तिरंगा झंडा को CM खट्टर ने स्वतंत्रता के 71 साल बाद आजाद हुआ रोहणात गांव में फहराया

3/23/2018 10:37:27 PM

भिवानी(अशोक भारद्वाज): भिवानी का रोहनात गांव आजादी के 71 साल बाद आज गुलामी की बेडिय़ों से आजाद हुआ। जिस गांव ने देश के लिए इतना कुछ किया उस गांव के लिए सरकारों ने कुछ भी नहीं किया लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गांव में जाकर तिरंगा फहराया। आजादी के 71 साल बाद इस गांव में पहली बार तिरंगा झंडा (Tiranga Jhanda) फहराया गया। इतना ही नहीं उन्होंने गांव के बुजुर्गों को सम्मानित किया और लाखों रुपए की कई परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया।


उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर, 1857 के अंग्रेजों ने इस गांव को बागी घोषित कर दिया व 13 नवंबर को पूरे गांव की नीलामी के आदेश दे दिए गए। 20 जुलाई, 1858 को गांव की पूरी 20656 बीघे जमीन व मकानों तक को नीलाम कर दिया गया। इस जमीन को पास के पांच गांवों के 61 लोगों ने महज 8 हजार रुपए की बोली में खरीदा। अंग्रेज सरकार ने फिर फरमान भी जारी कर दिया कि भविष्य में इस जमीन केा रोहनात के लोगों को ना बेचा जाए।

धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो गई और यहां के लोगों ने अपने रिश्तेदारों के नाम कुछ एकड़ जमीन खरीदकर दोबारा गांव बसाया, मगर लोगों को मलाल आज भी है कि भारत देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ खो देने के बावजूद उन्हें वो जमीन तक नहीं मिली जिसके लिए वे आज तक लड़ाई लड़ रहे हैं। जिस गांव ने देश के लिए इतना कुछ किया उस गांव के लिए सरकारों ने कुछ भी तो नहीं किया।



यह मामला जब मुख्यमंत्री के सामने गया तो मुख्यमंत्री ने आज खुद गांव रोहणात में पहुंचकर गांव के बुजुर्गो के हाथों 70 साल बाद गांव रोहणात में तिरंगा फहराया। इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गांव के शहीदों के सम्मान में एक करोड़ रूपये की लागत से रोहणात फ्रीडम ट्रस्ट बनाने की घोषणा की। वहीं गांव में चार एकड़ में बने शहीद स्मारक को जनता को समर्पित भी किया। 

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि गांव रोहणात के लोगों की शहादत पर एक प्रेरणादायक फिल्म बनाई जाएगी, जिसका खर्चा हरियाणा सरकार वहन करेगी। वहीं गांव रोहणात में जनऔषधालय, गौरवपट्ट, बस क्यू शैल्टर, गांव में 2 स्वागत द्वार, तालाब व जलघर के मुरम्मत की घोषणा भी की तथा गांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने की बात कहते हुए ग्रामीणों को घी के दिए जलाकर अपने आप को आजाद महसूस करने की बात कही।



उन्होंने यह भी कहा कि गांव के लोगों की नीलाम हुई जमीन का फैसला रेवेन्यु विभाग के नियमों के अनुसार किया जाएगा। इस गावं की कहानी को शिक्षा विभाग को इस वर्ष से पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा।



इस अवसर पर गांव के बुजुर्ग ग्रामीणों ने वे आज 70 साल बाद अपने आप को आजाद महसूस कर रहे हैं। जब मुख्यमंत्री ने खुद गांव रोहणात में पहुंचकर उनके प्रतिवर्ष तिरंगा झंडा फहराने की घोषणा की है। इसके साथ ही गांव के लोगों द्वारा दी गई शहादत को सम्मान देने के बाद अब वे अपने आप को आजाद महसूस कर रहे हैं। इसकी खुशी में वे गांव में घी के दिए जलाएंगे। 

Isha