सरकार का फैसला: डिफॉल्टर की सूची तैयार, अफसरों के वेतन से कटेगी जुर्माना राशि

10/23/2021 4:20:12 PM

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी):  राज्य सूचना आयोग द्वारा लगाई गई 2.76 करोड़ रुपये जुर्माना राशि न भरने वाले 1726 डिफॉल्टर जन सूचना अधिकारियों से जुर्माना राशि वसूली के लिए सरकार ने कड़ा फैसला लिया है ।मुख्य सचिव विजय वर्धन की अध्क्षयता में मॉनिटरिंग कमेटी ने जुर्माना राशि वसूली सुनिश्चित करने के लिए कड़े आदेश किये हैं ।

गौर तलब है कि आरटीआई एक्ट-2005 के तहत निर्धारित 30 दिन में सूचना देने का नियम है ।विलंब से सूचना देने पर सूचना अधिकारी पर 250 रु प्रति दिन की दर से अधिकतम 25000 रुपये जुर्माना ठोंकने की सूचना आयोग की पावर है ।अधिकतर अफसर न तो टाइम से सूचना देते हैं और न ही जुर्माना राशि जमा करवाते हैं ।वर्ष 2005 से अब तक सूचना आयोग ने कुल 4.79करोड़ रुपये का जुर्माना कुल 3589 मामलों में अफसरों पर लगाया ।इसमें से 1726  अफसरों ने कुल 2.76 करोड़ रुपये की जुर्माना राशि वर्षों से दबाई बैठे हैं । इनमें से सर्वाधिक जुर्माना राशि पंचायती राज विभाग के अफसर  93.90 लाख रुपये व शहरी निकाय विभाग के अफसरों पर 61.65 लाख रुपये दबाए बैठे हैं ।



आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने इस जुर्माना राशि की वसूली को लेकर लोकायुक्त कोर्ट में गत वर्ष 21जुलाई को केस दर्ज कराया था ।इस पर प्रदेश सरकार ने गत 29 जनवरी कोचीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में जुर्माना राशि वसूली के लिए उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी गठित की । सरकार ने सूचना आयोग को जुर्माना वसूली व इसकी कारगर निगरानी के लिए ऑनलाइन सिस्टम कायम करने के निर्देश भी दिए ।

प्रत्येक विभाग जुर्माना वसूली  ब्यौरा अपडेट करेगा।तत्काल वसूली के लिए डिफॉल्टर सूचना अधिकारियों की सूची सम्बंधित विभाग के विभागाध्यक्ष/सचिव  को भेजी जाएगी ।डिफॉल्टर सूचना अधिकारियों के वेतन से जुर्माना राशि वसूली के लिए सरकार सभी ड्राइंग एंड डिसबर्समेंट ऑफिसर को सर्कुलर भेजेगी ।

 

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Isha