अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में गुजरात हो सकता है भागीदार राज्य: मनोहर लाल

7/6/2018 4:07:12 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा सरकार द्वारा इस वर्ष आयोजित किए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में गुजरात भागीदार राज्य की भूमिका में हो सकता है। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को एक पत्र लिखा है। गुजरात सरकार की स्वीकृति मिलते ही दोनों राज्य अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की तैयारियों पर काम शुरू कर देंगे। 

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि वर्तमान सरकार ने वर्ष 2016 से गीता जयंती महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप देने का प्रयास किया है। वर्ष 2017 में हुए इस आयोजन का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। गीता महोत्सव के उद्घाटन समारोह में विभिन्न आध्यात्मिक एवं धार्मिक संगठनों के प्रमुखों एवं संतों ने इसे गरिमामय स्वरूप प्रदान किया। देश-विदेश से करीब 30 लाख लोगों ने इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार पिछले साल इस कार्यक्रम का भागीदार राज्य उत्तर प्रदेश रहा है। हरियाणा सरकार ने इस वर्ष सात दिसंबर से 23 दिसंबर तक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन करने का फैसला किया है। इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला, अंतर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी एवं आध्यात्मिक प्रतिष्ठानों की प्रदर्शनी तथा गीता, महाभारत एवं श्रीकृष्ण कथा पर आधारित भव्य सांस्कृति कार्यक्रमों का आयोजन रहेगा।

चूंकि भगवान श्रीकृष्ण का गुजरात से गहरा संबंध है, ऐसे में अगर गुजरात सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार करती है तो मुख्य रूप से शिल्प मेले तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गुजरात की पारंपरिक भोजनों की उपस्थिति व गुजरात की सांस्कृतिक प्रदर्शनी में उनकी सहभागिता रहेगी। हरियाणा सरकार द्वारा 14 से 18 दिसंबर 2018 तक आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में एक सांस्कृतिक संध्या भागीदार प्रदेश को समर्पित रहेगी। 

वहीं मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि हरियाणा सरकार ने ऐसा एक प्रस्ताव गुजरात सरकार को भेजा है। भगवान कृष्ण का संबंध गुजरात के साथ रहा है। जिन्हें लोग द्वारिकाधीश के नाम से भी जानते हैं। इस आयोजन में अगर गुजरात भागीदार प्रदेश बनता है तो इससे जहां दोनों राज्यों के बीच संबंध और मजबूत होंगे, वहीं दोनों राज्यों के लोगों को भी एक-दूसरे की संस्कृति को करीब से जानने का अवसर मिलेगा।

Shivam