कैथल को CM खट्टर की सौगात, 116 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास

6/25/2017 1:43:30 PM

कैथल(जोगिंदर कुंडू):मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला में 2 दिवसीय कैथल प्रवास के प्रथम दिन 116 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि की विभिन्न विकास परियोजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास से जिला के विकास में एक नए अध्याय की शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने कैथल प्रवास के प्रथम दिन स्थानीय लोक निर्माण विश्राम गृह परिसर में लगभग साढ़े 25 करोड़ रुपए की लागत से पूर्ण हुई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन कर जनता को समर्पित किया। उन्होंने साढ़े 91 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि से पूर्ण होने वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। मुख्यमंत्री द्वारा जनता को समर्पित की गई 3 विकास परियोजनाओं में 12 करोड़ 85 लाख रुपए से अधिक की धनराशि से थानेसर-ढांड-कैथल सड़क के खनौदा से कैथल तक चौड़ा किया गया भाग, 6 करोड़ 93 लाख रुपए की धनराशि से कौल गांव में नवनिर्मित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का भवन, 5 करोड़ 38 लाख रुपए से अधिक की धनराशि से बलबेहड़ा सड़क से खरकां तक मारकंडा डिस्ट्रीब्यूटरी कैनाल के स्लैब के मार्ग का निर्माण शामिल हैं। मुख्यमंत्री द्वारा साढ़े 91 करोड़ रुपए की धनराशि से पूर्ण होने वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। 

शिलान्यास की गई विकास परियोजनाओं में स्थानीय लघु सचिवालय परिसर में 1 करोड़ 82 लाख रुपए से अधिक की धनराशि से इलैक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन भंडार केंद्र का निर्माण, 1 करोड़ 14 लाख रुपए से अधिक की राशि से हांसी-बुटाना नहर पर थानेसर-कैथल मार्ग पर एक अतिरिक्त 2 लेन के नए पुल का निर्माण, कैथल-चीका-पटियाला सड़क पर कैथल ड्रेन पर 4 करोड़ 71 लाख रुपए की धनराशि से 4 लेन पुल का निर्माण, एक करोड़ 62 लाख रुपए से अधिक की धनराशि से ढांड में उप-तहसील के भवन का निर्माण, 3 करोड़ 22 लाख रुपए की राशि से गुहला में लोक निर्माण विभाग का नया विश्राम गृह, 4 करोड़ से अधिक की धनराशि से गुहला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का अपग्रेडेशन, पूंडरी में 2 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि से पूंडरीक तीर्थ का विकास एवं सौंदर्यीकरण, 5 करोड़ 96 लाख रुपए से अधिक की धनराशि से बलबेहड़ा सड़क से खरकां सड़क तक मारकंडा डिस्ट्रीब्यूटरी के साथ-साथ सड़क का निर्माण, 3 करोड़ 22 लाख रुपए की लागत से कलायत में बनने वाला लोक निर्माण विभाग का विश्राम गृह, 2 करोड़ 28 लाख रुपए की लागत से सिसमौर से सौंगल जाने वाली सड़क तथा 2 करोड़ 28 लाख रुपए की लागत से कैथल शहर से ग्योंग जाने वाली सड़क का निर्माण कार्य शामिल हैं। मनोहर लाल द्वारा शिलान्यास की गई अन्य परियोजनाओं में साढ़े 92 लाख रुपए की धनराशि से स्थानीय सूरजकुंड सरोवर को नहरी पानी से भरने का कार्य, कलायत में 93 लाख रुपए से अधिक की धनराशि से अनाज मंडी से रेलवे स्टेशन के मध्य डे्रन व नहर पर पुल का निर्माण, 4-4 करोड़ रुपए की लागत से बढ़सीकरी एवं सौंगल गांवों में 33 के.वी. सब-स्टेशनों की स्थापना, लगभग साढ़े 9 करोड़ की लागत से क्योड़क गांव में महाग्राम योजना के तहत सीवरेज सिस्टम तथा पेयजल का कार्य, सीवन गांव में महाग्राम योजना के तहत लगभग साढ़े 21 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज व पेयजल वृद्धि का कार्य शामिल है।

इसके अतिरिक्त 2 करोड़ 40 लाख रुपए से अधिक की लागत से कलायत विधानसभा क्षेत्र के 10 गांवों कोटड़ा, हरसोला, सौंगल, नरड़, कुराड़, चौशाला, जुलानीखेड़ा, बड़सीकरी कलां, किछाना एवं रोहेड़ा में पार्क-कम-व्यायामशालाओं का निर्माण, 46 लाख रुपए से अधिक की धनराशि से बाउपुर गांव में 4 एकड़ में पार्क-कम-व्यायामशाला का निर्माण, 1 करोड़ 70 लाख रुपए की धनराशि से पूंडरी में खंड कार्यालय भवन का निर्माण, साढ़े 54 लाख रुपए से अधिक की धनराशि से फरल गांव में आयुर्वैदिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन का निर्माण, 23 लाख रुपए से अधिक की धनराशि से कैलरम में हर्बल पार्क का निर्माण, चीका में 4 करोड़ 67 लाख रुपए की धनराशि से नगर पालिका कार्यालय के भवन का निर्माण, 1 करोड़ 60 लाख रुपए से अधिक की धनराशि से नगर पालिका कर्मचारियों के रिहायशी मकानों का निर्माण, एक करोड़ 55 लाख रुपए की लागत से पूंडरी में सामुदायिक केंद्र का निर्माण तथा लगभग 4 करोड़ रुपए की लागत से पूंडरी में इंडोर एवं आऊटडोर स्टेडियम का निर्माण शामिल हैं।

आर.के.एस.डी. कालेज में हुई वर्कर मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यकत्र्ताओं की शिकायत नहीं सुनी। कुछ वर्करों ने अपने मन की बात मुख्यमंत्री के सामने रखनी चाही तो मुख्यमंत्री ने कहा कि ये शिकायतें संगठन के पदाधिकारियों को करें। एक पदाधिकारी ने कहा कि अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं करते और कुछ अधिकारी भ्रष्ट हैं तो सी.एम. ने ऐसे अधिकारियों की शिकायत लिखित में भेजने के लिए कहकर उन्हें बिठा दिया। करीब एक घंटे तक चली बैठक में कार्यकत्र्ता एवं पदाधिकारी मायूस होकर ही लौटे। इस बैठक में मीडिया को नहीं जाने दिया गया। उधर, कुछ मंडल अध्यक्षों के दिल में दर्द था कि उन्हें तो मुख्यमंत्री के कार्यक्रम तक की सूचना भी नहीं मिलती।