नूंह में मोब लिंचिंग: दुधारू गाय ला रहे अकबर की पीट-पीटकर हत्या

7/21/2018 6:59:05 PM

नूंह(एके बघेल): राजस्थान के अलवर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत तथा कथित गौरक्षकों द्वारा दुधारू गाय लेकर अपने गांव कोलगांव मेवात लाते समय अकबर खां उफऱ् रकबर एवं असलम पुत्र शेर मोहमद निवासियान कोलगांव पर भीड़तंत्र का कहर टूट पड़ा। इस घटना 40 वर्षीय अकबर की पिटाई से मौत हो गई, वहीं असलम जान बचाकर भाग निकला। अकबर की मौत से कोलगांव में मातम पसरा है, वहीं असलम अपने गांव कोलगांव में जख्मों का इलाज करा रहा है। ग्रामीणों की भारी भीड़ अकबर शव लेने के लिए अलवर राजस्थान गई हुई है।



जानकारी के मुताबिक अकबर अपने दोस्त असलम के साथ राजस्थान के अलवर जिले के खानपुर गांव से 60 हजार रुपये की नकदी लेकर गाय लेने गया था। गरीब अकबर ने गाय खरीदकर पैसे बचाने के चक्कर में 15 दिन पहले ब्याई हुई गाय और बछड़े को लेकर चल दिया। जब वे अलावड़ी गांव के पास पहुंचे तो बाइक से गाय बिदक गई और अकबर से छुड़ाकर भाग गई। कपास के खेतों से अकबर और उसका दोस्त असलम गाय को पकडऩे गए तो चार तथाकथित गुंडे हथियारों से लैस आये और दोनों की पिटाई शुरू कर दी। अंधेरे और फसल का लाभ उठाकर असलम तो बच गया ,लेकिन भीड़तंत्र ने अकबर को मौत के घाट उतारकर ही दम लिया।

अकबर की बड़ी बेटी साहिला 14 वर्ष की है ,तो सबसे छोटी बेटी असीरा 2 साल की है। कुल 7 बच्चों को अब बाप का प्यार नसीब नहीं होगा। मृतक की पत्नी असमीना ने बताया कि गुंडों को फांसी की सजा होनी चाहिए। दूध की गाय लाने में हर्ज क्या है।

ग्रामीणों के मुताबिक गुंडे पशुओं को लूटकर उन्हें बेचते हैं। गौरक्षक की आड़ में चोला ओढ़ रखा है। घटना 20 जून शाम के समय की है। कोलगांव राजस्थान की सीमा से नजदीक है। इसलिए गरीब मजदूर ने पैदल गाय लाना ही ठीक समझा था। उन्होंने बताया कि यह कोई पहला मामला नहीं है, राजस्थान में अब तक मॉब लिंचिंग की घटनाओं में आधा दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। गौरक्षा की आड़ में भीड़तंत्र का कानून हाथ में लेने वालों पर पीएम नरेंद्र मोदी की अपील और सुप्रीमकोर्ट के आदेशों का भी कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है।

Shivam