कुरुक्षेत्र पूरे विश्व में जाना जाएगा गीता के केंद्र के रुप में : दतात्रेय

7/1/2022 9:43:14 AM

कुरुक्षेत्र: राज्यपाल बंडारु दतात्रये ने कहा कि हरियाणा की धरती हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखने और बौद्धिक चिन्तन के उन्नयन का प्राचीनतम केन्द्र रहा है। यह वह महान भूमि है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने बार-बार गमन किया। ऐसी माना जाता है कि ‘हरि’ श्रीकृष्ण ने पहली बार जैसे ही अपने यान को इस पवित्र धरती पर उतारा तो उसे ‘हरि-याना’ कहा गया, जिसको कालांतर में ‘हरियाणा’ पुकारा जाने लगा। यह भूमि भगवान श्रीकृष्ण के पदचिह्नों की साक्षी रही है। इसी का नियमित साक्षात्कार करने के लिए आज उनके विराट स्वरूप का उद्घाटन किया गया है, जोकि हमारे लिए गर्व की बात है। श्रीमद्भगवद् गीता हमारे जीवन की रेखा और प्राचीन संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। यह ज्ञान, कर्म और उपासना का बेजोड़ संगम है।

मुख्यमंत्री  मनोहर लालंने कहा कि जिस प्रकार कुरुक्षेत्र को अब से श्रीमद्भगवद्गीता की धरती के नाम से जाना जाएगा उसी प्रकार धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को लैंड ऑफ श्री कृष्ण भी बनाना होगा। जिस प्रकार लोग श्री कृष्ण के विचारों और उनके जीवन का संदेश लेने के लिए वृंदावन, मथुरा व द्वारिका जाते हैं, उसी प्रकार कुरुक्षेत्र में भी आएंगे, क्योंकि वास्तव में जीवन का संदेश कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर दिया गया था। उन्होंने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज का आभार और धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने गीता के संदेश के प्रचार प्रसार की जो मुहिम चलाई वह सराहनीय है।

वर्ष 2016 से पहले गीता जयंती का एक छोटा कार्यक्रम होता था लेकिन धीरे-धीरे कार्यक्रम का विस्तार होने लगा और लगातार अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। गीता जयंती की मुहिम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चलाई जा रही है। इस कार्यक्रम में पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एम.डी. सिन्हा, के.डी.बी. के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, डा. मारकंडेय आहुजा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
 

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Isha