हरियाणा में मेयर-चेयरमैन का सीधा चुनाव नहीं, कार्यकाल पर भी मंथन तेज

12/28/2017 10:24:35 AM

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश व चंडीगढ़ की तर्ज पर हरियाणा में भी नगर निगम के मेयरों और पालिकाओं के चेयरमैनों के कार्यकाल पर मंथन शुरू हो गया है। नगर निगमों के मेयर, नगर परिषद अौर नगर पालिकाअों के चैयरमैन का चुनाव सीधे नहीं कराया जाएगा। जबकि उनका कार्यकाल तय करने पर भी फैसला बाद में होगा। इससे पहले चंडीगढ़ समेत आस-पास के कुछ राज्यों की स्टडी की जाएगी, जहां इन जन प्रतिनिधियों का कार्यकाल 5 साल से कम है। इस संबंध में कैबिनेट सब कमेटी अपनी रिपोर्ट जल्द सरकार को सौंपेगी। बुधवार को विज कमेटी की तीसरी बैठक में इस मुद्दे पर अहम चर्चा हुई। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और सदस्य के तौर पर शहरी निकाय मंत्री कविता जैन व विधायक सीमा त्रिखा मौजूद थीं।

सरकार के ज्यादातर जनप्रतिनिधि अढ़ाई साल का कार्यकाल करने की मांग कर रहे हैं जबकि कुछ लोग चंडीगढ़ की तर्ज पर एक-एक साल का कार्यकाल करने की मांग कर रहे हैं। वहीं निगमों के 3 पदों मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर में से एक पद महिला के लिए आरक्षित करने की चर्चा भी चल रही है। बैठक में शहरी निकाय विभाग की ओर से प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण व निदेशक नितिन यादव बैठक में मौजूद रहे। बैठक में कैबिनेट सब-कमेटी हिमाचल की तर्ज पर अढ़ाई-अढ़ाई साल कार्यकाल किए जाने पर लगभग सहमत नजर आई। अभी इस मामले में पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश सहित सभी पड़ोसी राज्यों में मेयर के कार्यकाल का अध्ययन करने के निर्देश विभाग के अधिकारियों को दिए गए हैं। 

नगर निगमों, नगर परिषदों व नगरपालिकाओं में सरकार द्वारा मनोनीत किए जाने वाले पार्षदों को वोट का अधिकार देने का मुद्दा भी एजैंडे में शामिल था। इस पर कैबिनेट सब-कमेटी ने कानूनी राय लेने का फैसला लिया है। एडवोकेट जनरल की रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर निर्णय होगा।