हुड्डा खुद बताएं कि 2004 से 2014 तक हरियाणा में उन्होंने क्या-क्या कारनामे किए: मूलचंद शर्मा

10/20/2021 9:06:58 PM

चंडीगढ़ (धरणी): पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा सरकार के 2 साल के कार्यकाल में हुई कमियों को जनता के सामने प्रस्तुत करने के लिए विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम चलाया गया है, लेकिन सत्ता पक्ष के लोग भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर खुले मन से कटाक्ष करते दिख रहे हैं। प्रदेश के परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि हुड्डा खुद बताए कि 2004 से 2014 तक हरियाणा में उन्होंने क्या-क्या कारनामे किए हैं ? भाई-भतीजावाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार इनकी सरकार में हुए। प्रदेश के लोग इनसे हिसाब करने के लिए तैयार बैठे हैं। आज बिना खर्ची-बिना पर्ची, सबका साथ-सबका विकास चल रहा है। आज गरीब का बेटा नौकरी पर लग रहा है। चाय बेचने वाले का, धोबी का, आम गरीब का बेटा आरटीओ, डीटीओ, डीएसपी, तहसीलदार लग रहा है, लेकिन पिछली सरकारों में सत्ता के इर्द-गिर्द रहने वाले ही लोग नौकरी लगे। इस बात का जवाब लेने के लिए जनता तैयार बैठी है। 2024 में लोग हुड्डा को आईना दिखाने के लिए तैयार बैठे हैं।

मूलचंद शर्मा ने आए दिन हो रही आंदोलन में हिंसक घटनाओं पर बोलते हुए कहा है कि हमने बार-बार कहा है कि यह किसान आंदोलन नहीं है। यह सत्ता का आंदोलन है और इस सप्ताह के आंदोलन में सोनीपत, रोहतक, जींद जैसे 4-5 ही जिले मुख्यत हैं। कुछ लोग इन्हें उकसा रहे हैं। कहीं बलात्कार के केस, कहीं पेट्रोल डालकर आग लगाने के केस और अब सिंघु बॉर्डर पर इतनी भयानक हत्या सबके सामने है। यह आंदोलन इस तरह की घटनाओं का एक गढ़ बन चुका है। इनके खिलाफ सख्ती से कार्यवाही की जानी चाहिए। असली किसान खेत खलियान में है। इन आंदोलनकारी लोगों को खेती या किसान से कोई लेना-देना नहीं है। इनमें से यह चेक होना चाहिए कि कौन जमीन वाला है और कौन नहीं ? क्योंकि किसान कभी किसी को मार नहीं सकता। जीवन में बहुत से आंदोलन देखे लेकिन कभी किसी किसान ने किसी की हत्या, बलात्कार या पेट्रोल छिड़ककर किसी को जलाने जैसी घटना नहीं की। किसान कभी ऐसा काम नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा कि इस आंदोलन और डीजल के बढ़े रेटों के कारण परिवहन विभाग को नुकसान हो रहा है। किसान आंदोलन के कारण दिल्ली जाने के लिए उत्तरप्रदेश से घूमकर व केजीपी-केएमपी से बसों को जाना पड़ रहा है। जिससे सफर बहुत महंगा पड़ता है। जहां किसान बैठे हैं, बसों को वहां से रास्ता नहीं मिल रहा। इस कारण से विभाग को दो तरफ से मार पड़ रही है। विभाग इन दोनों कारणों से घाटे में है। हालांकि हरियाणा रोडवेज कोई कमाई का साधन नहीं है। यह आम लोगों की सेवा का माध्यम है। 

इससे कभी कमाई की उम्मीद नहीं की जाती। क्योंकि 42 कैटेगरी ऐसी हैं जिन्हें हरियाणा रोडवेज की तरफ से या तो सब्सिडी प्राप्त है या फिर बिल्कुल ही माफ है। हम नो प्रॉफिट नो लॉस पर काम करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि 380 बसों की जल्द ही बॉडी बन कर तैयार हो जाएगी और 31 मार्च तक यह बसें विभाग को मिल जाएंगी। इन्हें जिला अनुसार आवंटित किया जाएगा। इन बसों के बेड़े में शामिल होने से आमजन को काफी फायदा होगा।

इस मौके पर उन्होंने अपने खनन विभाग पर भी चर्चा करते हुए बताया कि लंबे समय से विभाग के पास अवैध माइनिंग की शिकायतें आ रही थी और भी कई प्रकार की शिकायतें आ रही थी। लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा वन टाइम सेटेलमेंट पॉलिसी बनाई गयी। इसके बनने के बाद रोजाना होने वाले इस प्रकार के विवाद खत्म हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना आने के कारण खनन विभाग का भी दूसरे विभागों की तरह काफी नुकसान हुआ है। क्योंकि उस दौरान कंस्ट्रक्शन का काम, हाईवे या स्टेट स्तर पर होने वाले काम या सरकारी महकमों के काम पूरी तरह से नहीं चल पाए। लोगों के दो-तीन महीने तक कारोबार बंद रहे। उसके बावजूद पिछले साल के 1023 करोड़ के रेवेन्यू के आसपास हम इस साल भी पहुंच जाएंगे। 

 

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Content Writer

vinod kumar