कर्फ्यू के दौरान डॉक्टर न होने से छीनी परिवार की खुशियां ,बेटा पैदा करने के बाद प्रसूता की मौत

3/24/2020 9:55:47 AM

रेवाड़ी (मेहेन्दर): इन दिनों जहां एक तरफ पूरा देश कोरोना नामक घातक बीमारी से निपटने की लड़ाई लड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की निजी अस्पतालों से सांठगांठ के चलते के मामले सामने आने लगे हैं, जिसके चलते एक प्रसूता की डिलीवरी के बाद मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही बरतने और इलाज के नाम पर मोटी रकम ऐंठने का आरोप लगाया है। दरअसल रेवाड़ी जिले के गांव सुनारिया के रहने वाले अनिल कुमार की 34 वर्षीय पत्नी मनीता का नागरिक अस्पताल से इलाज चल रहा था। बीते रविवार को डिलीवरी के लिए उसे नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

परिजनों की मानें तो अस्पताल में मौजूद एएनएम ने ड्यूटी डॉक्टर छुट्टी पर होने की बात कहकर उनकी ड्यूटी डॉ संतोष से फोन पर बात कराई, जिसके बाद परिजन मनीता को डॉ संतोष के निजी अस्पताल ले गए, जहां उसकी नॉर्मल डिलीवरी हो गई। इसके कुछ देर बाद डॉक्टर ने खून की कमी बताकर बाहर से ब्लड मंगाकर रात तक उसे अस्पताल में ही रखा, लेकिन आखिर में डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए। परिजन जब उसे गुरुग्राम ले जाने लगे तो महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

परिजनों का आरोप है कि मनीता की अस्पताल में ही मौत हो चुकी थी, लेकिन डॉक्टर ने एम्बुलेंस चालक को कुछ भी बताने से मना कर दिया था, जिसके कारण उसने यह बात उन्हें अस्पताल से निकलने के बाद बताई। वहीं अस्पताल संचालक इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही से साफ इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि पेशेंट अपनी मर्जी से यहां आया था, इसमें मिलीभगत का कोई सवाल नहीं रह जाता है। बहरहाल, पुलिस ने डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा मृतका का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। अब देखना होगा कि अस्पताल प्रशासन इस मामले में क्या कार्यवाही अमल में लाता है।

 


 

Isha