ESI कार्ड की हेरफेर: इलाज लोकेश का हो रहा था, मौत हुई तो सामने आया इजहार

7/6/2020 8:24:34 PM

फरीदाबाद (ब्यूरो): फरीदाबाद के ईएसआई अस्पताल में दूसरे के कार्ड पर इलाज करा रहे युवक की मौत का मामला अब तूल पकडऩे लगा है। मामला पुलिस तक पहुंचने के बाद अब मृतक के परिजनों की परेशानियां और बढ़ गई है। सेक्टर-8 क्षेत्र निवासी इजहार के परिजनों ने सोचा भी नहीं था कि उनके समक्ष ऐसी समस्या आएगी। अगर इजहार ठीक होकर घर आ जाता तो कोई बात नहीं थी मगर उसकी मौत हो गई। 

अब समस्या यह हुई कि अस्पताल में वह लोकेश के ईएसआइ कार्ड पर भर्ती था इसलिए अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक लोकेश की मौत हुई है। जब शव पोस्टमॉर्टम के लिए बादशाह खान अस्पताल में पहुंचा तो रजिस्टर में एंट्री भी लोकेश के नाम से दर्ज हुई। पुलिसकर्मी पोस्टमॉर्टम कराने बादशाह खान अस्पताल पहुंचे तो परिजनों ने बताया कि मृतक का नाम लोकेश नहीं बल्कि इजहार है। इजहार और लोकेश की गुत्थी ने पुलिस को भी उलझा दिया।



पुलिसकर्मी परिजनों से माथापच्ची करते रहे कि लिखित बयान देकर स्थिति स्पष्ट करें। मगर परिजन चाह रहे थे कि शव उन्हें बिना पोस्टमॉर्टम के दे दिया जाए, ताकि किसी तरह की कागजी कार्रवाई ना हो। पुलिसकर्मी बिना पोस्टमॉर्टम शव दे नहीं सकते। इस चक्कर में रविवार को पोस्टमॉर्टम भी नहीं हो सका। सोमवार को युवक के स्वजनों ने लिखित बयान दिया। जिसके बाद पुलिस शव का पोस्टमॉर्टम कराकर स्वजनों को सौंप दिया। 



सेक्टर-8 चौकी प्रभारी जलालुद्दीन ने बताया कि उन्हें सेक्टर-10 स्थित निजी अस्पताल से लोकेश नाम के युवक की मौत होने की जानकारी मिली थी। जब पोस्टमॉर्टम के लिए पहुंचे तो मृतक के पिता सरफराज ने बताया कि उसके बेटे का नाम इजहार है। तीन दिन पहले इजहार छत से गिर गया था। उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल का खर्च अधिक था, इसलिए सरफराज ने अपने एक जानकार से ईएसआइ कार्ड ले लिया। 

इस तरह ईएसआइ कार्ड के अनुसार इजहार को लोकेश के नाम से अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज शुरू कर दिया गया। रविवार को इजहार की मौत हो गई। प्रभारी जलालुद्दीन ने बताया कि दोनों युवकों के परिजनों ने लिखित बयान देर स्थिति साफ कर दी है, जिसके के बाद पोस्टमार्टम करा दिया गया। 

इस संबंध में अगर ईएसआइसी की तरफ से शिकायत दी जाएगी तो मृतक युवक के स्वजनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हो सकता है।

Shivam