प्रवासी मजदूरों ने किया बिहार चुनाव का बहिष्कार, कहा- साहब हमें तो दो वक्त की रोटी चाहिए
10/13/2020 8:18:56 PM
रोहतक (दीपक): लॉकडाउन में बद से बत्तर हालातों का सामना कर पेट की आग बुझाने अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर आए प्रवासी मजदूरों के लिए बिहार चुनाव कोई मायने नहीं रखता। बेबसी देखिए बिहार में बाढ़ और लॉकडाउन का दंश झेल रहे प्रवासी मजदूरों को हरियाणा में भी काम नहीं मिल रहा, हालात ये हो चले हैं की जेब में रखे पैसे भी खत्म हो चले हैं। मजबूरी और बेबसी में रहने को मजबूर ऐसे प्रवासी मजदूरों का सिर्फ इतना ही कहना है कि "पेट में दो रोटी चाहिए साहब बिहार चुनाव नहीं" प्रवासी मजदूरों ने स्पष्ट कर दिया है कि वो बिहार चुनाव में वोट डालने नही जाएंगे, क्योंकि वोट से पेट नहीं भरता।
लॉकडाउन की वजह से भुखमरी की कगार पर पहुंचे प्रवासी मजदूर हरियाणा से बिहार चुनाव में वोट डालने नहीं जाएंगे। मजदूरों ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें पेट में रोटी चाहिए चुनाव नहीं। यही नहीं मजदूरों ने तो यहां तक कहा कि सरकार से उन्हें मिला ही क्या है जो वो वोट डालने जाएं। दरअसल लॉकडाउन में फैली भुखमरी आज भी प्रवासी मजदूरों का पीछा नहीं छोड़ रही है। लॉकडाउन के दौरान हजारों लाखों प्रवासी मजदूर बिहार पलायन कर चुके हैं। किसी भी व्यक्ति के भूखे न रहने के सरकार के दावों की हवा निकलने के बाद प्रवासी मजदूर धीरे धीरे दूसरे राज्यों में काम की तलाश में निकलने लगे हैं।
विडंबना देखिए परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर पहुंचे प्रवासी मजदूरों के हालात फिर खराब होने लगे हैं। हरियाणा में काम न मिलने के चलते मजदूर भूखे मरने की कगार पर हैं, हालात ये हो चले हैं कि जो पैसा ये मजदूर घर से लेकर आए थे वो भी खर्च हो चले हैं। अब इन मजदूरों के भूखे मरने के हालात हो गए हैं, जो इन्होंने कभी सोचा भी नहीं था।हालातों के आगे बेबस प्रवासी मजदूर ये सोच कर पहली बार हरियाणा आए हैं कि उन्हें कुछ काम मिलेगा। धान की कटाई के लिए आए इन मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। प्रवासी मजदूरों का कहना है कि पिछले 10-12 दिनों से कोई काम नहीं लग रहा है, इसलिए जो पैसा घर से लेकर आए थे उन्हें भी खर्च कर चुके है।
मजदूरों का कहना है कि सरकार ने जो दावे किए थे वो ज्यादा कारगर साबित नहीं हुए है, इसलिए वो बिहार चुनाव में वोटिंग के लिए नही जाएंगे। बल्कि यही रहकर काम की तलाश करेंगे। उन्होंने कहा कि यहां काम नहीं लगा और घर से बार बार पैसों के लिए फोन आ रहे हैं, हम यहां भी भूखे मरने की कगार पर पहुंच गए हैं। गौरतलब है बिहार के दरभंगा जिले से काफी मजदूर पहली बार हरियाणा में धान की कटाई के लिए दिहाड़ी करने आए है, लेकिन यहां भी काम न मिलने की वजह से भूखे मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं।