मनीषा ने फहराया साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किली मंजारों पर देश का तिरंगा

2/3/2019 5:57:52 PM

फतेहाबाद (रमेश भट्ट): हरियाणा में 'बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं' के नारे का असर हरियाणा वासियों की सोच पर पड़ता दिखाई दे रहा है। सरकार के इस नारे के असर से बेटियों को अब घर की दहलीज में बंधे रहना और पर्दे के पीछे रखना हरियाणा वासियों की सोच से परे नजर आ रहा है। बेटियां अब ऐसी उड़ान भर रही है जिसे देख सभी को उन पर गर्व हो रहा है।



ऐसे ही रूढि़वादी की दिवार को फांद कर एक बेटी ने ऐसी छलांग लगाई कि करीब साढ़े 19 हजार फीट ऊंची चोटी पर जा पहुंची और वहां देश का तिंरगा फहराकर वापिस लौटी। फतेहाबाद के छोटे गांव बनावाली की बेटी मनीषा एक टीवी सीरियल से प्रेरणा लेकर माऊंट एवरेस्ट पर विजय पाना का सपना संजोया है। कठिन ट्रेनिंग और सामाजिक और परिवारिक बंधनों से लड़कर वो अभी हाल ही में साऊथ अफ्रीका की ऊंची चोटी किलीमंजारों पर विजयपताका फहरा कर लौटी है।



मनीषा ने बताया कि ट्रेनिंग से लेकर किलीमंजारों तक पहुंचने में उसे कई परेशानियां आई मगर उसने हार नहीं मानी। उसने बताया कि सबसे पहले तो उसके परिवार वाले इस बात को लेकर तैयार नहीं हुए कि उसकी ट्रेनिंग लड़कों के साथ होगी, उसे लड़कों के साथ केंपिंग करनी होगी, मगर उसकी जिद्द और हौंसलों के आगे उसके मां-बाप ने अपनी सोच बदली और उसे ट्रेनिंग के लिए भेजा। उसने बताया किलीमंजारों पर चढऩे के लिए उसके दल में 9 सदस्य थे मगर, कठिन चढ़ाई और भारी बर्फ, एवलांच, तेज हवाएं, हाईपोथरमिय जैसी स्थिति के अलावा अनेक विपरित वातारण को न सहते हुए उनके दल के 5 सदस्य बीच में से ही वापिस लौट गए। जबकि उसके सहित 4 सदस्यों ने यह टॉस्क 4 दिनों में पूरा कर 26 जनवरी के दिन किलीमंजारो की चोटी पर भारत का झंडा फहराया।



उसने बताया कि उसका लक्ष्य मांऊट एवरेट पर जाने का है, मगर पहाड़ की चोटी की तरह ही वित्तीय समस्या पहाड़ की तरह खड़ी है। उसने बताया कि वह मध्यमवर्गीय परिवार से है। उसने किसी तरह मैनेज कर किलीमंजारों पर तो विजय पा ली, मगर माऊंट एवरेट पर जाना उसके लिए कठिन नजर आ रहा है। क्योंकि मांऊट एवरेट पर जाने के लिए करीब 29 लाख रुपए का खर्च है, और वो उसका परिवार इस भारी भरकम खर्च को उठा पाने में सक्षम नहीं है। मनीषा ने बताया कि उसने हार नहीं मानी है वो प्रयास कर रही है कि किसी तरह से पैसे का प्रबंध हो और सपना पूरा कर सके। वहीं मनीषा की इस उपलब्धि पर पूरा गांव एवं अन्य समाजसेवी संस्थाओं ने उसका स्वागत कर उत्साह वर्धन किया है।

Deepak Paul