नगर निगमों में एडिशनल व ज्वाइंट कमिश्नर पद को लेकर कानूनी खामियां

3/2/2020 10:57:00 AM

अम्बाला (रीटा/सुमन) : प्रदेश के मौजूदा 10 नगर निगमों में हरियाणा सरकार द्वारा समय-समय पर आई.ए.एस. व एच.सी.एस. अधिकारियों को एडिशनल कमिश्नर और ज्वाइंट कमिश्नर के पद पर तैनात किया जाता है लेकिन इन दोनों पदों को लेकर आज तक कोई अधिसूचना जारी नहीं के गई। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार के मुताबिक हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 के खंड 4 में धारा 45 में, जहां नगर निगम के अंतर्गत म्युनिसिपल प्राधिकारियों का उल्लेख है, में केवल न.नि. कमिश्नर, आयुक्त के पद का ही उल्लेख है, उसमें न तो एडिशनल कमिश्नर और न ही ज्वाइंट कमिश्नर का पद का उल्लेख है।

उनके मुताबिक 2006 में सरकार ने हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 में संशोधन कर उसमें ज्वाइंट कमिश्नर के पद का संदर्भ तो डाल दिया था और इस सम्बंध में उक्त अधिनियम की धारा 2 में नई उपधारा 4, डालकर ज्वाइंट कमिश्नर को कम्पीटैंट अथोरिटी, सक्षम प्राधिकारी के रूप में नगर निगम की सम्पत्ति के संबंध में आदेश पारित करने एवं उनकी अनुपालना करवाने बाबत शक्ति प्रदान की गई एवं नगर निगम कमिश्नर को ज्वाइंट कमिश्नर के आदेशों के विरुद्ध अपील सुनने और उनका निपटारा करने संबंधी शक्ति प्रदान की गई।

ऐसा करते समय 1994 अधिनियम की धारा 45 में उचित संशोधन कर ज्वाइंट कमिश्नर के पद को नगर निगम के अंतर्गत एक म्युनिसिपल अथोरिटी के तौर पर स्पष्ट करने सम्बंधी संशोधन नहीं किया गया, जिस कारण इस पद की कानूनी मान्यता पर संशय उत्पन्न होता है। 1994 अधिनियम की धारा 45(1) में प्रावधान है कि राज्य सरकार द्वारा राजपत्र, गजट में अधिसूचना जारी कर किसी उपयुक्त अधिकारी की निगम कमिश्नर के रूप में नियुक्ति की जाएगी।

हालांकि मूल अधिनियम की धारा 45 (1) में यह उल्लेख था कि केवल 5 वर्ष की सेवा वाला कोई आई.ए.एस. अधिकारी ही न.नि. कमिश्नर लग सकता है परंतु जब इस प्रावधान का सहारा लेकर अम्बाला के पूर्व मेयर रमेश मल ने वर्ष 2015 में तत्कालीन निगम आयुक्त कैप्टन शक्ति सिंह, जो अब आई.ए.एस. अधिकारी हैं कि निगम कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी क्योंकि वह उस समय एच.सी.एस. अधिकारी थे।

उस समय खट्टर सरकार ने पहले अगस्त, 2015 में एक अध्यादेश जारी कर और फिर राज्य विधानसभा में नगर निगम संशोधन कानून पारित करवाकर कमिश्नर पद के लिए केवल आई.ए.एस. अधिकारी की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी था एवं यह प्रावधान कर दिया कि कमिश्नर पद पर राज्य सरकार किसी भी उपयुक्त अधिकारी को नियुक्त कर सकती है। 

Isha