्द

4/27/2018 12:45:36 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): राजनीति में न कोई स्थायी दोस्त होता है और न ही दुश्मन। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की दिल्ली कोठी पर ऐसा ही दृश्य देखने को मिला जब कुलदीप बिश्नोई ने उनको प्यार से हलवे का चम्मच भरके मुंह में डाला और हुड्डा ने भी वापसी यही किया। साथ ही हुड्डा ने आशीर्वाद का हाथ भी कुलदीप के सिर पर रखा। कल तक के राजनीतिक धुर विरोधी हुड्डा व कुलदीप बिश्नोई की दोस्ती कईयों के लिए सिर दर्द बन गई है। 

कम हो रही कुलदीप बिश्नोई व हुड्डा की के बीच की कटुता
2005 में जब भजन लाल के हाथ से सत्ता छीन कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री बने और चंद्रमोहन को डिप्टी सीएम बनाया गया, उसके बाद से कुलदीप बिश्नोई ने हुड्डा के खिलाफ झंडा बुलंद कर लिया और भजनलाल ने उनका साथ दिया। हुड्डा के नेतृत्व को चुनौती देने लिए बिश्नोई ने भजनलाल के आशीर्वाद में हरियाणा जनहित कांग्रेस का गठन किया। 2009 में हजका ने चुनाव लड़े अौर हरियाणा में अपनी उपस्थ्ति दर्ज करवाई। मगर कुलदीप के अधिकांश विधायक कांग्रेस में हुड्डा के साथ चले गए व हुड्डा ने फिर 5 साल शासन किया। कुलदीप बिश्नोई व हुड्डा में जो कटुता थी अब पिछले होली मिलान समारोह से एकाएक गायब होने लगी है। दोनों परिवार एक दूसरे के साथ घी-शक़्कर नजर आने लगे हैं।

बिश्नोई व हुड्डा का गठबंधन कईओं के लिए बना सिर दर्द 
हरियाणा की आने वाली कांग्रेस की राजनीती में बिश्नोई व हुड्डा का यह राजनीतिक गठबंधन कईओं के लिए सिर दर्द बना हुआ है। सभी यह रहस्य तलाश रहे हैं कि आखिर ये सब कैसे हुआ? 

एक तीर से दो निशाने लगाने की तैयारी में हुड्डा
राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो हुड्डा व कुलदीप दोनों की राजनीतिक मजबूरियों ने दोस्ती मजबूत की है। हुड्डा जो सीबीआई के कई मामलों में शकंजे में हैं को अगर कांग्रेस कोई चौधर नहीं देती व किसी गैरजाट को राजनीतिक हालत में चोधर देना चाहे  तो हुड्डा कुलदीप बिश्नोई का नाम आगे सरका सकते हैं। बीजेपी हरियाणा में गैर जाट खासकर पंजाबी वर्ग के नाम पर राजनीति कर रही है। भजनलाल कभी गैर जाट वोट बैंक का केंद्र रहे हैं इसलिए कुलदीप को प्रोजेक्ट कर हुड्डा एक तीर से दो निशाने लगा सकते हैं। पहला निशाना- तंवर को हटाना व दूसरा निशाना भजनलाल के पुराने वोट बैंक को कांग्रेस की तरफ लाना।

कुलदीप बिश्नोई खामोश रह कर रहे राजनीति
राजनीतिक समीक्षक मानते हैं कि अगर कांग्रेस गैर जाट चेहरे को संगठन की कमान देना चाहे तो हुड्डा खुला समर्थन बिश्नोई को देंगे, जिससे की अपने अन्य ऐसे राजनितिक मित्रों जो की कांग्रेस में है के लिए नहले पर दहला फेंक सके। कुलदीप भी पुरानी सभी नाराजगियां भूलाकर नए राजनीतिक सफर पर मंजिल तलाश रहे हैं। उन्हें भी पता है कि हुड्डा के साथ 13 कांग्रेस के विधायक  हैं जो अशोक तंवर के खिलाफ झंडा बुलंद कर चल रहे हैं। हुड्डा के समर्थन से यह विधयकों की शक्ति साथ मिलेगी।
कांग्रेस में धर वापसी के बाद से कुलदीप बिश्नोई खामोश रह राजनीति कर रहे हैं।

भजनलाल परिवार का कोई सांनी नहीं
राजनीति में अतीत में उन्होंने जो गलतियां की है अब अपने अनुभव की बदौलत राजनीतिक सहनशीलता दिखा रहे हैं। हुड्डा-तंवर में 36 का आंकड़ा है। कुलदीप अपने पुराने रुतबे की तलाश में जुटे हैं जो हजका बनते हैं उन्हें पूर्व विधायकों व हरियाणा भर से युवा वर्ग के समर्थन के रूप में मिला था। कुलदीप इस बार कोई एक्सपेरिमेंटल राजनीति करते फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैे। हुड्डा खेमे में गैर जाट नेता के रूप में पंडित कुलदीप शर्मा जैसा चेहरा भी है और जरुरत पड़ने पर दलित कार्ड के रूप में गीता भुक्क्ल व शकुंतला खटक जैसे चेहरे भी। हुड्डा भली भांति जानते हैं कि गैर जाट राजनीति में स्थापित नेताओं के रूप में भजनलाल परिवार का कोई सांनी नहीं है। भजलाल परिवार में ज्येष्ठ पुत्र चंद्र मोहन भी खुल कर कुलदीप बिश्नोई को कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनाने की वकालत कर चुके हैं।

Nisha Bhardwaj