नशे में दिया था धक्का, तभी उतारा मौत के घाट, अब अदालत ने सुनाई ये सजा
punjabkesari.in Thursday, May 01, 2025 - 07:10 PM (IST)

गुड़गांव, (ब्यूरो): शराब के नशे में धक्का देने की रंजिश रखते हुए एक व्यक्ति ने दूसरे को चाकू से गोदकर मौत के घाट उतार दिया। मामले में सुनवाई करते हुए एडिशनल सेशन जज सुनील कुमार दीवान की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद (कठोर कारावास) की सजा सुनाई है।
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पुलिस के मुताबिक, 29 जनवरी 2021 को शिवाजी नगर थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि राजीव चौक पार्किंग में एक व्यक्ति की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई है। सूचना पर जब पुलिस पहुंची तो एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि इसने बस व ट्रक की पार्किंग राजीव चौक के पास जगह किराए पर ले रखी है। रात को यह पार्किंग के अंदर ड्यूटी पर था कि रात करीब पौने 11 बजे यह खाना खा रहा था तभी इसके पास निजामुद्दीन जो की पार्किंग के अंदर पंचर की दुकान करता है दौड़कर आया और बोला कि पार्किंग के अंदर राजेश भाई के ढाबे वाले रामचरण को कोई आदमी चोट मार कर भाग गया। यह सुनकर वह मौके पर गया तो देखा कि ढाबे के अंदर रामचरण के गले के पास से काफी खून निकल रहा था। इसने तुरंत पुलिस को सूचना दी, सूचना पाकर ढाबा मालिक राजेश भी आ गया। यहां से पुलिस ने लहूलुहान राम चरण को सेक्टर-10 सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ले गया जिसकी हालत गंभीर देखते हुए उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया।
राजेश ने पुलिस टीम को बताया कि उत्तर प्रदेश के रहने वाले रामचरण की आयु करीब 47 वर्ष है और कई साल से इसके पास काम करता है, जिसको भोला प्रसाद नाम के व्यक्ति ने रंजिश में चाकू से गहरी चोट मारी है। मामले में शिवाजी नगर थाना पुलिस ने राजेश की शिकायत पर मारपीट कर हत्या के प्रयास संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया। अगले दिन इलाज के दौरान रामचरण की मौत हो गई जिसके बाद पुलिस ने हत्या की धारा को इसमें जोड़ दिया। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 23 सितंबर 2021 को आरोपी भोला प्रसाद को सदर बाजार गुड़गांव से काबू कर लिया था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह राजीव चौक के पास ढाबे में काम के लिए आया था और ढाबा मालिक ने इसको काम पर रख लिया था। उसी ढाबे पर पहले से काम करने वाले रामचरण नाम के व्यक्ति ने, ढाबा मालिक ने और इसने साथ बैठकर शराब पी व शराब पीने के बाद ढाबा मालिक अपने कमरे पर चला गया। उसके बाद पहले से ढाबा पर काम करने वाले व्यक्ति रामचरण ने इसको कहा कि तू यहां से भाग जा और इसको धक्का दिया। इसकी रंजिश रखते हुए उसने इस वारदात को अंजाम दिया था।
मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए उनसे आरोपी पर लगे आरोप साबित हो गए। अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए आईपीसी 302 के तहत कठोर कारावास व 25 हजार रुपए का जुर्माना व आईपीसी की धारा 201 के तहत 2 वर्ष कठोर कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।