पंजाब केसरी के साथ हरियाणा CM मनोहर लाल खट्टर की Exclusive बातचीत (Video)

4/5/2018 11:44:26 AM

चंडीगढ़(ब्यूरो): मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भरोसा है कि हरियाणा के लोगों के हित में किए कामकाज के आधार पर भाजपा आने वाले विधानसभा चुनावों में 70 सीटें जीत कर फिर सत्ता में आएगी। उनके मुताबिक कांग्रेस और इनेलो में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ है। भाजपा से मुकाबले में कोई भी पार्टी अभी सक्षम नहीं है और न ही उनके पास कोई मुद्दा है। मुद्दों की तलाश के लिए विपक्षी दलों में छटपटाहट जरूर दिखाई देती है। मुख्यमंत्री को यकीन है कि सरकारी नौकरियों में पर्ची सिस्टम खत्म करने, सी.एल.यू. का धंधा बंद करने, पारदर्शी नीति बना कर तबादला उद्योग को ध्वस्त करने और सी.एम. विंडो के जरिए लोगों की समस्याओं के निराकरण की कोशिशों के चलते सरकार के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। मुख्यमंत्री मानते हैं कि उन्होंने वोट बैंक मजबूत करने के हिसाब से नहीं, बल्कि समाज की सेवा के हिसाब से कार्य किया है। हरियाणा में अब तक बैसाखियों के सहारे सत्ता में आती रही भाजपा ने अपने बलबूते पहली दफा बहुमत हासिल कर साढ़े तीन साल पहले बागडोर संभाली थी। बतौर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरैंस की नीति अपनाई और कई नई योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया। इन्हीं मुद्दों पर पंजाब केसरी के बलवंत तक्षक और पुनीत परिंजा की हरियाणा के मुख्यमंत्री से बातचीत के मुख्य अंश...

  • जाट आरक्षण के मामले में आप सहमत हैं, लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं किया जा रहा है। क्यों नहीं इस मसले को 9वीं सूची में जुड़वाया जा रहा है?
  • ऐसा नहीं है। सच तो यह है कि जाट आरक्षण पर विपक्ष को सहमत किया। आरक्षण से संबंधित बिल विधानसभा में 8 मिनट के भीतर सर्वसम्मति से पारित करवाया। नौवीं सूची में शामिल करने के मसले पर पहले ही केंद्र के पास 15 चिट्ठियां हैं, जो वैसे ही पड़ी हैं। हम चाहते हैं कि आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन यह मामला विचाराधीन है तो पहले अदालत से ही क्लीयर होना चाहिए।
     
  • आपके कार्यकाल में 3 दंगे हुए। कई लोगों की जान गई। कहा गया कि अनुभवहीन सरकार हिंसा पर काबू पाने में नाकाम रही?
  • दंगे नहीं हिंसक घटनाएं हुईं। पहले मामले में सरकार बनने के 8 दिन बाद ही रामपाल को 15 हजार लोगों के घेरे से बिना गोली चलाए कोर्ट में पेश किया। दूसरा मामला जाट आरक्षण का था। हमने मांगें मान ली थीं। कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए दुकानें जला रहे आंदोलनकारियों को खदेड़ने के लिए जो उचित था, किया। दो दिन के भीतर आंदोलन खत्म करवाकर हालात ठीक किए। डेरा मामले में स्थिति को भांप लिया था। सी.बी.आई. ने डेरा प्रमुख को पेश करने को कहा था। आप देखिए कि डेरे की कितनी बड़ी फॉलोइंग है? अगर सिरसा से कोर्ट में लाया जाता तो क्या होता? लाखों लोग डेरे के भीतर होते और लाखों बाहर होते। बीच में पुलिस होती। ऐसे में क्या हालात होते? कल्पना से बाहर और बहुत ही भयावह। 
     
  • जाट आरक्षण आंदोलन के पीछे कोई षड्यंत्र था?
    निश्चित तौर पर इसके पीछे षड्यंत्र था। झा आयोग ने रिपोर्ट देनी है लेकिन अनुमान लगा सकते हैं कि आंदोलन के जरिए सरकार अस्थिर करने की कोशिश थी। पूर्व सी.एम. हुड्डा के पॉलीटिकल एडवाइजर प्रो. वीरेंद्र की टेप वायरल हुई थी, जो सभी ने सुनी है। जाट पूरे राज्य में हैं, लेकिन चीजें रोहतक, सोनीपत और झज्जर में ज्यादा होती हैं, कहीं और क्यों नहीं? चीजें वहीं से बढ़ी, क्या कारण है? यह अलग बात है कि जब नुकसान ज्यादा हो गया तो हुड्डा को भी लगा होगा कि यह ज्यादा हो गया। मैं नहीं मानता कि उनका मानस हिंसा कराने का रहा होगा लेकिन शंका तो है ही कि सरकार को अस्थिर करने की राजनीति थी।
     
