बेनतीजा रही रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी व परिवहन विभाग की बैठक, हड़ताल रहेगी जारी

10/21/2018 8:48:27 PM

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा रोडवेज की हड़ताल को मद्देनजर रखते हुए रविवार को परिवहन विभाग के अधिकारियों व रोडवेज कर्मचारी के तालमेल कमेटी के बीच हुई बैठक विफल रही। करीब चार घंटे की मैराथन बैठक में चार से पांच बार वार्ता की गई। हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी की डीजी परिवहन के साथ, एसीएस धनपत सिंह और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव आरके खुल्लर ने भी वार्ता की। बैठकों में सरकार और कर्मचारियों के बीच कोई नियत परिणाम नहीं निकल सका, जिसके बाद यूनियनों ने हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया।

बैठक में हुई प्रमुख वार्तालाप
ओवरटाईम में मिलता है 65 हजार रूपये प्रति कर्मचारी
बातचीत के दौरान ट्रांसपोर्ट विभाग के एसीएस धनपत सिंह ने कहा कि रोडवेज की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। कर्मचारियों को हर महीने 130 करोड़ रुपए का ओवरटाइम दिया जाता है जो प्रति व्यक्ति करीबन 65000 रूपये बैठता है। इसके बाद रोडवेज यूनियन के कर्मचारी बिखर गए उनका कहना था कि कर्मचारी जान हथेली पर रखकर 13 घंटे ड्यूटी करते हैं। वह अपनी मेहनत का पैसा मांग रहे हैं ना कि काम चोरी का। साथ ही रोडवेज के कर्मचारियों का कहना था कि यदि सरकार को उनके ओवरटाइम से ज्यादा ही दिक्कत है तो नए कर्मचारी भर्ती कर कर ले और ओवरटाइम ना दें।

बैठक में रोडवेज यूनियन के सदस्यों ने बताया कि सरकार निजी बसों को चलाने के लिए उन पर शोषण कर रही है। उन्हें बार-बार धमकाया जा रहे हैं गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया जाता है और रोडवेज की हड़ताल के कारण जो नुकसान हो रहा है वह सरकार की जिम्मेवारी है। कर्मचारियों ने 720 निजी बसों को प्रति किलोमीटर स्कीम के तहत चलाने को फैसले को वापिस लेने की प्रमुख मांग रखी, जिसपर डीजी के अधिकार क्षेत्र से बाहर होने की वजह से सहमति नहीं बन सकी। 

सरकार रोडवेज विभाग यूनियनों को सौंप दे: यूनियन
रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने मांग की कि सरकार कर्ज लेकर बसें रोडवेज यूनियन को सौंप दे। यूनियन बसों की किस्ते ब्याज सहित वापस करने की तैयार हैं। यूनियन का कहना था कि रोडवेज विभाग जनता के लिए बनाया गया है, इसका निजीकरण ठीक नहीं रहेगा। आज गांव से भारी संख्या में लड़कियां शहरों में पढऩे आती हैं। ऐसे में यदि सरकार ने निजी बसें शुरू कर दी तो सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर बड़े सवाल उठ जाएंगे।

सरकार को जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता: खुल्लर
बातचीत के दौरान एक बार फिर पिछले साल सरकार के साथ हुई बैठक में मांगों पर बनी सहमति का मुद्दा उठ गया। इस पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव आरके खुल्लर ने कहा कि सरकार ने हाईकोर्ट में 2016-17 की परिवहन नीति को वापस लेने के लिए हाईकोर्ट में एफिडेविट दे दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने नई पॉलिसी के पास होने तक इस पर स्टे लगा दिया था, जो सुप्रीम कोर्ट तक भी जारी रहा। ऐसे में सरकार को मांग पूरी करने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।



बातचीत के दौरान जमकर दोनों तरफ से बहस हुई। सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव आरके खुल्लर जहां बस चलाने को लेकर दबाव बनाए, वहीं यूनियन कि तालमेल कमेटी किलोमीटर आधारित बसों के टेंडर रद्द करने और उसकी फिर से जांच करने की मांग कर रही है।

तालमेल कमेटी का दावा है कि 510 बसों को अब तक जो टेंडर दिए गए हैं उसमें भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी जांच करवाई जाए साथ ही रोडवेज के बेड़े में नई बसें शामिल करवाई जाएं ताकि जनता को सुविधाएं मिल सकें, क्योंकि प्राइवेट बसों के ऑपरेटर रोडवेज की तरह लोगों को फ्री में कुछ सुविधाएं नहीं देंगे, जिससे जनता को परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि उनके पास कई गांव से प्रस्ताव भी आए हैं, जिसमें उन्होंने सरकारी बसों की मांग की है। यूनियन का यह भी कहना है कि प्राइवेट बसों के शुरू करने से रोजगार में कमी आएगी एक प्राइवेट बस के शुरू करने से करीब 6 लोगों के रोजगार खत्म हो जाएंगे। इसलिए सरकार जनहित को देखते हुए प्राइवेट बसें ना चलाए।

सरकार ने विभाग का निगमीकरण करने का मन बनाया
वहीं कर्मचारी नेता सरबत सिंह पुनिया ने बताया कि प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के मुताबिक, सरकार परिवहन विभाग को निगम में बदलने का पूर्ण रूप से मन बना चुकी है। जिसके बाद ही कर्मचारियों ने बीच में ही बातचीत छोड़ बाहर आ गए। जिन्हें परिवहन विभाग के महानिदशेक पंकज अग्रवाल रोडवेज दोबारा बातचीत के लिए मनाने बाहर आए। जिसके बाद रोडवेज कर्मचारिओं की सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर समेत परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ तीसरे दौर की बातचीत शुरू हुई।

बता दें कि रोडवेज कर्मचारी हरियाणा सरकार की किलोमीटर स्कीम के तहत 720 निजी बसों को बेड़े में शामिल करने के विरोध में चक्काजाम किया हुआ है। वहीं इस चक्काजाम के चलते बीते दिन शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हड़ताली कर्मचारियों के पदाधिकारियों को मुद्दे पर बातचीत के लिए आज की तारीख निश्चित कर बुलाया था।

Shivam