अमित शाह से मिल सकते है मनोहर व ज्ञान चंद गुप्ता, इस अहम मुद्दे पर होगी चर्चा
3/26/2022 11:50:50 AM
चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): देश के गृह मत्री अमित शाह के 27 मार्च के चंडीगढ़ आगमन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा रहना विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता उनसे मुलाकात करने के लिए प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा ज्ञान चंद गुप्ता हरियाणा की नई बनने वाली विधानसभा के लिए चंडीगढ प्रशासन से यह जमीन हरियाणा सचिवालय के आसपास देने की मांग को लेकर करना चाहते हैं। गृह मंत्री अमित शाह से अगर चंडीगढ़ आगमन पर यह बातचीत ना हो पाए तो मुख्यमंत्री तथा स्पीकर कौन से समय लेकर दिल्ली भी जा सकते हैं। हरियाणा सरकार चाहती है कि नया विधानसभा भवन सचिवालय के आसपास मौजूदा कैपिटल कांप्लेक्स में कहीं बनना चाहिए, लेकिन संकेत हैं कि चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों ने यह कहते हुए कैपिटल कांप्लेक्स के आसपास जगह देने से मना कर दिया है, क्योंकि यह पूरा एरिया हैरीटेज (विरासत) के नाम से जाना जाता है और इसमें किसी तरह का निर्माण या छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
हरियाणा की बनने वाली नई विधानसभा के लिए जहां हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता हरियाणा सचिवालय के आसपस नई विधानसभा बिल्डिंग बनाने के लिए प्रयास में जुटे हुए हैं। वही चंडीगढ़ प्रशासन ने हरियाणा सरकार के इस प्रस्ताव को दरकिनार कर दिया है ।चंडीगढ़ प्रशाशन ने सुझाव दिया है कि हरियाणा सरकार को आइटी पार्क रोड पर और पंचकूला रोड स्थित कलाग्राम के सामने दो साइट पर नया विधानसभा भवन बनाने पर विचार करे। हरियाणा विधानसभा के 20 से ज्यादा कमरे पंजाब विधानसभा ने कब्जा रखे हैं। स्पीकर ने केंद्रीय गृह मंत्री के साथ चर्चा की जाने वाली तमाम बातों का एक नोट तैयार कर लिया है। अधिकारियों द्वारा डाले गए अडंगे के साथ ही उसका जवाब भी स्पीकर ने तैयार किया है। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि कैपिटल कांप्लेक्स स्थित हम अपने पुराने विधानसभा भवन पर कब्जा नहीं छोड़ेंगे। यदि कैपिटल कांप्लेक्स में नई जगह मिलने में कोई बाधा है तो हम अपने पुराने विधानसभा भवन का स्वरूप भी बदलने के लिए तैयार हैं। लेकिन अधिकारी इसके लिए भी अनुमति देने को तैयार नहीं हैं। स्पीकर का कहना है कि जब हैरीटेज स्थल पर दिल्ली सरकार अपनी विधानसभा बना सकती है और चंडीगढ़ में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के 20 से ज्यादा कमरे बन सकते हैं तो फिर हरियाणा के लिए यह अड़चन क्यों डाली जा रही है। स्पीकर ने बताया कि अब पंजाब में सरकार बदल गई है। पंजाब विधानसभा से अपने हिस्से के कमरों का कब्जा छुड़वाने के लिए वह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात करेंगे।
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा हरियाणा सरकार को आइटी पार्क रोड पर और पंचकूला रोड स्थित कलाग्राम के सामने दो साइट पर नया विधानसभा भवन बनाने का सुझाव दे पेंच फंसा दिया गया है। इस पेज का समाधान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ही कर सकते हैं।हरियाणा सरकार इन दोनों साइट को किसी लिहाज से नए विधानसभा भवन के लिए उपयुक्त नहीं मानती। मंत्रियों और विधायकों को निरंतर सचिवालय आना-जाना पड़ता है। विधानसभा की विभिन्न कमेटियों की बैठक भी नियमित होती है। ऐसे में यदि कलाग्राम और आइटी पार्क रोड पर नया विधानसभा भवन बनाया गया तो सचिवालय व नए विधानसभा भवन के बीच कई किलोमीटर की दूरी हो जाएगी। मंत्रियों व विधायकों के लिए सचिवालय तथा विधानसभा आना-जाना मुश्किल हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में भागीदारी करने के बाद यदि अमित शाह चंडीगढ़ आए तो उन्हें यूटी के अफसरों द्वारा पैदा की जा रही अ़ड़चनों से अवगत कराया जाएगा। यदि शाह का चंडीगढ़ दौरा स्थगित हो गया तो फिर दिल्ली में समय लेकर स्पीकर और मुख्यमंत्री अमित शाह से मिलेंगे। यह स्थिति तब है, जबकि चंडीगढ़ के डीसी और गृह सचिव पद पर हरियाणा काडर के अधिकारी तैनात हैं, लेकिन पता चला है कि अडंगा पंजाब राजभवन से पड़ा है। