जरा सी भी नैतिकता है तो कुलदीप बिश्नोई सबसे पहले दे पद से इस्तीफा: उदयभान

punjabkesari.in Thursday, Jul 21, 2022 - 05:38 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : 6 विधायकों को जान से मारने की धमकी मिलने और डीएसपी सुरेंद्र सिंह की अवैध खनन माफियाओं द्वारा हत्या के मामले के बाद विपक्ष पूरी तरह से एक्टिव नजर आ रहा है। प्रदेश की लॉ एंड ऑर्डर व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए विपक्ष सरकार को फेल साबित करने में दिख रहा है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने तो अवैध माइनिंग के तार सीधे सीधे सरकार में बैठे विधायकों- मंत्रियों के साथ जोड़ने की कोशिश की है। उदयभान ने कुलदीप बिश्नोई पर भी कई तरह के कटाक्ष करते हुए कहा कि आदमपुर की जनता के साथ विश्वास घात करने वाले कुलदीप को नैतिकता के आधार पर पद सेे इस्तीफा देना चाहिए। हालांकि उन्होंने चंद्रमोहन बिश्नोई को पार्टी का वरिष्ठ नेता बताते हुए उनसे कोई गिला शिकवा ना होने की बात कही है। उन्होंने सरकार को और भी कई मुद्दों पर घेरा। जिसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है:-

प्रश्न : सोनिया गांधी को ईडी द्वारा बुलाने के विरोध में कांग्रेस क्यों सड़कों पर है ?
उत्तर : 
संवैधानिक व्यवस्था को सही ढंग से चलाने के लिए बनाई गई लोकतांत्रिक एजेंसियों का भाजपा दुरुपयोग कर रही है। बार-बार इनके माध्यम से हमारे नेताओं को प्रताड़ित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके विरोध में हमारा यह धरना- प्रदर्शन था। हमारी राष्ट्रीय नेता सोनिया गांधी को ईडी द्वारा बुलाने से कुछ दिन पहले राहुल गांधी को 5 दिन तक ईडी ने बुला कर 54 घंटे तक मानसिक प्रताड़ित किया। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि ईडी का कोई केस नहीं बनने के बावजूद नाजायज तौर पर परेशान किया जा रहा है। सरकार राष्ट्रीय एजेंसियों ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई को हथियार बनाकर विरोधियों को दबाने का प्रयास कर रही है। 2002 से 2014 तक 12 साल में मात्र ईडी में 112 और मोदी काल के 8 साल के शासन काल में 5442 केस दर्ज किए गए। जिनमें मात्र 1 फ़ीसदी ही कनविक्शन रेट है। यह सारे मामले विपक्ष या विपक्ष से संबंधित कारोबारियों के खिलाफ दर्ज किए जा रहे हैं। आज राष्ट्रीय एजेंसियां अपने को असहाय महसूस कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों को स्वयं सामने आकर कहना पड़ा कि देश का लोकतंत्र खतरे में है। इलेक्शन कमिशन असहाय है। सभी संवैधानिक एजेंसियों का अस्तित्व खतरे में है। ऐसा लगता है जैसे अघोषित एमरजैंसी लगी हुई है।

प्रश्न : ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस इस आंदोलन को सत्याग्रह और भाजपा दुराग्रह बता रही है ?
उत्तर : 
भाजपा कुछ भी कहे, यह लड़ाई लोकतंत्र के अधिकारों की है। बीजेपी सत्याग्रह की परिभाषा तक नहीं बता सकती। भाजपा अंग्रेजों की पिठू रही है। हमेशा स्वाधीनता संग्राम के खिलाफ इन लोगों ने गवाही दी। अंग्रेजों के हित में काम करते रहे। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन का इन लोगों ने विरोध किया। अंग्रेजों को कहा कि हम आपके साथ हैं, आंदोलन के साथ नहीं। अंग्रेजों से इन्होंने माफी मांगी और आज सत्ता पर आसीन है। आज पूरे देश में दमन चक्र चला हुआ है।

