डेंगू पीड़ित मासूम की मौत मामले में मेदांता हॉस्पिटल का लाईसेंस सस्पेंड

4/6/2018 5:19:30 PM

गुरुग्राम(सतीश): मेंदाता अस्पताल में डेंगू पीड़ित बच्चे के इलाज में दवाओं का एमआरपी  से अधिक मूल्य वसूलने के आरोप में स्वास्थ्य विभाग ने मेदांता अस्पताल का फार्मेसी लाइसेंस सात दिन के लिए निलंबित कर दिया है। जिला मेडिकल नेग्लिजेंसी बोर्ड की जांच में अस्पताल को दवाओं का तय से अधिक वसूलने का कसूरवास ठहराया गया था। जिसके बाद अस्पताल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया था। अस्पताल का जवाब संतोषजनक न होने के चलते स्वास्थ्य विभाग ने यह कार्रवाई की है।

गौरतलब है कि राजस्थान के धौलपुर निवासी गोपेंद्र सिंह परमार ने अपने आठ वर्षीय बेटे शौर्य प्रताप को डेंगू होने पर 29  अक्तूबर को मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया था।  जहा इलाज के दौरान डाक्टरों ने 16 लाख के आसपास का बिल बनाया था। बाद में पीड़ित परिवार बच्चे के इलाज के लिए दिल्ली ले गए। 22 नवंबर को दिल्ली में   बच्चे की मौत हो गई थी। इस मामले में गोपेंद्र ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग को शिकायत दी थी।

शिकायत पर हुई कार्रवाई में जिला मेडिकल नेग्लिजेंसी बोर्ड ने अस्पताल को बच्चे के इलाज में दी गई दवाओं का तय रेट से अधिक वसूलने का दोषी ठहराया है। जांच के आधार पर अब स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल का फार्मेसी लाइसेंस 7  दिन के लिए  निलंबित कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो जिस ब्लड का रेट 400 रूपये है, उसे 1950 रूपये वसूले गए थे।  जिस कम्पनी की दवाई का रेट हरियाणा सरकार ने 5 रुपए 10 पैसे है, उसे दवाई कंपनी ने 9 रूपये कुछ पैसे का एमआरपी लगाया है, इसलिए दवाई कंपनी के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नोटिस भेजा गया। 

ड्रग इंस्पेक्टर संदीप गाहल्यान ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग सभी दवाइयों की जांच कर रहा है। शौर्य के इलाज के दौरान जिस डॉक्टर ने दवाई लिखी थी, बिल पर उस डॉक्टर का नाम तक नहीं है। दवाइयों की बिल का पूरा रिकॉर्ड मेदांता ने नहीं रखा है। इंजेक्शन बेचने में जिस डॉक्टर का नाम लिखा गया था पूरी डिटेल भी मेदांता नहीं दिया है। जानकारी के  मेदांता अस्पताल ने पीड़ित परिवार को इलाज के दौरान सभी पैसे वापस कर दिए इसलिए पीड़ित परिवार अपनी आर्थिक तंगी के चलते मेदांता अस्पताल से आउट ऑफ़ कोर्ट सेटल कर लिया है।

Shivam