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ यूटी के प्रशासक तथा प्रशासक के सलाहकार के स्तर पर हरियाणा को अपने नए विधानसभा भवन के लिए जमीन मिलने को लेकर सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता चंडीगढ़ यूटी के अधिकारियों के इस रवैये से खासे नाराज हैं। उन्होंने पूरी बात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बताने का मन बनाया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी यूटी के अधिकारियों की इन घुमावदार बातों से अवगत करा दिया गया है। अमित शाह का अगले कुछ दिनों में चंडीगढ़ दौरा है। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ दौरे के दौरान अमित शाह से मिलने का समय मांगा है।
नई विधानसभा के लिए मेरे प्रयासों को इस साल सिरे चढ़ाने की कोशिशें रहेंगी : ज्ञान चंद गुप्ता
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता ने कहा कि आज की परिस्थितियों के अनुसार हरियाणा के लिए एक अच्छी विधानसभा की व्यवस्था होनी चाहिए। जो कि स्थान की कमी के कारण मौजूदा विधानसभा में नहीं हो पा रही। विधानसभा सेशन के दौरान मंत्रियों को उचित स्थान बैठने के लिए उपलब्ध नहीं करवा पा रहे। जिससे उनके विधाई कार्य और कार्यालय के कार्य करने में दिक्कतें आती हैं। विधानसभा की कमेटियों द्वारा विधानसभा की कार्यवाही संचालित की जाती है, उनके चेयरमैन तक के लिए हमारे पास बैठने का उचित स्थान उपलब्ध नहीं है। नेता विपक्ष के लिए भी पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं है। इसलिए हमारे नई विधानसभा के प्रयास रहेंगे। जिसके चलते लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी इस व्यवस्था की जरूरत समझी है। मुख्यमंत्री द्वारा भी इसमें सहमति दी गई है। मेरा प्रयास रहेगा कि एक अच्छी नई विधानसभा इसमें सारी सुविधाएं उपलब्ध हो जल्द से जल्द उसका निर्माण करवाया जाए। मैं गृह मंत्री अमित शाह से भी इस बारे में मिला था। उन्होंने भी इसे आगे बढ़ाने की बात कही थी।
वर्ष 2022 में पंजाब से अपना बकाया हिस्सा वापिस लेने का मेरा प्रयास रहेगा
इस मौके पर गुप्ता ने बताया कि 1 नवंबर 1966 को हरियाणा का गठन हुआ। लेकिन आज भी पंजाब का हरियाणा के 13 फ़ीसदी हिस्से पर कब्ज़ा है। जिस बारे मैंने वर्ष 2021 में कई प्रयास किए और परिणाम स्वरूप 2-3 अच्छी बैठकर भी हुई सौहार्द पूर्ण वातावरण में पंजाब- चंडीगढ़ यूटी और हरियाणा के अधिकारियों के बीच हुई। बैठकों में सूचनाओं का आदान प्रदान हुआ। आने वाले दिनों में फिर से निश्चित तौर पर बैठके होंगी और कोई ना कोई हरियाणा के पक्ष में निर्णय होने का मेरा प्रयास रहेगा। 1966 में हरियाणा बनने के 50 वर्ष बाद तक हमारे किसी भी स्पीकर ने इस मुद्दे को नहीं उठाया। हम थोड़ा लेट जरूर हुए हैं लेकिन हमें हमारा हक मिलना चाहिए। क्योंकि हमारे पास स्थान की काफी कमी है। यह स्थान दिलवाने का भी मेरा वर्ष 2022 में प्रयास रहेगा।
गुप्ता ने कहा कि हरियाणा विधानसभा की 13 समितियां हैं, जबकि समिति कक्ष मात्र दो हैं। इसलिए बैठकें करने में बड़ी दिक्कत आती है। विधानसभा सचिवालय में करीब 350 कर्मचारी हैं, लेकिन इन सभी के बैठने के लिए स्थान उपलब्ध नहीं है। कमरों में कैबिन्स बनाकर प्रथम श्रेणी अधिकारियों को बैठाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं विभिन्न विधायक दलों के कार्यालय भी नहीं है। गुप्ता ने कहा कि मीडिया के बदलते स्वरूप और आवश्यकताओं के अनुसार यहां आधुनिक सुविधाएं विकसित करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही विधान सभा अध्यक्ष ने पंजाब विश्वविद्यालय की मूल स्थिति और हरियाणा के हिस्से की बहाली की भी मांग की। इससे पहले वे 2017 में इस मामले को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सम्मुख भी उठा चुके हैं। इतना ही नहीं उपराष्ट्रपति एवं पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति एम. वेंकैया नायडू को मुख्यमंत्री के माध्यम से पत्र भी लिख चुके हैं।