गांवों की तरफ निकले प्रवासियों ने सिसक कर कहा- 'इससे अच्छा तो भगवान हमें मौत दे दे'

5/5/2020 4:52:18 AM

फरीदाबाद (अनिल राठी): हरियाणा में रह रहे राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और बिहार के लोगों के पलायन का सिलसिला दोबारा से शुरू हो गया है। भले ही प्रशासन और सरकारें प्रवासी लोगों के लिए सुविधाएं देने के कितने ही दावे क्यों ना कर रहे हों, बावजूद इसके प्रवासी पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान मूलभूत सुविधाओं से वंचित ये गरीब प्रवासी अब भगवान से मौत मांगने लगे हैं। कुछ ऐसा ही वाकया फरीदाबाद में देखने को मिला है।



सोमवार को प्रवासियों का एक जत्था दिल्ली-फरीदाबाद बाईपास से अपने गांव के लिए निकला तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया और आगे जाने से साफ तौर पर इंकार कर दिया। दरअसल, प्रवासी सेंटरों में यहां पर पिछले कई दिनों से प्रवासी मजदूरों का रहन-सहन हो रहा था। सोमवार सुबह 6 बजे जब उत्तर प्रदेश के बदायूं और मध्य प्रदेश के रीवा की तरफ जाने के लिए दो अलग-अलग जनसमूह निकला तो सेक्टर 3 के पास बाईपास रोड पर पुलिस की गाड़ी ने उन्हें रोक लिया।

इस दौरान एक प्रवासी महिला शकुंतला ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि वह उत्तर प्रदेश जा रही हैं, क्योंकि फरीदाबाद में ना सही ढंग से उन्हें खाना मिल रहा है और ना ही पानी मिल रहा है। वे लोग आखिर करें तो क्या करें, कोई देखने वाला तक नहीं है। उम्मीद खो चुकी शकुंतला ने यह तक भी कह दिया कि यदि भगवान उन्हें मौत दे दे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।



एक अन्य परिवार के साथ मध्य प्रदेश के रीवा शहर जा रहे युवक राम शरण ने बताया कि कंपनियां बंद पड़ी हैं, उनके पास कामकाज भी नहीं है। उनके पास जितना भी पैसा था अब वह पूरी तरह से खर्च हो चुका है, इसलिए वे पैदल परिवार के साथ अपने गांव जा रहे हैं। कुछ पता नहीं है यह दुर्दशा कब तक रहने वाली है। उत्तर प्रदेश के बदायूं अपने परिवार के साथ जा रही मंजू देवी की माने तो अब उनका फरीदाबाद में रहना मुश्किल हो गया है इसलिए वे अपने परिवार के साथ गांव जा रहे हैं।



वहीं इन लोगों को रोकने वाले सब इंस्पेक्टर की मानें तो उन्हें नहीं लगता कि इन्हें फरीदाबाद में खाना पीना नहीं मिल रहा होगा। हालांकि दावे तो हजार है लेकिन उन दावों की असलियत कहीं भी दिखाई नहीं देती, इसलिए तो यह प्रवासी लोग एक बार फिर से अपने गांव की तरफ प्रस्थान करने लगे हैं। 

Shivam