महाराज ज्ञानानंद देते रहे गीता पर व्याख्यान, यूनिवर्सिटी में सोते रहे छात्र

4/15/2017 8:15:50 PM

भिवानी (अशोक भारद्वाज):भिवानी की चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी में आज कुछ अजब गजब नजारा देखने को मिला। जहां ज्ञानानंद महाराज को भिवानी के चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के तोैर पर बुलाया गया था। महाराज जी ने छात्रों व उपस्थित लोगों को स्मार्ट जीवन जीने के बारे में कहा तो वहीं छात्र स्मार्ट फोन पर सोशल साईट पर बिजी रहे। कुछ छात्र तो पंखे की हवा में अपनी नींद पर काबू नहीं पा सके ओर वे सो गए। यूनिवर्सिटी में किसी ने जहमत तक नही उठाई की सोए हुए छात्रों को उठाया जाएं या फिर जो छात्र व्यखयान ना सुनकर अपनी कक्षाओं का कार्य कर रहे है उन्हेें सही दिशा दे, लेकिन व्यख्यान समाप्त हो गया। 


भिवानी की चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी में आज महाराज ज्ञानानंद जी को गीता पर व्यख्यान के लिए बुलाया गया था कि वे छात्रों को ऐसे गुर दे सके जिससे उनका जीवन पथ भ्रष्ट्र ना हो ओर वे सही राह पर अपने जीवन को जी सके। लेकिन कार्यक्रम के दौरान कुछ ओर ही नजारा देखने को मिला। यूनिवर्सिटी के लोगो ने छात्रो को इस कार्यक्रम की जानकारी ही नही दी थी। वे लोग अपना पेपर देेने के लिए पहुंचे थे कि उन्हें कार्यक्रम में जबरदस्ती बैठा दिया।


सोए हुए छात्रों को जब जगाया और उनसे पूछा गया कि वे व्यखयान के समय सो रहे थे तो उन्होंंने कहा कि आज कल खेतों मेे फसल कटाई का समय है वे लोग खेतो में काम करके यूनिवर्सिटी में आते है। आज उनका पेपर भी था और जबरदस्ती यूनिवर्सिटी के आदेश थे कि उन्हें वहां बैठाया जाएं इसलिए जबरदस्ती बैठाया गया था ओर पखें की हवा में वे अपनी नींद पर काबू नही पा सके ओर सो गए। वही कुछ छात्राएं व्यख्यान के दौरान अपने स्मार्ट फोन पर सोसश मीडियां पर व्यस्त दिखी। कुछ तो आगे की कुर्सी पर सिर रखकर सो गई। कुछ छात्र छात्राओ ने तो व्यख्यान के दौरान अपनी कक्षा ही लगा ली वहां पर अपने नोटस तैयार करने शुरु कर दिए। यही नही आलम यह था कि यूनिवर्सिटी में कुछ प्रवक्ता भी सोशल मीडियां पर अपना समय व्यतीत करते दिखाई दिए।


वही जब महाराज ज्ञानानंद जी से इस बारे में बातचीत की गई तो उनका कहना था कि गीता पर व्यख्यान था तथा छात्र अपने पथ से भ्रमित ना हो इसलिए यह कार्यक्रम आयोजित करवाया गया था। उन्हें बताया गया कि अपके व्यखयान के समय छात्र सो रहे थे या फिर सोशल साईट पर बिजी थे तो उन्होंने कहा कि स्मार्ट शिक्षा लेनी चाहिए लेकिन स्मार्ट फोन को भी बंद करने की सलाह वे नहीं दे सकते। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तो कार्यक्रम के बारे में कुछ भी कहने से ही इंकार कर दिया। सीबील्यू का यह व्यख्यान कितना सफल था यह तो चलचित्र में साफ देखा जा सकता है लेकिन इस तरह के कार्यक्रम में छात्रो को जबरदस्ती बैठाना कितना सही है या गल्त है इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है।