ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ हो रहा खिलवाड़, डेढ़ दर्जन लोग पी रहे हैं दूषित व बदबूदार पानी

12/27/2019 10:48:40 AM

भिवानी (पंकेस) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत का सपना दादरी जिला में कोई मायने नहीं रखता। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि जिला के दर्जनों गांवों में आज भी ग्रामीण स्वच्छ पेयजल के अभाव में दूषित पानी का प्रयोग करने को विवश हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति पिछले लम्बे समय से भागवी सहित करीब डेढ़ दर्जन गांवों में बनी हुई है जिसके चलते स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने के नाम पर ग्रामीणों के स्वास्थ्य के  साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। 

यह खुलासा गांव भागवी निवासी अधिवक्ता संजीव तक्षक ने वीरवार को किया। उन्होंने बताया कि गांव का अधिकतर गंदा पानी जोहड़ में स्टोर होता है, जहां कभी पूरे गांव के पशु पानी पीते थे। आज यह जोहड़ गंदे पानी का तालाब बन चुका है। अधिवक्ता ने बताया कि जोहड़ के एक किनारे पर पानी की बड़ी मोटर की सहायता से पाइप लाइन से नहर बधवाना माइनर  के अंदर गंदे पानी को लगातार डाला जाता है।

पाइप लाइन गांव के प्रसिद्ध मंदिर परिसर  की 15-20 एकड़ जमीन से होकर गुजरती है। इस पाइप लाइन से गंदा पानी लीक होकर बहुत ज्यादा मात्रा में निकल रहा है। सैंकड़ों ग्रामवासी सुबह-शाम पूजा-अर्चना करने जाते हैं और उस गंदे पानी में हाथ धोकर अपने को पवित्र भी कर रहे हैं। जहां पर नहर में यह पानी डाला जाता है उससे 50 मीटर की दूरी गांव के वाटर टैंक में वही पानी आता है और उसी पानी का प्रयोग फिर सारा गांव करता है।

इसी प्रकार दुबलधन, माजरा, बिगोवा, इमलोटा, सरूपगढ़, सांतौर, कन्हेटी, अचीना, बांस, झींझर, समसपुर, खातीवास, चरखी, रावलधी, मिर्च आदि गांवों की भी यही स्थिति है। उनका आरोप है कि दूषित या बरसात की निकासी का पानी नहरों में डाला जाता है, जो लोगों के घरों में सप्लाई हो रहा है। अधिवक्ता संजीव तक्षक ने उपरोक्त सभी समस्याओं से रू-ब-रू करवाते हुए प्रशासन व सरकार को इस ओर ध्यान देने की अपील की है।
 

Isha