वाजपेयी ने दी थी नसीहत, राजनीति में कम और पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दो

8/19/2018 9:54:45 AM

पंचकूला(धरणी): पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे व्यक्तित्व विरले ही मिलते हैं जो भी उनसे मिला उनका ही होकर रह गया। वाजपेयी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर 1965 में उनका झुकाव  भी पूर्व प्रधानमंत्री की ओर हुआ था तथा तभी से उन्होंने आर.एस.एस. की शाखाओं में जाना प्रारम्भ कर दिया। 2 साल तक शाखाओं में जाने के बाद 1967 में उनका वाजपेयी से सम्पर्क हुआ तो उनका जीवन ही मानों बदल गया।

यह उदगार पूर्व प्रधानमंत्री के साथ बिताए दिनों को याद करते हुए आई.बी. कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. एस.सी. अग्रवाल ने एक वार्तालाप के दौरान व्यक्त किए। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि 1967 में विधानसभा चुनावों में जनसंघ प्रत्याशी रामशरण सिंह के चुनावों में प्रचार करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी उनके पैतृक गांव हाथरस में आए थे। यह वाजपेयी का ही करिश्मा था कि हाथरस विधानसभा क्षेत्र से जनसंघ के प्रत्याशी ने ही जीत हासिल की। 

प्रो. अग्रवाल ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान जब वह वाजपेयी के सम्पर्क में आए तो पूर्व प्रधानमंत्री ने हंसते हुए उन्हें सुझाव दिया कि राजनीति की तरफ कम और पढ़ाई पर अधिक ध्यान दो लेकिन उन्हें तो आर.एस.एस. की धुन सवार हो चुकी थी तथा उन्होंने शाखाओंं में जाना जारी रखा। वर्ष 1969 में नाना जी देशमुख ने उन्हें आकर कहा कि आपको भारत माता पुकार रही है और म्युनिसिपल कमेटी वार्ड 8 से जनसंघ पार्टी से उन्हें सदस्य के तौर पर चुनाव भी लड़वाया गया, जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। 

सन् 1970 में वह अपने पैतृक स्थान हाथरस से पानीपत आ गए और एस.डी. कालेज में लैक्चरार के तौर पर पढ़ाना शुरू कर दिया तथा मॉडल टाऊन लाल टैंकी के पास एक किराए के मकान में रहने लगे। जहां पर उन्होंने जनसंघ के 10 फीट ऊंचे झंडे को भी मकान पर लगा दिया था जिसका कुछ लोगों द्वारा विरोध भी जताया गया था लेकिन वाजपेयी की धुन उन पर सवार थी जिसके चलते उन्होंने हर विरोध का सामना किया। 

इसी वर्ष यानि 1970 में ही अटल बिहारी वाजपेयी एक सभा में शामिल होने जी.टी. रोड स्थित पी.एन.बी. के पास आए। जहां पर वह भी पहुंचे, जिन्हें देखते ही वाजपेयी ने पहचान लिया और मंच पर बुला लिया तथा अपना भाषण शुरू करने से पहले उनसे वक्ता के रूप में बोलने को कहा। करीब 10 से 15 मिनट तक उन्होंने भाषण दिया जिसको सुनकर वाजपेयी भी काफी प्रभावित हुए और उन्हें एक अच्छा वक्ता कहकर सम्बोधित किया। 

वर्ष 1970-71 में उन्हें ए.बी.वी.पी. का प्रदेश उपाध्यक्ष भी बनाया गया। 1972 में बंसी लाल सरकार के दौरान हुए शिक्षकों के आंदोलन में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई तथा जेल भरो आंदोलन के दौरान वह 15-20 दिन तक करनाल जेल मेें भी रहे। एस.सी. अग्रवाल पिछले 48 वर्षों से गुरु तेग बहादुर कालोनी के प्रधान हैं।

Rakhi Yadav