कोरोना संक्रमण के कारण 21 पुलिसकर्मियों ने सर्वोच्च बलिदान दिया: मनोज यादव

5/5/2021 7:00:35 PM

चंडीगढ़ (धरणी): अगर आपको 16 सो रुपए की कोई चीज 35000 में खरीदनी पड़े तो इसे आप क्या कहेंगे। इससे बड़ी कालाबाजारी शायद नहीं हो सकती। जी हां, आज पूरे देश में कुछ चीजें इसी प्रकार से बेचकर लोगों को लूटा जा रहा है। पंजाब केसरी ने आज हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव से एक्सक्लूसिव बातचीत की। जिसमें उन्होंने बताया कि उनके द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर इस प्रकार की काफी सूचना आई है। यह नंबर ओवर चार्जिंग करने वाले व्यक्तियों की सूचना देने के लिए जारी किया गया था। 

सूचना मिलते ही पुलिस पूरी तरह से एक्टिवेट होकर ऐसे व्यक्तियों पर शिकंजा कस रही है। डीजीपी मनोज यादव खुद इस मामले पर नजर बनाए हुए। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग एक और जहां प्रदेश में लॉकडाउन व्यवस्था बनाए रखने में और डॉक्टरों को सुरक्षा देने में व्यस्त है। वही इंसानियत के दुश्मनों को भी जेल के पीछे डाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस के लिए भी लोगों को भारी रकम देनी पड़ रही है। लेकिन किसी को घर से अस्पताल तक जाना है और एंबुलेंस सेवा नहीं मिल पा रही तो भी पुलिस लोगों को इस मुश्किल की घड़ी में ट्रांसपोर्टेशन सुविधा भी दे रही है।



जिसके कारण भारी संख्या में पुलिसकर्मी संक्रमित भी हो रहे हैं। लेकिन जब-जब राज्य में विपत्ति आई है, पुलिसकर्मियों ने आगे बढ़कर कुर्बानी दी है। डीजीपी मनोज यादव ने और भी बहुत सी बातें साझा की। जिसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है-

प्रश्न:- प्रदेश में ऑक्सीजन व दवाइयों इत्यादि की कालाबाजारी का खेल चल रहा है। इस पर पुलिस की कितनी नजर है। अब तक क्या कार्रवाई की गई है ?
उत्तर:- बहुत दुर्भाग्य की बात है कि लोग जीवन-मृत्यु से लड़ रहे हैं और कुछ लोग जिनकी आत्मा मर चुकी है। जो इंसान कहलाने के लायक नहीं है। इस समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर-दवाओं-बेड्स इत्यादि की कालाबाजारी कर रहे हैं। मैंने पूरे हरियाणा में आज से 10 दिन पहले एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया था कि अगर कोई भी व्यक्ति ओवरचार्जिंग कर रहा है तो सूचना दें। 

हमें अच्छा रिस्पांस मिला है। बहुत सूचनाएं हमारे तक पहुंची और सूचना के आते ही हम उस जिले की पुलिस के साथ इसे शेयर करते हैं। पुलिस एक आम जरूरतमंद ग्राहक बनकर वहां पहुंचती है और उस आदमी को हम पकड़ते हैं। यह मुहिम काफी कामयाब रही है। हमने अब तक ऑक्सीजन सिलेंडर की मार्केटिंग में 8 एफआईआर दर्ज कर 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनसे 77 सिलेंडर बरामद करके जिला प्रशासन को दिए हैं। इसके साथ ही सोलह सौ रुपए की कीमत वाला रेमडेसीविर इंजेक्शन 35 हजार में बेचा जा रहा था। इसके लिए हमने हरियाणा में आठ अलग-अलग जिलों में 13 एफआईआर दर्ज कर 33 लोगों को गिरफ्तार करते हुए 101 रेमडेसिविर बरामद किए हैं। इसके साथ हमनें प्रदेश में सिलेंडर की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक मुहिम चलाई जो बच्चों के गैस बैलून भरने का काम करते हैं और वेल्डिंग का काम करते हैं। उनसे अपील करके हमने 1250 सिलेंडर वाली वॉलंटरी एफर्ट्स से इकट्ठे करके जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाए हैं।



