मानेसर लैंड घोटालाः जांच के लिए गुरुग्राम पहुंची सीबीआई की टीम(Video)

12/6/2018 6:39:04 PM

गुरुग्राम(सतीश राघव): गुरुग्राम की 1400 एकड़ अधिग्रहण जमीन के मामले में सीबीआई की टीम आज गुरुग्राम पहुंची और किसानों के बयान दर्ज किए। साल 2009 में हुड्डा की सरकार ने अधिग्रहण का डर दिखाकर किसानों को जमीन बेचने पर मजबूर किया था। अब इस मामले की जांच करने के लिए सीबीआई की टीम ने गुरुग्राम के आठ गांवो के किसानों के बयान दर्ज किए हैं।

बता दें कि साल 2009 में हुड्डा सरकार की तरफ से गुरुग्राम के उल्लावास, कादरपुर, मैदावास, बादशाहपुर, रामगढ़, बहरामपुर, घाटा और तिगरा की जमीन को अधिग्रहण करने के लिए सरकार की तरफ से सेशन 4 और 6 के नोटिस जारी किए और इसी बीच किसानों के पास बिल्डरों ने जाकर किसानों को धोखा दिया कि सरकार आप की जमीन को डीसी रेट पर खरीद लेगी, उससे अच्छा ये जमीन हमे आप मार्केट रेट से कम दामों में दे दो।

किसानों का आरोप हैं बिल्डरों और सरकार की मिली भगत के चलते उन्हें डरा धमका कर उनकी जमीनों को ले लिया गया। बाद में किसानों की बेची हुई जमीन से सेशन 4 और 6 के साथ 9 के नोटिस भी हटा दिए। अब ऐसे में किसानों के हुए धोखे को लेकर किसान हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जिसके बाद अब इस पूरे मामले की जांच सीबीआई कर रही हैं।

8 गांवों में करीब 1400 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने में कथित रूप से गड़बड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए। जमीन का अधिग्रहण हुड्डा सरकार के कार्यकाल में किया गया था। आरोप है कि 1400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया, लेकिन इसमें से हुड्डा के पास सिर्फ 87 एकड़ जमीन है।

बाकी जमीन बिल्डर्स व कॉलोनाइजर्स को दी गई। किसानों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दलील दी गई कि जिस तरीके से अधिग्रहण के नाम पर घोटाला किया गया था, जांच भी सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी थी। अब जहां सीबीआई की टीम के बयान दर्ज करने के बाद किसानों को उम्मीद है कि अब इस मामले में उन्हें न्याय मिलेगा, तो वहीं पूर्व सीएम और अधिकारियों की मुश्किले एक बार फिर इस मामले में बढ़ सकती हैं।

Deepak Paul