सरकार की नई पॉलिसी के खिलाफ मिलर्स ने की हड़ताल, मांगों को लेकर उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन

12/28/2023 4:44:18 PM

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): हरियाणा के राइस मिलर सरकार की नई पॉलिसी के विरोध में हड़ताल पर हैं। गुरुवार को उन्होंने प्रदेश भर में प्रदर्शन किया और जिला उपयुक्त के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा। संगठन की बैठक के बाद बृहस्पतिवार को यमुनानगर के राइस मिलर यमुनानगर अनाज मंडी में इकट्ठा हुए और अपनी मांगों को लेकर जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने फोर्टीफाइड राइस के लिए बनाई गई नई पॉलिसी का विरोध किया है। मिलर्स का कहना है कि हर साल नवंबर में मिलर सरकारी गोदाम में चावल लगाना शुरू करते थे, लेकिन सरकार की पॉलिसी की वजह से यह लेट हो गया है जिसमें उनका नुकसान है।

प्रदेश भर में नवंबर महीने में धान की खरीद बंद हो गई थी। इसके बाद राइस मिलर फिजिकल वेरिफिकेशन होने के बाद मिलिंग शुरू करने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन इस बार सरकार ने नियमों में फेरबदल करते हुए राज्य स्तरीय टीमों से फिजिकल वेरिफिकेशन करवाई। जिसके चलते अभी तक  परमिशन सही ढंग से नहीं मिल पाई है। वहीं दूसरी तरफ फोर्टीफाइड चावल के लिए भी नई शर्तें लागू कर दी गई है। राइस मिलर्स के मुताबिक पिछले साल तक ठेकेदारों के जरिए उन्हें फोर्टीफाइड राइस उपलब्ध करवाया जाता था जिसकी गुणवत्ता की गारंटी ठेकेदार को ही देनी होती थी, लेकिन इस बार सरकार ने नई शर्तें लागू करते हुए राइस मिलर को कहा कि फोर्टीफाइड राइस खरीद कर सरकारी चावल की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए मिक्स करने की हिदायत दी गई है।

इसके साथ ही उसकी गुणवत्ता की जिम्मेदारी भी राइस मिलर को ही दी गई है। जिसका राइस मिलर कड़ा विरोध कर रहे हैं। वहीं राइस मिलर्स का कहना है कि फोर्टीफाइड राइस पर उन्हें 18 फ़ीसदी जीएसटी देनी पड़ती है। जिसमें से उन्हें सिर्फ पांच फ़ीसदी ही वापस मिलती है। जिससे उनका बड़ा नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि देरी से चावल लगाने पर भी उन पर जुर्माना लगाया जाता है। इस साल अभी तक सरकार की नई शर्तों के मुताबिक मिलिंग शुरू न होने के चलते उन्हें जनवरी महीने तक की छूट दी जानी चाहिए।

बता दें कि इस बार सरकार ने नई शर्तें लागू करते हुए राइस मिलों से दूर स्थित गोदामों में चावल लगाने की परमिशन दी है, जो राइस मिलरों के गले नहीं उतर रही। फिलहाल देखना होगा राइस मिलों की हड़ताल कितनी लंबी चलती है, क्या सरकार अपने नए नियमों में कोई बदलाव लाएगी या नहीं।

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Content Editor

Saurabh Pal