किसान आंदोलन से आहत 35 गांवों के 7 लाख बदहाल नागरिकों के 700 प्रतिनिधियों की महापंचायत आज

6/19/2021 11:25:16 PM

चंडीगढ़ (धरणी): 7 महीने से चल रहे किसान आंदोलन से आहत 35 गांवों के 7 लाख बदहाल नागरिकों के 700 प्रतिनिधियों की महापंचायत आज रविवार को बारातघर, सिंघु स्कूल के नजदीक, जॉन्टी रोड सेरसा, सिंघु बार्डर के नजदीक, सुबह 9 बजे से 12 बजे तक होगी। इन लोगों का कहना है कि जी.टी रोड के एक तरफ रास्ता खोलने की मांग पर स्थानीय लोग लामबंद होंगे। यह जानकारी राष्ट्रवादी मंच के अध्यक्ष हेमंत नांदल ने दी।

नांदल का कहना है कि बार्डर पर बढ़ती हिंसक घटनाओं का विरोध करने व सिंघु बार्डर को एक तरफ से खुलवाने के लिए आंदोलनकारीयों द्वारा स्थानीय निवासियों से अप्रिय व हिंसक घटनाओं से परहेज करने व किसानों द्वारा जगह-जगह बैरिकेडिंग करके स्थानीय निवासियों का रास्ता रोकने के खिलाफ गुहार लगाएंगे व भावी रणनीति तैयार होगी।

हेमन्त नांदल का कहना है कि दिल्ली व हरियाणा गांवों की समर्थित 36 बिरादरी के लोग रविवार को इकठ्ठा होंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के कारण सोनीपत के आसपास 35 गावों के हर वर्ग के आमजन बर्बादी की कगार पर हैं। कृषि कानून विरोधी आंदोलन के कारण कुंडली और आसपास के क्षेत्रों में उद्योग-धंधे चौपट हो गए हैं। उद्योगों के बंद होने के कारण वहां काम करने वाले श्रमिकों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है और वह पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोनीपत में निकट भविष्य में यदि आत्महत्याओं का दौर शुरू हो जाए तो कोई हैरानी नहीं होगी।

पूरा मामला क्या है?
दरअसल, सिंघु बार्डर के साथ लगते सोनीपत की इंडस्ट्रीज और रोजगार पर किसान आंदोलन के चलते पड़ने वाले बुरे प्रभाव के कारण ये सब कंगाली के कगार पर हैं। प्रभावित इंडस्ट्री, पेट्रोल पंप एसोसिएशन, नजदीकी आरडब्ल्यूए रिप्रेजेंटेटिव एवं अन्य वर्ग इस बार एक तरफ के रास्ते की मांग पर अड़ा है। वहीं राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के साथ आंदोलनकारियों एवं प्रशासन से टकराव का मन बना चुके हैं। हेमन्त नांदल का कहना है कि रविवार की महापंचायत में प्रशासन को अल्टीमेटम दिया जाएगा।
 

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Content Writer

Shivam