  • माना जाता है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल जिद्दी हैं। एक बार फैसला ले लें तो पीछे नहीं हटते। कई बार फैसले वोट बैंक के हिसाब से ठीक नहीं होते?
  • नहीं, मैं जिद्दी नहीं हूं। हां, दृढ़ निश्चयी हूं। हम मिल-बैठ कर बातचीत करते हैं। आम राय के मुताबिक फैसले लेते हैं। वोट बैंक के हिसाब से नहीं शत-प्रतिशत जनता की सेवा के हिसाब से काम करते हैं। हम जायज-नाजायज देखे बिना फितूर के हिसाब से काम नहीं करते।
     
  • सरकार ने साढ़े 3 साल का समय पूरा कर लिया है। डेढ़ साल बाद चुनाव का सामना करना है। इस दौरान आपने अपने मंत्रियों, विधायकों की कारगुजारी पर भी नजर रखी है। कितने विधायकों के टिकट कटेंगे? भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से है या इनेलो से? भाजपा के फिर से सत्ता में आने की कितनी उम्मीद है और पार्टी कितनी सीटों पर जीतेगी?  
  • कितने विधायकों, मंत्रियों के टिकट कटेंगे, यह मेरे हाथ में नहीं है। कारगुजारी का आंकलन पार्टी करती है और पार्टी नेताओं के पास फीडबैक होता है। जहां तक सवाल है चुनावी मुकाबले का तो कांग्रेस और इनैलो में अभी एक-दूसरे का स्थान लेने की होड़ है। विपक्षी दल राज करने के लिए कोई स्थान लेना चाहते हैं, ऐसा लगता नहीं है। मेरा मानना है कि भाजपा 70 सीटें जीत कर हरियाणा में फिर से सरकार बनाएगी।
     
  • राज्य के लोगों के हित में योजनाएं तो बहुत शुरू कीं लेकिन धरातल पर कोई असर दिखाई क्यों नहीं दे रहा है? 
  • आपकी बात सही है। योजनाओं को नीचे तक पहुंचने में समय लगता है। जब योजना बनती है तो समय भी देना पड़ता है। कुछ कमियां भी रह जाती हैं। उनमें संशोधन भी करने पड़ते हैं लेकिन लोग संतुष्ट हैं कि समस्याओं को हल करने वाली सरकार है। व्यवस्था परिवर्तन करने वाली सरकार है। फिर भी और जागरूकता की जरूरत है। इस दिशा में आगे भी कार्य करते रहेंगे।  
     
  • योजनाओं को ठीक तरीके से जनता तक  पहुंचाने के लिए और क्या-कुछ करेंगे?
  • व्यवस्था परिवर्तन को चुनौती के रूप में लिया है। इस दिशा में हम काम कर रहे हैं। केंद्र और प्रदेश की 300 योजनाएं हैं, लेकिन लोगों को इनकी पूरी जानकारी नहीं है। कुछ अनपढ़ता है और कुछ जागरूकता की भी कमी। सभी योजनाएं एक छत के नीचे हों, इसलिए 14 अप्रैल को सात जिलों के अंत्योदय सेवा केंद्रों के जरिए बताएंगे कि छात्रों, महिलाओं और दिव्यांगों के लिए क्या-क्या योजनाएं हैं। बताया जाएगा कि कैसे ऑनलाइन योजनाओं का फायदा ले सकते हैं।
     
  • भ्रष्टाचार पर सरकार ने जीरो टॉलरैंस की नीति अपनाई है। कुछ कर्मचारियों को गिरफ्तार भी किया। आप भ्रष्टाचार विरोधी अभियान से कितने संतुष्ट हैं? 
  • भ्रष्टाचार एक कैंसर है, नासूर है। यह किसी एक व्यक्ति या वर्ग से जुड़ा हुआ नहीं है। नेता, अफसर, कर्मचारी और जनता, इनके बीच एक साइकिल बनी हुई है जिसे तोड़ने  के लिए नेताओं और अफसरों को तैयार किया है। नेता व अफसर सीधे नजर में हैं। कर्मचारी सीधे नजर में नहीं होता है। कहीं न कहीं नीचे सांठ-गांठ करता रहता है। शुरू में कठिनाई हुई लेकिन अब लोग तैयार हैं कि उन्हें भ्रष्टाचार नहीं करना है। संतुष्टि तो कभी नहीं होगी, यह भी नहीं मानता हूं कि एक दम रामराज्य आ गया, छोटी-मोटी शिकायतें मिलती हैं लेकिन सही है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ वातावरण बना है।
     
  • इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला ने दवा खरीद में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, इन पर आप क्या कहेंगे? 
  • खुले तौर पर इसके लिए उनका धन्यवाद किया है। उन आरोपों को नकारा नहीं है। अगर वे कोई गड़बड़ उजागर करेंगे तो उस सामग्री को आधार मान कर संज्ञान लेंगे। मामले में जांच बैठा दी है। दवाइयों की खरीद में जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें दंडित जरूर करेंगे।
     
  • लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए सी.एम. विंडो योजना शुरू की। इस दौरान कितनी शिकायतें मिली और कितनी का समाधान किया गया है? 
  • हमें चार लाख से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। करीब साढ़े तीन लाख शिकायतों का समाधान कर दिया गया है। इनमें कुछ शिकायतें सच्ची थीं और कुछ झूठी भी। ठीक शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है। लोगों ने संतुष्टि जाहिर की है।
     
  • किसान को फसलों की उचित कीमत नहीं मिल रही है। वर्ष 2022 में उनकी आय को दोगुना करने का वादा किया जा रहा है। क्या किसानों के मामले में इतनी देरी जायज है?
  • हमने किसानों के लिए भावान्तर भरपाई योजना शुरू की है। किसानों को अब टमाटर, गोभी और आलू सड़कों पर फैंकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें गारंटी दी गई है कि फसलों की लागत जरूर मिलेगी। हमारी सरकार ने किसानों से कहा है कि फायदा आपका, घाटा सरकार का।  
     
  • भाजपा ने स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट लागू करने का वायदा किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद वायदे को भुला दिया गया है. क्यों?
  • पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा 2010 में खुद कमेटी के अध्यक्ष थे। उनके पास चार साल का समय था लेकिन रिपोर्ट लागू नहीं की। रिपोर्ट में 28 प्रावधान हैं। एक-एक कर लागू कर रहे हैं। एक साथ सारे कदम नहीं उठाए जा सकते। लागत का 50 फीसदी मूल्य देने के मामले में किसी भी दिन घोषणा हो सकती है।  
     
  • हुड्डा के खिलाफ तो आपने कई मामले दर्ज करवा दिए हैं। क्या यह सब बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई नहीं है ?
  • विधानसभा में वे खुद कहते रहे हैं कि कोई भी जांच करवाइए, हम तैयार हैं. अगर कोई गलती नहीं की है तो घबराने की जरूरत नहीं है। चादर तान कर सोना चाहिए। किसी को अंदर करना हमारा काम नहीं है। अगर तथ्य सामने आएंगे तो जांच कराएंगे। हमें बदले की भावना से कोई करवाई करनी होती तो साढ़े तीन साल पहले ही करते। जो भी निर्णय-दंड देना है, हमें नहीं, जांच एजैंसियों को देना है, अदालत को देना है।
     
  • ऐसा माना जाता है कि सी.एल.यू. का धंधा खत्म करने, नौकरियों में पर्ची सिस्टम बंद करने व तबादला उद्योग को ध्वस्त करने को लेकर कुछ मंत्री व विधायक नाराज हैं। क्या कहेंगे? 
  • कोई मंत्री नाराज नहीं है। नाराजगी के आपके फार्मूले हैं, जो हमारी समझ से बाहर हैं। हमारे यहां तानाशाही नहीं है। अलग-अलग समय में मंत्री, विधायक, अफसर आमने-सामने बैठ कर चर्चा करते हैं। जनता के हित में जो ठीक होता है, उसे स्वीकार कर लेते हैं।
     
  • आपने शादी नहीं की। अपना परिवार होता तो लोगों की तकलीफों को ठीक से समझते। उनके प्रति ज्यादा संवेदनशील होते? 
  • अपना परिवार होने, न होने से संवेदनशीलता का कोई लेना-देना नहीं। पूरे समाज को परिवार मानता हूं। राज्य की अढ़ाई करोड़ जनता मेरा परिवार है। गरीब, मजदूर, विधवा बहनें, दिव्यांग व वंचित वर्ग लोगों के प्रति मेरी संवेदनशीलता ज्यादा है।
     
  • एस.वाई.एल. नहर का निर्माण नहीं होने से किसानों को खेती के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के हक में आ चुका है, फिर भी नहर क्यों नहीं बन रही है?
  • एस.वाई.एल. मुद्दा तो है लेकिन अभी का नहीं है। 30 साल हो गए हैं। नहर भी बनेगी और पानी भी मिलेगा। थोड़ा काम बाकी है। सहमति से रास्ता निकलता है तो अच्छा है। केंद्र और पंजाब सरकार को ही रास्ता निकालना है। रास्ता निकला तो सुप्रीम कोर्ट को बता दिया जाएगा। अगर हम आंदोलन करेंगे और दूसरा राज्य विरोध में आंदोलन करेगा तो कैसे सहमति बनेगी? सुप्रीम कोर्ट ने मौका दिया है। सहमति बनी तो ठीक, नहीं तो सुप्रीम कोर्ट बताएगा कि नहर निर्माण के फैसले को कैसे लागू करवाया जाएगा।

Nisha Bhardwaj