हरियाणा में भाजपा के कई सांसदों का टिकट खतरे में!

6/24/2018 11:02:52 AM

अम्बाला(सुमन / रीटा): हरियाणा में विपक्ष की एकजुटता के आसार तकरीबन शून्य होने की आशंका के चलते भाजपा को लोकसभा चुनाव में यहां बेहतर संभावनाएं नजर आने लगी हैं , शायद इसीलिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तरी क्षेत्र के पंजाब व हिमाचल प्रदेश के मुकाबले में हरियाणा में अपनी सक्रियता ज्यादा बढ़ा दी है। सूत्रों की मानें तो आने वाले महीनों में यहां पार्टी शहरों के अलावा ग्रामीण इलाकों में अपनी गतिविधियां तेज कर सकती है।

पार्टी आलाकमान को लगता है कि यदि यहां पूरी ताकत झोंकी जाए और सही उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए तो बेहतर नतीजे मिल सकते हैं। इसी साल अमित शाह ने जींद में एक विशाल मोटरसाइकल रैली का आयोजन करके 2019 के चुनावी मिशन की एक तरह से शुरूआत की थी। उसके बाद 3 दिनों तक  रोहतक में प्रवास करने के आलावा वह अन्य जिलों में भी कार्यकर्ताओं से मिल कर संगठन की नब्ज टटोलते रहे हैं। 

अभी हाल में अमित शाह ने दिल्ली में हुई राज्य के मंत्रियों, संगठन से जुड़े नेताओं व हरियाणा से सम्बद्ध केंद्रीय मंत्रियों की एक बैठक में हरियाणा में पार्टी के हालातों का जायजा लिया। बैठक में मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष व हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन भी मौजूद थे। बैठक में पार्टी के सभी 7 सांसदों की परर्फोमैंस पर भी मंथन हुआ। सूत्रों के मुताबिक कुरुक्षेत्र, करनाल व भिवानी सीटों पर कुछ रद्दोबदल हो सकता है। अम्बाला में पार्टी के पास कोई बड़ा दलित उम्मीदवार न होने की वजह से रत्न लाल कटारिया की लाटरी फिर लग सकती है। 

इस बैठक में मौजूद पार्टी के एक नेता के सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने पार्टी के आंतरिक सर्वे में राज्य के ज्यादातर भाजपा सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तसल्लीबख्श न होने पर चिंता जताई व इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की सलाह दी। माना जा रहा है कि इस बार  प्रत्याशी की वरिष्ठता की बजाय उसके जीतने की संभावना को टिकट देने का मुख्य आधार बनाया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में हरियाणा भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में व सांसदों द्वारा अपने तौर पर किए गए वायदों व उनके क्रियान्वन पर भी चर्चा हुई। कहा जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीयाध्यक्ष राज्य में हुए  विकास कार्यों व सरकार की साफ छवि को लेकर काफी आश्वस्त थे। बैठक में भाजपा के कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद राज कुमार सैनी के बागी रवैये पर भी चर्चा हुई, लेकिन कोई कड़ा फैसला नहीं लिया जा सका।

नए चेहरे आ सकते हैं आगे
भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी आने वाले लोकसभा चुनावों में नए चेहरों पर दांव खेल सकती है। ऐसे कुछ नेताओं को भी वफादारी का ईनाम मिल सकता है जो 2014 में टिकट न मिलने के बाबजूद पूरी ताकत के साथ  पार्टी से जुड़े रहे। हालांकि टिकट देने में मामले में संघ की भी बड़ी भूमिका होगा लेकिन पार्टी अपने तौर भी सर्वे करेगी।

Deepak Paul