प्रश्न:- ऐसे समय में डॉक्टर्स व आम आदमी की सुरक्षा करना भी आपके लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है ?
उत्तर:- पूरे समाज के लिए आज एक बहुत बड़ी चुनौती का समय है। यह बहुत संक्रमण वाली बीमारी है। पुलिसकर्मी भी इसका अपवाद नहीं है। पुलिस कभी अपनी ड्यूटी से नहीं हटती। चाहे जान चली जाए पुलिस अपनी ड्यूटी निभाती है। आपने देखा कि कंटेनमेंट जोन में पुलिस लगी हुई है। नाइट कर्फ्यू-लॉकडाउन भी पुलिस द्वारा लागू है। अस्पतालों में जब किसी की मृत्यु होने पर कई बार लोग उत्तेजित होकर डॉक्टरों पर हमला कर देते हैं। 

हमने उस चीज को देखते हुए अस्पतालों में पुलिस के ड्यूटियां लगाई हैं। डायल 112 की 126 गाड़ियां भी गृह मंत्री के आदेशों पर जिन जिन जिलों की रिक्वायरमेंट थी, वहां भेजी गई है। जैसे गुडगांव ने 20, फरीदाबाद ने 10, किसी ने 5 और किसी ने 8 मांगी। हमने वह भेजी हैं। इस वक्त एंबुलेंस की बहुत बड़ी ठग्गी हो रही है। जिन लोगों ने घर से अस्पताल जाना है। एंबुलेंस की कमी है। उन लोगों को यह ट्रांसपोर्टेशन सर्विस पुलिस विभाग की ओर से प्रोवाइड करवाई जा रही है। जिसकी हमें बहुत बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ रही है।भारी संख्या में पुलिसकर्मी संक्रमित हो रहे हैं।

प्रश्न:- पुलिस किसान आंदोलन, वीवीआइपी ड्यूटी, और कोरोना की ड्यूटियां यानि कई मोर्चों पर जूझ रही है। जिसके चलते पुलिस भी संक्रमित हो रही है। अब तक आपके पास क्या डाटा है ?
उत्तर:- पिछले वर्ष कुल मिलाकर 2500 लोग संक्रमित हुए थे। लेकिन इस बार 4 महीने में ही 1650 पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं। पिछले चार-पांच दिन से तो रोजाना करीब 250 से 200 पुलिसकर्मी रोजाना संक्रमित हो रहे हैं। कई जिलों में तो 80-900 पुलिसकर्मी संक्रमित होकर होम आइसोलेशन में है। बड़े दुख की बात है कि पिछले 4 दिनों में 2 पुलिसकर्मी जान गवा चुके हैं। कुल मिलाकर 21 पुलिसकर्मियों ने सर्वोच्च दान यानि जीवन दान किया है। जब-जब राज्य में विपत्ति आई है चाहे आतंकवाद का मामला हो, चाहे संगठित अपराध का हो। पुलिसकर्मियों ने आगे बढ़कर कुर्बानी दी है।



प्रश्न:- मृतक पुलिसकर्मियों के परिवारों को किस प्रकार की मदद सरकार, विभाग या इंश्योरेंस पॉलिसी की तरफ से मिल रही है ?
उत्तर:- पिछले वर्ष हमारे मुख्यमंत्री व गृह मंत्री ने घोषणा की थी कि कोरोना संक्रमण से पुलिसकर्मी की मृत्यु होने पर परिवार को तीस लाख रुपए की नगद राशि दी जाएगी। यह स्कीम सरकार में डिटेल फाइनल हो रही है। यह रकम मिलेगी। इसके साथ ही पुलिस कर्मी की मृत्यु होने पर एचडीएफसी से ढाई लाख रुपए देने का करार है। सरकार एस क्रेसिया पेमेंट 1 लाख है। हमारी वेलफेयर फंड 40 हजार रुपए देती है। इसके अलावा मृतक व्यक्ति का आश्रित अगर वह पुलिस के लिए रिजिबल है तो उसे नौकरी दी जाती है। अगर वह नौकरी नहीं लेना चाहता तो बचे सेवाकाल तक आश्रित को तनख्वाह दी जाती है।

प्रश्न:- अब तक विभाग द्वारा मास्क न पहनने वालों के कितने चालान किए गए और कितनी वसूली हुई ?
उत्तर:- शुरू से ही मास्क पहनने, सामाजिक दूरी के लिए लोगों को जागरूक करने में विभाग आगे रहा है और हम चालान भी कर रहे हैं। मार्च माह में मास्क न पहनने पर पुलिस ने 96,465 चालान करके 4 करोड़ 50 लाख रुपए का फाइन लोगों से इकट्ठा करके सरकारी खजाने में जमा करवाया गया। लेकिन अप्रैल माह में जब कोरोना की रफ्तार बढ़ी तो चालान भी अधिक किए गए। जो कि करीब एक लाख 65 हजार चालान किए गए। जिसका फाइन 7 करोड़ 92 लाख लोगों से इकट्ठा करके सरकारी खजाने में जमा करवाया गया।

प्रश्न:- लॉकडाउन-कर्फ्यू की पालना का उत्तरदायित्व भी पुलिस पर होता है। क्या कुछ मुकदमें भी दर्ज किए गए हैं ?
उत्तर:- करीब 10 दिन पहले सरकार ने नगर कर्फ्यू रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक लगाया था। अभी 3 दिन पहले सरकार ने पूरा लॉकडाउन 7 दिन के लिए घोषित किया है। जिसकी अवहेलना के लिए अब तक 33 एफआईआर दर्ज कर 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

प्रश्न:- जिस प्रकार से कोविड इंश्योरेंस आम पब्लिक के लिए चल रहा है। क्या पुलिस कर्मियों के लिए भी इस प्रकार की कोई स्कीम इत्यादि सरकार द्वारा लाई गई है ?
उत्तर:- सरकार ने पहले से ही पैनल्ड अस्पताल, सरकारी अस्पताल व सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए कैश फ्री ट्रीटमेंट की सुविधा दे रखी है। इसलिए इसमें मेडिकल इंश्योरेंस की आवश्यकता नहीं मानी गई है।



प्रश्न:- क्या बिगड़ते हालातों को देखते हुए पड़ोसी राज्यों के साथ लगती सीमाओं को भी सील किया जा सकता है ?
उत्तर:- हरियाणा की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार सीमाओं को सील करना संभव नहीं है। क्योंकि अगर किसी ने हिमाचल-पंजाब-चंडीगढ़ से दिल्ली जाना है तो हरियाणा से होकर निकलना पड़ता है। दिल्ली के तीन तरफ हरियाणा है। इसलिए हरियाणा के लिए यह बड़ी चुनौती है। हिमाचल या पंजाब जिनके इंटरनेशनल बॉर्डर हैं। वह अपनी सीमाओं को सील कर सकते हैं। अगर हरियाणा में अपनी सीमाएं सील कर दी तो राजस्थान-हिमाचल-चंडीगढ़-पंजाब से दिल्ली आने-जाने का रास्ता बंद हो जाएगा। हरियाणा इसकी एक कीमत अदा कर रहा है। जोकि सीमाओं को सील नहीं कर सकता।

प्रशन:- सूबे गुर्जर जैसे कई मोस्ट वांटेड अपराधी आपने हाल ही में पकडे। उनके बारे में कुछ बताएं ?
उत्तर:- बड़े संगठित अपराधियों को हम खुलकर ऑपरेट करने नहीं दे सकते। वर्ष 2020 में रिकॉर्ड नंबर आफ वांटेड क्रिमिनल हमने पकड़े हैं। लगभग 90 लाख का इनामी राशि वितरित की गई है। हम वांटेड क्रिमिनल्स पर इनाम डिक्लेयर करते हैं। जिला गुड़गांव के गांव बडगुर्जर का एक खतरनाक शातिर अपराधी सूबे गुर्जर जिसके ऊपर साडे 7 लाख का कैश रीवार्ड घोषित था। जिस पर 11 हत्याओं, 7 अटेम्प्ट आफ मडर और कई फिरौती के केस दर्ज थे और 5 साल से पुलिस की गिरफ्त से बाहर था।

