कुमारी शैलजा का राज्यसभा कार्यकाल आज हुआ पूरा, Tweet कर बोलीं- यादगार रहा कार्यकाल

4/9/2020 3:48:45 PM

चंडीगढ़ (धरणी): बीती मार्च माह में राज्य सभा के द्विवार्षिक चुनावो में हरियाणा से दो नियमित सीटों और एक उपचुनाव की सीट के लिए हुए चुनाव  में  नामांकन भरने वाले तीनो उम्मीदवारों अर्थात भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) से राम चंद्र जांगड़ा और  दुष्यंत कुमार गौतम एवं  कांग्रेस पार्टी  से  दीपेंदर हूडा का निर्विरोध निर्वाचन हो गया ज्ञात रहे कि जांगड़ा और दीपेंदर का  दो नियमित सीटों के लिए जबकि गौतम का  उपचुनाव की सीट के लिए निर्वाचन  हुआ है। वहीं आज कांग्रस से कुमारी शैलजा का भी राज्यसभा का कार्यकाल पूरा हो गया है। इस संबध में आज उन्होंने ट्विट कर कहा कि ये 6 साल का कार्यकाल यादगार रहा है।

इसी  बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने इस सम्बन्ध में  जानकारी एकत्रित कर सांझा करते  हुए बताया कि आज से छः वर्ष पूर्व जनवरी-फरवरी,2014 में  हरियाणा से राज्य सभा की दो नियमित सीटें के लिए चुनाव हुआ था जिसमे एक पर कांग्रेस की कुमारी सैलजा और  दूसरी पर इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो ) के  राम कुमार कश्यप निर्वाचित हुए थे एवं इन दोनों का कार्यकाल 10 अप्रैल 2014 से आज 9 अप्रैल 2020 तक था।  हालांकि  कश्यप ने गत वर्ष नवंबर, 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनावो में करनाल ज़िले की इंद्री विधानसभा  सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक का चुनाव जीतने के बाद अपनी राज्यसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था।  कश्यप राज्य सभा में इनेलो के इकलौते सांसद थे एवं  बीते वर्ष 17 वीं लोकसभा चुनावो के बाद वह सदन में इनेलो छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। चूँकि नवंबर, 2019 में कश्यप के राज्यसभा सीट से त्यागपत्र के बाद उनका शेष कार्यकाल एक वर्ष से कम था, इस कारण उनके द्वारा रिक्त हुई राज्यसभा  सीट पर उपचुनाव नहीं हुआ। अब जांगड़ा और दीपेंदर उक्त दोनों राज्यसभा सीटों  के लिए निर्वाचित हुए हैं एवं इन दोनों का  कार्यकाल  छः वर्ष के लिए  अर्थात 10 अप्रैल 2020 से 9 अप्रैल 2026 तक होगा।

बहरहाल, इस वर्ष जनवरी  में  हरियाणा से भाजपा के एक अन्य राज्यसभा सांसद बीरेंदर सिंह के त्यागपत्र के कारण भी एक  सीट  रिक्त हुई  जिसकी   शेष बची अवधि 1 अगस्त 2022  तक है इसलिए इस रिक्त राज्य सभा सीट के लिए  गत माह मार्च में ही उपचुनाव करवाया गया जिसमे भाजपा के दुष्यंत कुमार  गौतम निर्वाचित हुए।

