मंत्री मंडल व पदाधिकारियों की बैठक, कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

4/2/2022 6:21:55 PM

चंडीगढ़(धरणी): राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष के पंचकूला आगमन पर हरियाणा सरकार मंत्रिमंडल बैठक आयोजित की गई। बैठक में हरियाणा सरकार के समस्त मंत्रीगण सहित राष्ट्रीय महामंत्री एवं हरियाणा प्रभारी विनोद तावड़े,  मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। जिसमें सबसे मुख्य मुद्दा चंडीगढ़ पर पंजाब विधानसभा द्वारा पारित एक तरफा हक जताने का विषय रहा। बैठक में कहा गया कि चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है,  हरियाणा व पंजाब दोनों की राजधानी है। चंडीगढ़ में कर्मचारियों के लिए केंद्र के सेवा नियम 1/01/86 से 31/031991 लागू होते रहे।

पंजाब में केंद्र से अधिक वेतनमान देने प्रारंभ किये तो कर्मचारी संगठनों ने पंजाब के वेतनमान की माँग की और उन्हें लागू किया गया। अब पंजाब के वेतनमान कम रह गये तब केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों ने फिर केंद्रीय सेवा नियमों की माँग की,  केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ के कर्मचारियों के बेहतर वेतनमान के लिये उनकी माँग को सहर्ष स्वीकार कर लिया।

चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है। केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले लभि, 60 वर्ष तक नौकरी व अच्छे वेतनमान उन्हें मिलने ही चाहिये। इसके अलावा शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र भी बढ़कर 65  साल हो जाएगी. महिला कर्मचारियों को चाइल्ड केयर के लिए 2 साल की छुट्टी भी मिलेगी, चंडीगढ़ के कर्मचारियों को होने लाभ को रोकने के लिये पारित प्रस्ताव निंदनीय हैं।

उपरोक्त प्रस्ताव के बहाने से, चंडीगढ़ पर अकेले पंजाब का हक जताने का निंदनीय प्रस्ताव पारित करना गैर वैधानिक है। चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी हक़ व सदैव रहेगा। हरियाणा भारतीय जनता पार्टी पंजाब के हक़ मारने के प्रस्ताव की घोर निंदा करती है तथा सभी हरियाणा वासियों को अपने हक के लिये डट कर खड़ा होने का आह्वान करती हैं। हरियाणा सरकार चंडीगढ़ पर हरियाणा के हक के लिये दृढ संकल्प बद्ध है।

वहीं बैठक में SYL को लेकर भी चर्चा हुई  और कहा  कि अनेक झंझट व घुमावदार विभिन्न रुकावटों के बाद राष्ट्रपति के संदर्भ पर अब सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय हरियाणा के पक्ष में आ चुका है। अब केवल कैनाल का बनना शेष है। पंजाब की नई सरकार तुरंत पंजाब क्षेत्र में SYL नहर का निर्माण कर, हरियाणा के किसानों के हित का 19 लाख एकड़ फुट पानी देना चाहिए, हरियाणा लगातार 40 लाख एकड़ फुट पानी घाटा सहन करते हुये, लगातार डार्क जोन की तरफ जा रहा है।

हर हरियाणावासी व हरियाणा सरकार भी इस पानी को लाने के लिये हर स्तर पर लड़ने के लिये संकल्प बद्ध है। पंजाब के किसान संगठनों ने भी आंदोलन के समय हरियाणा के किसानों के हक़ पानी मिले इसके सद्भावपूर्ण अभिव्यक्ति व्यक्त हुई थी। भारतीय जनता पार्टी इन दोनों मुद्दों के लिये जिला स्तर पर रोष व्यक्त करते हुये ज्ञापन सौंपेंगीं।


 

Content Writer

Vivek Rai