Haryana Liquor Policy: हरियाणा के इन गांवों में नहीं बिकेगी शराब, जानिए वजह
punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 06:24 PM (IST)

डेस्कः हरियाणा सरकार ने ग्राम पंचायतों को यह अधिकार दे दिया है कि वे अपने गांव में शराब की बिक्री पर रोक लगा सकती हैं। इसके लिए पंचायतों को ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर निर्धारित प्रक्रिया के तहत समय पर सरकार को सूचना देनी होती है। हालांकि, पंचायतों के इन प्रस्तावों पर आबकारी विभाग के नियम भारी पड़ रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जिले की 29 ग्राम पंचायतों ने शराब के ठेके बंद कराने हेतु ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजे थे। लेकिन पंचकूला मुख्यालय ने केवल 13 गांवों के प्रस्तावों को स्वीकृति दी, जबकि 14 गांवों के प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया।
प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया
गौरतलब है कि यदि कोई पंचायत 31 दिसंबर तक लिखित रूप में सरकार को सूचित कर देती है कि उसके क्षेत्र में शराबबंदी लागू की जाए, तो उस गांव में शराब की दुकान के लिए टेंडर जारी नहीं किया जाता। पंचायतों को यह प्रस्ताव ग्राम सभा में पारित कर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (BDPO) के माध्यम से आबकारी विभाग को भेजना होता है। इसके बाद पंचकूला मुख्यालय सरपंच को बुलाकर उनकी राय जानता है और फिर यह निर्णय लिया जाता है कि संबंधित गांव में शराब की दुकान खोली जाए या नहीं।
इन गांवों में लागू होगी पूर्ण शराबबंदी
वर्ष 2025-26 के लिए जिले के निम्नलिखित 14 गांवों में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है:
बाबडोली, भाड़ावास, करनावास, पावटी, नंगलिया रणमौख, नैनसुखपुरा, मुरलीपुर, गुर्जर माजरी, भटसाना, बेरली खुर्द, जखाला, प्राणपुरा।
इन गांवों में न तो शराब की कोई दुकान खोली जाएगी और न ही शराब बेची जाएगी।
इन गांवों के प्रस्ताव हुए खारिज
वहीं जिन ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव खारिज कर दिए गए, उनमें ये गांव शामिल हैं:
मालाहेड़ा, बिहारीपुर, असदपुर, मांढैया खुर्द, ततारपुर इस्तमुरार, कतोटपुर बुजुर्ग, नेहरूगढ़, किशनपुर, कृष्णनगर, जाहिदपुर, भूरथला, माजरी दुदा और आराम नगर कनूका।
पंचायतों को है कानूनी अधिकार
हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 31 में संशोधन कर ग्राम सभाओं को यह कानूनी अधिकार दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित कर सकें। इसके साथ ही अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाने का भी प्रावधान है।
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