प्रश्न : खाने पीने की चीजों को जीएसटी के दायरे में लाने के फैसले को कांग्रेस कैसे देखती है ?
उत्तर : 
बहुत से इस प्रकार के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ईडी, सीबीआई का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि महंगाई की बात ही ना हो सके। जीएसटी में रोज नई धारा लगाई जाती है। आटा, घी, दूध, दही सभी खाद्य पदार्थ जीएसटी के दायरे में लाए जा चुके हैं। कपड़े पर कभी जीएसटी नहीं लगाया जाता था, आज यह भी जीएसटी के दायरे में है। एग्रीकल्चर से जुड़े सामान जीएसटी के दायरे में है। आज सारे देश को टैक्स के नाम पर लुटा जा रहा है।

प्रश्न : अजय माकन द्वारा किरण चौधरी का नाम लिए जाने पर क्या कहेंगे, क्या पार्टी कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही भी करेगी ?
उत्तर : 
यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। अजय माकन हमारी पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार थे। वह प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी हैं। केंद्र और प्रदेश में मंत्री रह चुके हैं और एक सीनियर नेता हैं। यह बात किसी नतीजे पर पहुंचने के बाद ही उनके द्वारा कही गई होगी। पार्टी के ऑर्थराइड एजेंट विवेक बंसल और काउंटिंग- पोलिंग एजेंट के साथ चर्चा के बाद वह किसी निर्णय पर पहुंचे हैं। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन उनकी बात को पार्टी गंभीरता से लेगी। 

प्रश्न : कुलदीप बिश्नोई आज भी बतौर कांग्रेसी विधायक हैं, जबकि उन्हें अन्य पदों से मुक्त पार्टी ने कर दिया है, क्या कहेंगे ?
उत्तर : 
कुलदीप बिश्नोई पार्टी का गद्दार है। उनका राजनीति में अपना कोई योगदान नहीं है। वह अपने पिता के नाम पर खाते रहे हैं। साल में 6 महीने तक कुलदीप बिश्नोई विदेश में रहता है और हमेशा उनका फोन स्विच ऑफ रहता है। उन्होंने कभी सड़क की राजनीति नहीं की। अगर उनमें जरा सी भी नैतिकता है तो वह सबसे पहले अपने पद से इस्तीफा दे, क्योंकि उन्होंने आदमपुर की जनता के साथ विश्वासघात किया है। वह वहां से दोबारा विश्वास मत हासिल करें।

प्रश्न : भजनलाल के पुत्र चंद्रमोहन बिश्नोई कई बार विधायक- मंत्री रहे, वरिष्ठ नेता है। उनके बारे अपने विचार रखें ?
उत्तर : 
आज तक पार्टी के खिलाफ उन्होंने कोई भी ऐसी बात नहीं की। उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ कभी एक शब्द भी नहीं कहा। वह हमारे वरिष्ठ साथी हैं। हमारे नेता हैं। उनसे किसी को कोई गिला शिकवा नहीं है।

