राई स्पोर्ट्स स्कूल मामला: वि.स. स्पीकर के फैसले से संतुष्ट नहीं विधायक दहिया

7/7/2017 7:47:19 AM

सोनीपत:राई स्पोर्ट्स स्कूल की प्रिंसीपल व आई.जी. भारती अरोड़ा की ओर से राई के विधायक जयतीर्थ दहिया को भेजे मानहानि के नोटिस के मामले में स्पीकर ने सुलह के प्रयास सफल होते दिखाई नहीं दे रहे। विधायक ने इस मामले में फिर से विशेषाधिकार प्रस्ताव की अर्जी भेजने का निर्णय लिया है। विधायक का कहना है कि विधानसभा स्पीकर ने स्वयं माना है कि संसदीय व्यवस्था में सरकारी पैसे की देखरेख का काम चुने हुए प्रतिनिधि का होता है। ऐसे में अगर उन्होंने स्कूल की खरीद प्रक्रिया पर सवाल उठाया और मुद्दा विधानसभा तक लेकर गए तो क्या गलत किया। उन्होंने कहा कि उनके पास सरकार की वह ऑडिट रिपोर्ट की कॉपी भी है जिसमें वित्त विभाग ने माना है कि नियमों को ताक पर रखकर सामान खरीदा गया।

गौरतलब है कि विधायक जयतीर्थ दहिया द्वारा लगातार यह मामला उठाया जा रहा था। दहिया इस मामले में विधानसभा में सवाल भी पूछ चुके हैं। इस पर सरकार ने इस तरह की किसी भी गड़बड़ी से साफ  तौर पर इन्कार कर दिया था लेकिन कुछ दिन बाद ही सरकार ने ऑडिट रिपोर्ट को आधार बनाकर यहां की लेखाधिकारी को निलंबित कर दिया और कहा कि नियमों के विरुद्ध खरीद की गई है। इसी मुद्दे को विधायक जयतीर्थ दहिया उठाए हुए हैं और इस तमाम खरीद-फरोख्त में हुई गड़बड़ी के लिए स्कूल पिं्रसीपल को ही जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं। इसे लेकर यहां की प्रधानाचार्य व निदेशक आई.जी. भारती अरोड़ा ने विधायक जयतीर्थ दहिया को मानहानि का नोटिस दिया था। इसे लेकर विधायक दहिया ने स्पीकर के यहां विशेषाधिकार हनन की अर्जी दी थी। इस पर स्पीकर ने भारती अरोड़ा को नोटिस देकर जवाब तलब किया था।

अब भारती अरोड़ा के जवाब के बाद बुधवार को स्पीकर ने इस बारे में अपना फैसला सुनाया है। इसमें स्पीकर की ओर से साफ  कर दिया है कि चुने हुए प्रतिनिधि का दायित्व बनता है कि वह सरकारी पैसे की देखरेख करे। साथ ही कहा गया है कि धारा 194 के तहत इस तरह के किसी भी मामले को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती लेकिन इसके साथ ही स्पीकर ने कहा है कि अगर किसी व्यक्तिगत छवि को खराब करने की बात कही गई है तो यह मानहानि के दायरे में आता है।

विधायक का कहना है कि पूरे मामले में स्पीकर ने ही साफ कर दिया है कि वह जो कुछ गतिविधियां चला रहे हैं वह नियमानुसार सही हैं। साथ ही भारती अरोड़ा ने खुद रिप्लाई व लीगल नोटिस में कहीं भी यह नहीं कहा कि राई के विधायक ने उन पर कोई व्यक्तिगत आरोप लगाया है। बावजूद इसके भारती अरोड़ा के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया व न ही प्रिविलेज कमेटी में भेजा। उन्होंने कहा कि भारती अरोड़ा ने उन्हें नोटिस देकर सीधे तौर पर धमकाने की कोशिश की है। यही मुद्दा विधानसभा में भी उठाया गया था और आगे भी जारी रहेगा, लेकिन उनका व्यक्तिगत तौर पर किसी से कोई मनमुटाव नहीं है। ऐसे में वह इस जवाब से संतुष्ट नहीं हैं और फिर से विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर स्पीकर के पास जाएंगे।