दहेज के लिए पत्नी को चढ़ा दिया मौत की सूली, अदालत ने सुनाई ये सजा

punjabkesari.in Friday, Apr 25, 2025 - 07:51 PM (IST)

गुड़गांव / तावडू,(ब्यूरो): नूंह जिले में चार वर्ष पुराने बहुचर्चित दहेज हत्या मामले में सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मृतका के पति को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी खालिद पुत्र शाहरून निवासी वार्ड नं. एक नूंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने आरोपी पर कुल 55 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 

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पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि यह मामला जून 2021 का है, जब नूंह शहर थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 1 में विवाहिता नजमा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मृतका के पिता फारूख ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी की शादी वर्ष 2017 में खालिद से हुई थी और शादी के बाद से ही दहेज की मांग को लेकर उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। 5 जून 2021 को नजमा की मौत की सूचना मिलने पर परिजन शहीद हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज, नल्हड़ पहुंचे, जहां नजमा के शरीर पर चोटों के गंभीर निशान पाए गए। 

 

पीड़ित पक्ष ने ससुराल वालों पर दहेज की मांग पूरी न होने के कारण हत्या का आरोप लगाया। शिकायत के आधार पर नूहं पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 304बी और 498ए के तहत मामला दर्ज किया। मामले में एफएसएल रिपोर्ट, मेडिकल दस्तावेज और चश्मदीद गवाहों के बयानों के आधार पर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। करीब चार वर्षों तक चली सुनवाई के बाद, नूंह पुलिस की मजबूत पैरवी एवं साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने खालिद को दोषी ठहराया। 22 अप्रैल को दोष सिद्ध होने के बाद 24 अप्रैल को सजा सुनाई गई, जिसमें आजीवन कारावास के साथ 55 हजार का जुर्माना भी शामिल है। इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार को न्याय मिला है। परिजनों ने कहा कि वे वर्षों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे और अब उन्हें कुछ हद तक सुकून मिला है।


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Content Editor

Pawan Kumar Sethi

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