सरसों की खेती पर M.S.P. की मांग, हरियाणा सरकार सहित अन्य को नोटिस

3/28/2018 10:54:22 AM

चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा के जिला मेवात में सरसों की खेती से जुड़े किसानों को एम.एस.पी. का लाभ न मिलने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने प्रतिवादी के रूप में शामिल हरियाणा सरकार, हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्कीटिंग बोर्ड के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, हैफेड के सैक्रेटरी तथा डिप्टी कमिश्नर, नूंह को 21 अप्रैल के लिए नोटिस जारी किया है। याची मेवात के अख्तर अली की ओर से एडवोकेट मजलीश खान ने दलीलें पेश की। 

याचिका में मांग की गई है कि प्रतिवादी पक्ष को भारत सरकार द्वारा मंजूर किए गए 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल एम.एस.पी. पर सरसों खरीदने के आदेश दिए जाएं। इसके अलावा उन किसानों को मुआवजा राशि प्रदान की जाए। जिन्होंने अपनी सरसों की खेती मार्कीट में एम.एस.पी. से कम में बेची है। 

याचिका में कहा गया है कि मेवात जिले में पानी की कमी के कारण अन्य फसलों की खेती की बजाय किसान आमतौर पर 50 हजार हैक्टेयर पर सरसों की खेती करते हैं और 6 लाख क्विंटल सरसों का हर वर्ष उत्पादन होता है लेकिन किसानों को सरसों के उत्पादन का एम.एस.पी. नहीं मिल रहा। 
 

बिचौलियों, दलालों, कमीशन एजैंट्स की दखल के चलते किसान अपने उत्पादन पर एम.एस.पी. प्राप्त नहीं कर सकते। बताया गया कि हरियाणा में गेहूं, धान, जौ, चना, बाजरा और सरसों एम.एस.पी. के तहत कवर हैं। हरियाणा में कई जिलों में एम.एस.पी. पर सरसों की खरीद के लिए सैंटर्स स्थापित किए है।

वहीं नूंह, मेवात व इससे जुड़े अन्य जिले में कोई खरीद सैंटर नहीं है। कहा गया है कि बिचौलिए, दलाल और कमीशन एजैंट्स किसानों से सीधे रूप से सरसों 3200 रुपए क्विंटल में खरीदते है। जबकि सरकार ने 4 हजार रुपए एम.एस.पी. तय किया हुआ है। ऐसे में किसानों को 800 रुपए प्रति क्विंटल का नुक्सान हो रहा है।

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