लिलियम खेती : प्रदेश में अव्वल नम्बर पर पहुंचा सोनीपत

2/20/2018 12:42:58 PM

सोनीपत(ब्यूरो): 5 साल पहले बागवानी विभाग की पहल से जिले में चंद किसानों द्वारा शुरू की गई लिलियम के फूलों की खेती ने अब किसानों की जिंदगी को महकाना शुरू कर दिया है। कई दर्जन गांव में बड़ी संख्या में किसान पॉली हाऊस और ग्रीन हाऊस के माध्यम से विदेशी फूल लिलियम की खेती करने में जुट गए है। जिससे हर 3 माह में 5 से 7 लाख रुपए का मुनाफा कमा रहे है। 

गौरतलब है कि जिले में अधिकतर स्थानों पर धान, गेहूं, ज्वार, बाजरा, गन्ना जैसी परम्परागत खेती की जाती है। फसलों के उचित मूल्य न मिलने से किसान की स्थिति दिन पर दिन खराब ही होती जा रही है। ऐसे में बागवानी विभाग ने लगातार किसानों को व्यावसायिक खेती की तरफ प्रेरित कर रहा है। परिणामस्वरूप दिल्ली से साथ लगते गांवों में बड़ी संख्या में किसान विदेशी फूलों की खेती कर रहे है।
 

मनौली क्षेत्र में जहां आसपास बड़ी संख्या में सब्जियों और स्वीट कोन की खेती की जा रही है। वहीं, खेवड़ा क्षेत्र लिलियम का गढ़ बनता जा रहा है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 5 साल के अंदर ही सोनीपत जिला लिलियम की खेती के मामले में प्रदेश मे नम्बर वन पर पहुंच गया है। चंद एकड़ से शुरू हुई लिलियम की खेती अब 3 दर्जन से अधिक एकड़ भूमि में की जा रही है। हर साल सोनीपत से लाखों रुपए के लिलियम के फूल दिल्ली और आसपास की कम्पनियों में सप्लाई किए जा रहे है। लिलियम के साथ सोनीपत जिला मशरूम उत्पादन में भी प्रदेश में पिछले कई सालों से नम्बर वन की रैक पर बना हुआ है।