बिना फर्स्ट -एड सर्टिफिकेट के अब नहीं बनेगा लर्निंग लाइसेंस

3/5/2019 12:47:22 PM

हथीन (ब्यूरो): अगर आपको लर्निंग लाइसेंस बनवाना है तो पहले फसर््ट एड सर्टिफिकेट जरूरी है। इसके लिए रेडक्रॉस सोसायटी से ट्रेनिंग लेनी होगी।  राज्य सरकार ने लाइसेंस के लिए फसर््ट की शर्त को जरूरी कर दिया है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने जिलों में उपमंडल स्तर पर इस नियम को लागू करने के आदेश भी जारी किए हैं। नई व्यवस्था से प्रदेशभर में हर महीने 20 हजार से ज्यादा आवेदक प्रभावित होंगे। पलवल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ, सिरसा, गुडग़ांव समेत कुछ अन्य जिलों इस पर अमल भी शुरू हो गया है। हालांकि पूरी तरह जानकारी न होने के चलते यह आधा-अधूरा ही लागू हो पाया है। हथीन उपमंडल में शुरू कर दिया गया है, जबकि अभी भी अनेक उपमंडलों में पुराने सिस्टम से आवेदन लिए जा रहे हैं।
 

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने आदेश जारी किए हैं 
पहले फस्र्ट एड की शर्त केवल कंडेक्टर के लाइसेंस के लिए ही जरूरी थी। एक सप्ताह के लिए आवेदकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। हैवी लाइसेंस के लिए तो रोडवेज के ट्रेनिंग स्कूल में बस चलाना सीखना पड़ता है। अब स्कूटर, बाइक और कार आदि छोटे वाहनों को चलाने के लिए आम लर्निंग लाइसेंस के लिए फस्र्ट एड की शर्त लागू की गई है। हालांकि ट्रेनिंग के बाद असल सर्टिफिकेट 6 माह बाद ही बनकर आता है, लेकिन लाइसेंस के लिए इतना लंबा इंतजार कराने की परेशानी से बचने के लिए प्रोविजनल सर्टिफिकेट के रूप में प्रावधान निकाला  है। जैसी ही प्रशिक्षण पूरा होगा, उससे अगले ही दिन रेडक्रॉस सोसायटी प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी करेगी।

राज्यभर में एक दिन में एक हजार आवेदन
लर्निंग लाइसेंस के लिए पलवल के तीनों उपमंडल पर हर रोज औसत 20 -30 आवेदन आते हैं। छोटे जिलों में इससे कुछ कम, जबकि गुरूग्राम व फरीदाबाद में आवेदनों की संख्या दोगुना से भी ज्यादा है। 22 जिलों में औसतन एक हजार से ज्यादा तथा महीने में 20 हजार से ज्यादा आवेदन आते हैं। 
 

जाना होगा रेडक्रॉस क्लास में 
रेडक्रॉस सोसायटी अधिकारियों के अनुसार हर रोज क्लास लगाई जा रही है। इसमें हादसा होने पर घायल को प्राथमिक उपचार देने, सांप आदि के काटने पर क्या करें, चोट पर शुरूआती पट्टी कैसे करें आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

Shivam