उसे हमारी एसटीएफ ने सिर्फ 4 दिन पहले बड़ी सूझबूझ के साथ एक बड़े ऑपरेशन में गिरफ्तार किया है। उसके बाद उसके तीन और साथी भी गिरफ्तार किए गए हैं। जिन्होंने लगभग डेढ़ माह पहले गुरुग्राम की एक कंपनी के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर पर हमला किया था। हमने बिश्नोई गैंग के भी कई बड़े क्रिमिनल्स को पकड़ा। हमने गुरुग्राम के कौशल नाम के बड़े अपराधी को भी पकड़ा है। उसके बाद हमने एक संदीप जठेड़ी को पुलिस हिरासत से भगाने वाले एक सेठी नाम के अपराधी को भी गिरफ्तार किया है। इसके साथ-साथ हमने विदेशों से कई क्रिमिनल्स को बड़ी सूझबूझ से यहां लाकर गिरफ्तार किया। संगठित अपराधियों पर हमने काफी हद तक नकेल कसी है।

प्रश्न:- क्या कुछ संगठित अपराधियों द्वारा अर्जित संपत्ति को कुर्क करने के लिये ईडी को भी कुछ मामले दिए गए हैं ?
उत्तर:- अभी हमने एक महेंद्रगढ़ जिले के बड़े गैंगस्टर को गिरफ्तार किया। अपराध की दुनिया से उसके द्वारा अर्जित संपत्ति की, पूरी प्रॉपर्टी की लिस्ट बनाकर ईडी को दी है। इसके साथ-साथ एनडीपीएस केस में कई लोगों ने अपनी प्रॉपर्टी बनाई जो नशे की तस्करी करते हैं। उन पर भी इस प्रकार की कार्यवाही की गई है। बड़वासनी गांव के सत्यवान को भी हमने गिरफ्तार किया है। उसकी अपराध द्वारा इकट्ठी की गई प्रॉपर्टी की सूची भी ईडी को सौंपी है। ताकि प्रोसीड ऑफ क्राइम के तहत जो प्रीवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट है। उसके तहत हम उनकी प्रॉपर्टी को जब्त करेंगे। हम एक बात कहना चाहते हैं कि क्राइम शुड नोट पे। क्राइम को हम कमाई का धंधा नहीं बनने देंगे।



प्रश्न:- हरकोका कानून किस स्टेज तक पहुंचा है ?
उत्तर:- वह इस समय केंद्र सरकार के पास है। क्योंकि हरकोका ऐसा कानून है जिसमें राष्ट्रपति की संस्तुति लेनी पड़ती है। हमें उम्मीद है कि जल्दी उसमें संस्तुति मिलेगी। उसके बाद हम इसे हरियाणा में लागू कर देंगे।

प्रश्न:- पुलिस प्रशासन इस वक्त काफी मानसिक दबाव में है। आप किस प्रकार से उन्हें प्रेरित करना चाहेंगे ?
उत्तर:- मैं कहना चाहूंगा कि सभी अपनी सेहत का ध्यान रखें। हर समय मास्क पहने। विटामिन सी विटामिन डी की पूर्ति के लिए नींबू का सेवन करें, धूप में बैठे। अपने मस्तिष्क को तनाव रहित रखें। परिवार का ध्यान रखें। संतुलित और पौष्टिक भोजन खाएं। खाना खाने से पहले हाथ जरूर धोएं। 

इसके साथ ही मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान बहुत जरूरी है। मेडिटेशन करें। मैं आग्रह करूंगा कि थोड़ी देर भगवान का नाम जरूर लें। सतपुरुषों की वाणी को सुनें। अपनी हाबीज जैसे कोई गार्डनिंग करते हैं, पशुओं की देखभाल का शौक है, तो वह भी करें। यह सभी चीजें तनाव को दूर रखने के लिए बहुत मदद करती हैं। अगर फिर भी कोई तकलीफ है तो अपने सीनियर अधिकारियों की, मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स की मदद लें।

Content Writer

vinod kumar