मानसून की देरी ले रही बेजुबानों की जान, पीड़ित पक्षी बढ़े

6/10/2019 12:23:43 PM

गुडग़ांव (संजय): गर्म हवाएं व तपीश से इंसान ही नही बल्कि परिंदें भी परेशान है। गर्मी के कारण कबूतर, तोता, मोर सहित अन्य परिंदें गहरी बीमारी की चपेट में आ रहे है। बताया गया है कि गर्मी में  शुद्ध व गुणवत्ता युक्त पानी का व छतों व पार्को में रखे गए गर्म पानी इनकी सेहत खराब कर रहा है। बीमारी से अब तक कई परिदों की जान भी जा चुकी है। जबकि पड़ रही कड़ाके की गर्मी से राष्ट्रीय पक्षी उद्यान से विदेशी मेहमान गायब हो चुके है। यहां अब सिर्फ देशी व भारतीय पक्षियां ही देखी जा रही है।

ज्ञात हो कि लगातार पड़ रही गर्मी व मानसून की देरी से समस्या पैदा हो रही है। दिनभर कड़ी धूप में छतों व पार्को आदि में रखे गए पानी बेहद गर्म हों जाता है। जिसमें दाना आदि खाने से परिंदों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। जैकमपुरा स्थित पक्षी अस्पताल के विशेषज्ञों की मानें तो अस्पताल में रोजाना 10 से 12 परिंदों को इलाज के लिए पहुंचाया जा रहा है। जिसमें जांच के बाद पाया गया है कि उनमें चिकेनपाक्स, कुराइजा व हीट स्ट्रोक के मामले देखे जा रहे है। हालांकि चिकेनपाक्स ज्यादातार पक्षियों के बच्चों में जबकि हीट स्ट्रोक व कुराइजा वयस्क परिदों में देखे जा रहा है। उन्होने बताया कि कुराइजा के कारण दिवार व छतों से टकराकर कई गंभीर पक्षियों की मौत भी हो चुकी है।

क्या होता है कुराइजा
यह एक विशेष तरह क बीमारी होंती है। जो आंखों के उपर एक परत बन जाती है। जो धीरे धीरे इतना मोटी हो जाती है कि धीरे धीरे उनका देखना बंद हो जाता है लिहाजा उड़ान भरने के दौरान वे छतों, दिवारों व अन्य चीजों से टकराकर घायल हो जाते है। इस बीमारी से कबूतरों की चोंच मुड जाती है आंखों की रौशनी होने लगती है इसे (कुराइजा) कहते है। ज्यादा दाना खाने व गर्म पानी पीने डिहाइड्रेशन होता पाचन क्रिया खराब होने से वे तड़प तड़प के मर जाते हैं।

झील से मेहमान गायब देशी परिंदे जमे
सुल्तानपुर स्थित राष्ट्रीय पक्षी उद्यान पक्षी उद्यान हजारों की संख्या में सात समुंदर पार से देश विदेश से चका लुफ्त लेने पहुंचे हजारों की संख्या में पहुंचे मेहमान अपने वतन लौट चुके है। बताया गया है अब यहां पर सिर्फ देयाी व भारतीय मेहमान ही जमें हहै। हालांकि झील में पार्याप्त पानी व अन्य सुविधाओं का इंतजाम वन्य जव विभाग द्वारा करवा दिया गया है। 

Naveen Dalal