स्टूडेंट्स ने उठाई शहीद बच्चों की याद में ‘बाल बलिदान दिवस’ की मांग, PM को लिखे पत्र

12/18/2019 6:28:57 PM

जींद (मलिक): 4 से 19 साल तक की उम्र दौरान बड़ी शहादत देने वाले देश के तमाम बच्चों को उनके सम्मान का हक दिलवाने हेतु जींद से बहुत बड़ी मुहिम शुरू हुई है। इसके तहत अब तक पी.एम. मोदी को जिले के 50 हजार से ज्यादा स्कूली बच्चों ने पत्र भेजकर शहीद बच्चों की याद में और उनके सम्मान में बाल बलिदान दिवस मनाए जाने का आग्रह किया है। गुरु गोबिंद सिंह के 4 शहीद बच्चों के बलिदान दिवस 26 दिसम्बर तक पी.एम. को 50 हजार और स्कूली बच्चों द्वारा इस तरह के पत्र भेजे जाएंगे। 

बाल्यकाल में ही देश,धर्म तथा मानवता हेतु शहीद होने वाले बच्चों को सम्मान का उनका हक दिलवाने की यह मुहिम जींद में डी.ए.वी. संस्थाओं के क्षेत्रीय निदेशक डा.धर्मदेव विद्यार्थी ने शुरू की है। इसके तहत जिले के विभिन्न सरकारी व निजी स्कूलों के बच्चों से 50 हजार पत्र पी.एम.नरेंद्र मोदी को भिजवाए गए हैं। पत्रों में बच्चों ने पी.एम.से आग्रह किया कि वह बाल शहीदों की याद में बाल बलिदान दिवस मनाए जाने की व्यवस्था करें। 

मुहिम की अगुवाई करने वाले डा.धर्मदेव विद्यार्थी के अनुसार 26 दिसम्बर तक 50 हजार और स्कूली बच्चों से प्रधानमंत्री के नाम इस तरह के पत्र भिजवाए जाएंगे। बाल बलिदान दिवस 26 दिसम्बर को मनाना इसलिए उचित होगा क्योंकि इसी दिन सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह के 4 बच्चों ने धर्म व वतन की रक्षा हेतु प्राणों का बलिदान दिया था। इनमें 6 साल के फतेह सिंह,9 साल के जोरावर सिंह,जुझार सिंह व अजीत सिंह शामिल थे।

इन बच्चों ने उस अवस्था में धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया था,जब दूसरे बच्चों को शहादत के बारे में ठीक से ज्ञान भी नहीं होता। सही मायने में बाल दिवस या बाल बलिदान दिवस 26 दिसम्बर को ही मनाया जाना चाहिए। डा.विद्यार्थी का कहना है कि गुरु गोबिंद सिंह के इन 4 बच्चों के अलावा देश में और भी अनेक बच्चों ने बाल अवस्था में देश,धर्म व मानवता हेतु सर्वोच्च बलिदान दिए हैं। दुर्भाग्य की बात है कि किसी ने देश के इन बाल शहीदों का सम्मान करने की तरफ ध्यान नहीं दिया। 

Isha