इसी सम्बन्ध में  कानूनी जानकारी देते हुए हेमंत ने बताया कि जहाँ तक भाजपा के दुष्यंत गौतम द्वारा  उपचुनाव वाली सीट पर हुए निर्वाचन  का विषय है, तो  लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 67 के अंतर्गत उनके निर्वाचन की घोषणा सम्बन्धी नोटिफिकेशन भारत सरकार के विधि मंत्रालय के विधायी विभाग द्वारा  बीते माह 19  मार्च  की तिथि को ही जारी कर दी गयी  जिसमें  रिटर्निंग अधिकारी  द्वारा द्वारा उन्हें उक्त 1951 अधिनियम की धारा 53 (2 ) में निर्वाचित घोषित किया दर्शाया गया  एवं उनकी  राज्यसभा सदस्यता उक्त  नोटिफिकेशन जारी होने से तत्काल  रूप से ही प्रारम्भ हो गयी है जैसे कि उक्त अधिनियम की धारा 155 (2 ) में प्रावधान है। ज्ञात  रहे कि गौतम  का कार्यकाल छः वर्ष के लिए नहीं बल्कि लगभग अढ़ाई वर्ष अर्थात 1 अगस्त 2022 तक होगाय़ संसद का बजट सत्र गत माह 23 मार्च को कोरोना-वायरस संक्रमण के चलते समयपूर्व ही स्थगित कर दिया गया एवं  गौतम  ने उसी सत्र के दौरान ही राज्यसभा सदस्य के तौर पर शपथ ले ली थी।

जहाँ तक राम चंद्र जांगड़ा और दीपेंदर हूडा के निर्वाचन को नोटिफाई करने का विषय है, तो हेमंत ने बताया कि हालांकि उन्हें  इस सम्बन्ध में निर्वाचन सर्टिफिकेट तो गत माह  18 मार्च की तिथि को ही रिटर्निंग अफसर द्वारा  जारी हो गया  हालांकि केंद्रीय विधि मंत्रालय के विधायी विभाग द्वारा  कल  10 अप्रैल 2020  को उनके निर्वाचन की  नोटिफिकेशन जारी कर उसे अधिसूचित किया जाएगा। उक्त 1951 कानून की धारा 155 (1 ) के अनुसार नियमित सीटों के लिए निर्वाचित हुए राज्य सभा सदस्यों के निर्वाचन की घोषणा धारा 67 नोटिफाई करने के साथ साथ उनके नामो को विधायी विभाग द्वारा  1951  अधिनियम  की  धारा 71 में भी अधिसूचित करना कानून आवश्यक होता है जबकि उपचुनाव के सीटों के लिए निर्वाचित होने वालो के नाम इस धारा  में  नोटिफाई नहीं किये जाते।

लिखने योग्य है कि हरियाणा के राज्य सभा के पांच सदस्य है एवं उक्त तीनो ताज़ा निर्वाचित सदस्यों  के अलावा जून, 2016 में निर्दलयी निर्वाचित  सुभाष चंद्र और मार्च, 2018 में निर्वाचित भाजपा के लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड ) डॉ. डी.पी. वत्स है। इसी बीच एक अन्य रोचक जानकारी देते हुए हेमंत ने बताया की जब  उन्हें हरियाणा से नवंबर, 2014 में राज्यसभा की दो सीटों के उपचुनाव में निर्वाचित हुए भाजपा के बीरेंदर सिंह और सुरेश प्रधु के निर्वाचन सम्बन्धी नोटिफिकेशन नहीं मिली , तो उन्होंने बीते माह 19 मार्च को केंद्रीय विधि मंत्रालय के विधायी विभाग में एक आर.टी.आई. याचिका दायर कर उसकी मांग की परन्तु बीती 23 मार्च को विधायी विभाग ने उक्त आर.टी.आई। को भारतीय चुनाव आयोग को स्थानांतरित कर दिया है जिसकी और से आज तक कोई जवाब नहीं आया. हेमंत ने बताया कि राज्यसभा चुनावो के लिए निर्वाचित सदस्य चाहे वो नियमित सीटों के लिए हो या  उपचुनाव सीट के लिए, दोनों के लिए नोटिफिकेशन चुनाव आयोग द्वारा नहीं बल्कि विधायी विभाग द्वारा जारी किया जाता है। ज्ञात रहे कि सुरेश प्रभु वर्तमान में आंध्र प्रदेश से भाजपा के राज्य सभा सांसद हैं।
 

Isha