प्रश्न : मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस किन मुद्दों के साथ मैदान में उतरेगी ?
उत्तर : 
आज हमारे पास मुद्दे ही मुद्दे हैं। महंगाई-बेरोजगारी- अग्निपथ योजना- बेरोकटोक चल रहा अवैध खनन- बेरहमी से कुचलकर की गई डीएसपी की हत्या- अवैध शराब - नौकरियों की बोलियां- एचपीएससी के अधिकारी करोड़ों के साथ पकड़े गए, यह सभी मुद्दे प्रमुख है। 35 साल की राजनीति में मैंने कभी नहीं सुना कि जब 6 विधायकों को जान से मारने की धमकी मिली हो। कानून व्यवस्था की बिगड़ी हालत। 3 लाख लोगों के प्रतिनिधि आज सुरक्षित नहीं है। बच्चों को जान से मारने की धमकी मिल रही है और उन्हें मजबूरन इस्तीफा देना पड़ रहा है। इससे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति नहीं हो सकती। लॉ एंड ऑर्डर की मशीनरी पूरी तरह से फेल है और अपराधी सरकार पर हावी हैं। सरकार असहाय है। सरकार कह रही है कि धमकी देने वाले दुबई में बैठे हैं। जब इनके पास केंद्रीय एजेंसियां और सारे साधन- संसाधन उपलब्ध हैं केंद्र और प्रदेश में इनकी सरकार है, आईबी- सीबीआई- रा की मदद यह ले सकते हैं तो फिर आखिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। जनता डरी-सहमी हुई है, दहशत में है। सरकार को ला एंड आर्डर दुरुस्त करना चाहिए। डीएसपी को रौंदकर मारने की हिम्मत किसी की नहीं हो सकती। अपराधियों के साथ सत्ता पक्ष के तार जुड़े हुए हैं। विधायक- मंत्री अवैध खनन में शामिल हैं। भिवानी के डाडल में अवैध खनन के दौरान पांच व्यक्तियों की पहले मौत हो चुकी है। जहां-जहां पहाड़ या नदी का क्षेत्र है, अवैध खनन बड़े जबरदस्त तरीके से किया जा रहा है। विधानसभा में यह सभी हमारे मुद्दे होंगे।

प्रश्न : डीएसपी हत्याकांड की जुडिशरी जांच के गृहमंत्री द्वारा ट्वीट किए जाने पर क्या कहेंगे ?
उत्तर : 
जुडिशल जांच बिल्कुल होनी चाहिए। गृह मंत्री अनिल विज प्रयास अवश्य करते रहते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री उनकी नहीं सुनते। ला एंड आर्डर उनके कंट्रोल से बाहर है।

प्रश्न : विपक्ष बेरोजगारी के मुद्दे पर काफी मुखर क्यों हैं ?
उत्तर : 
सीएमआई के आंकड़ों के मुताबिक आज हरियाणा देश में बेरोजगारी में नंबर वन है। प्रदेश की बेरोजगारी दर 30.6 फ़ीसदी है। 19 वर्ष से अधिक उम्र का हर दूसरा युवा बेरोजगार है। यह एक बेहद गंभीर समस्या है। इसी कारण से अपराध की दर बढ़ रही है। यह लोग झूठ की राजनीति करते हैं। 2016 में लगे औद्योगिक मेले में इन्होंने कहा था कि 61 लाख 9 हजार करोड़ का निवेश हरियाणा में होगा। 407 एमओयू साइन हो चुके हैं। दो लाख से अधिक बच्चों को रोजगार दिया जाएगा। लेकिन आज भी रिजल्ट ढाक के तीन पात हैं। यह लोग जुमलेबाजी से सरकार चला रहे हैं। 2017 में मेरे प्रशन पर इन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में 45 हजार 600 पद खाली हैं। बिजली विभाग और पुलिस विभाग में 30- 30 हजार पद खाली है। कोई भी ऐसा विभाग नहीं जिसमें वैकेंसी खाली ना हो। सरकार सैंक्शन वैकेंसी भी भरने का काम नहीं कर रही। इसलिए बेरोजगारी सरकार की देन है। अर्थव्यवस्था बिल्कुल फेल कर दी गई है। हरियाणा निर्माण 1966 के बाद 2014 तक 48 साल में प्रदेश पर 70000 करोड़ का कर्ज था, आज यह कर्ज 8 साल में बढ़कर सवा तीन लाख करोड़ तक पहुंच गया। हरियाणा में कोई भी बड़ा प्रोजेक्ट नहीं लाया गया। महंगाई- बेरोजगारी चरम पर है। यह लोग हिंदू- मुस्लिम में नफरत की दीवार पैदा करके सत्ता पर काबिज हो रहे हैं। ईडी -सीबीआई का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।

प्रश्न : संगठन कब तक तैयार कर देंगे ?
उत्तर : 
संगठन के लिए हम बहुत तेजी से काम कर रहे हैं। बहुत जल्द ब्लॉक, जिला और प्रदेश लेवल का संगठन आपके सामने होगा।

 


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Content Writer

Manisha rana

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