ज्ञानानंद महाराज को गीता जयंती मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बनाना सरहनीय कदम:रवि चोपड़ा
punjabkesari.in Tuesday, Aug 13, 2024 - 05:37 PM (IST)
चंडीगढ़(चंद्रशेखऱ धरणी): हरियाणा सरकार की ओर से गठित किए गए अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण में राज्यपाल की ओर से स्वामी ज्ञानानंद महाराज को उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर उन्हें देने का सिलसिला लगातार जारी है।
बता दें कि इसी साल बजट सत्र के दौरान हरियाणा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण विधेयक 2024 पेश किया था, जिसे चर्चा के बाद पास भी कर दिया गया। सरकार का मत था कि इस प्राधिकरण के बनने से न केवल विभिन्न मेलों में लोगों के लिए की जाने वाली सरकारी व्यवस्थाओं व सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव को बड़ी पहचान मिलेगी। प्राधिकरण मेला प्रबंधन व संचालन के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव को व्यापक स्वरूप प्रदान करने के लिए काम करेगा। प्राधिकरण के मुखिया राज्य के मुख्यमंत्री होंगे।
राज्यपाल की ओर से स्वामी ज्ञानानंद के प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। हरियाणा के अलावा देश और विदेश से भी उन्हें बधाई दी जा रही है। इसी कड़ी में अमेरिका में अप्रवासी भारतीय उद्योगपति रवि चोपड़ा ने भी स्वामी जी को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि स्वामी ज्ञानानंद के नेतृत्व में प्राधिकरण गीता जयंती के कार्यक्रम को अच्छे से संपन्न कर पाएगा।
स्वामी ज्ञानानंद ने अब तक कई किताबें भी लिखी है जिसमें गीता प्रेरणा, कृपा और ज्ञान साधना है। स्वामी ज्ञानानंद की ओर से ध्यान, सेवा, और मानवता के प्रति समर्पित श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति का गठन किया गया है। सत्संग, सेवा और सुमिरन के दिव्य विचारों के लिए समर्पित ज्ञानानंद ने इस समिति की स्थापना की थी। वह 1990 से लगातार ध्यान और प्रार्थनाओं के व्यावहारिक लाभ सिखा रहे हैं और दिन-प्रतिदिन जीवन की समस्याओं और उनके समाधानों के लिए प्रेरणा देते हैं, जबकि उन्होंने युवा से लेकर बूढ़ों तक को गीता का ज्ञान देने के लिए जीओ (जीआईईओ) गीता की भी स्थापना की है।
इसके अलावा स्वामी ज्ञानानंद विश्व भर में गीता महोत्सव करवाते आ रहे हैं। उन्होंने मॉरीशस, लंदन जैसे बड़े-बड़े शहरों में गीता महोत्सव का आयोजन किया है। स्वामी जी विदेशों में भी गीता प्रचार करते रहते हैं। भारत के अलावा दूसरे देशों में भी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के कई शिष्य है, जो समय-समय पर उन्हें आमंत्रित करते रहते हैं।